क्या पुजारा-रहाणे ने खेल लिया अपना आखिरी टेस्ट ? खराब प्रदर्शन के बाद भड़के फैन्स, ट्रेंड कर रहा #PURANE

फैन्स मीम्स के साथ थैंक्यू पुजारा-रहाणे भी लिख रहे हैं. दरअसल पुजारा और रहाणे पिछले कुछ साल से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद चयनकर्ता उन्हें टेस्ट में जगह दे रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2022 8:53 PM

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) आलोचकों के निशाने पर आ गये हैं. ट्विटर पर उनको नया नाम दे दिया गया है. खराब प्रदर्शन से नाराज फैन्स पुजारा और रहाणे को #PURANE के साथ लगातार ट्रोल कर रहे.

फैन्स मीम्स के साथ थैंक्यू पुजारा-रहाणे भी लिख रहे हैं. दरअसल पुजारा और रहाणे पिछले कुछ साल से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद चयनकर्ता उन्हें टेस्ट में जगह दे रहे हैं.

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दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर छह पारियों में पांच बार विफल होने के बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ काफी कुछ लिखा जा रहा है. टीम प्रबंधन लंबे समय से इन बातों को नजरअंदाज कर रहा है, लेकिन इस दौरे के बाद उनके लिए भी इन दोनों का बचाव करना मुश्किल होगा.

केपटाउन में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में जब टीम को इन दोनों बल्लेबाजों से सबसे ज्यादा मदद की जरूरत थी तब वे एक बार फिर से असफल रहे. पुजारा (9 रन) ने मार्को जेनसन की उठती गेंद लेग साइड में खेलनी चाही लेकिन कीगन पीटरसन ने लेग स्लिप में बड़ी खूबसूरती से उसे कैच कर दिया.

https://twitter.com/AbdullahNeaz/status/1481547952908734464

इसके बाद रबाडा की उठती गेंद रहाणे के दस्तानों को चूमकर विकेटकीपर काइल वेरेन के दस्ताने से लगकर हवा में उछली और डीन एल्गर ने बाकी काम पूरा किया. रहाणे इस पारी में सिर्फ अपना खाता ही खोल सके.

https://twitter.com/Sportscasmm/status/1481550173600104453

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर 22.66 की औसत से सिर्फ 136 रन बनाये जबकि पुजारा का आंकड़ा और भी खराब रहा. उन्होंने इस दौरान 20.66 की औसत से 124 रन बनाये. जब चेतन शर्मा और दूसरे चयनकर्ता भारत में अगली टेस्ट शृंखला के लिए टीम का चयन करेंगे, तो इस बात की पूरी संभावना है कि यह आंकड़े इन खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए काफी होंगे.

किसी और से ज्यादा इन दोनों खिलाड़ियों को भी इस बात का अंदाजा होगा कि उनके लिए समय समाप्त हो गया है. भारतीय क्रिकेट में किसी भी खिलाड़ी को लगातार असफल होने के बाद इतने मौके नहीं दिये गये है, जितने कि रहाणे और पुजारा को मिले हैं.

रहाणे और पुजारा पिछले दो वर्षों से लगातार असफल हो रहे हैं और उन्हें कभी-कभार ही सफलता मिली है. जबकि होना इसका विपरीत चाहिए था. पुजारा के रन बनाने की धीमी गति दूसरे बल्लेबाजों पर दबाव बना देती है. रहाणे की फुटवर्क में खामी रही है जिस पर वह लंबे समय से सुधार करने में नाकाम रहे है. तेज गेंदबाजों के खिलाफ ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर वह लगातार एक ही तरीके से आउट हो रहे है.

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