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परिवार को सुशील के करियर की सता रही चिंता, मीडिया ट्रायल रोकने के लिए अदालत का खटखटाया दरवाजा, आज होगी सुनवाई

Sagar Rana Murder Case : यह याचिका कानून के एक छात्र ने दायर की है. दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के संबंध में मीडिया द्वारा उनके खिलाफ रिपोर्टिंग करके कुमार के करियर और प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2021 9:34 AM

Sagar Rana Murder Case : दिल्ली उच्च न्यायालय गुरुवार को एक 23 वर्षीय पहलवान की हत्या के मामले में ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के मुकदमे को सनसनीखेज बनाने से मीडिया को रोकने की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष याचिका को पेश किया गया था और कोर्ट 28 मई यानि शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा.

करियर की सता रही चिंता

यह याचिका कानून के एक छात्र ने दायर की है. दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के संबंध में मीडिया द्वारा उनके खिलाफ रिपोर्टिंग करके कुमार के करियर और प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया. याचिका के अनुसार, अदालत में मुकदमे से पहले मीडिया में संदिग्ध का अत्यधिक प्रचार, या तो निष्पक्ष सुनवाई को कम करता है. बता दें कि कुमार को सह-आरोपी अजय के साथ 23 मई को बाहरी दिल्ली के मुंडका से गिरफ्तार किया गया था.

दिल्ली की एक अदालत ने 23 मई को शहर के छत्रसाल स्टेडियम में एक पहलवान की मौत में कथित संलिप्तता के मामले में गिरफ्तार पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस के मुताबिक, कुमार और उसके साथियों ने चार मई की रात स्टेडियम में साथी पहलवान सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों सोनू और अमित कुमार के साथ कथित तौर पर मारपीट की. बाद में धनखड़ ने दम तोड़ दिया.

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दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के धारा 302 (हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या), 365 (अपहरण), 325 (गंभीर चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. साथ ही आईपीसी की धारा 269 (बीमारी के संक्रमण फैलाने की लापरवाही से काम करने की संभावना), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) और शस्त्र अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं को भी शामिल किया है.

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