दुबई : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य ऐसा पहलू है जिसे उचित महत्व दिये जाने की जरूरत है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की उसकी समस्याओं पर अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है. रोहित ने यह बात उस दिन कही जब विराट कोहली ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से बातचीत में यह बात स्वीकार की कि उन्होंने खुद को मानसिक रूप से मजबूत दिखाने के लिये दिखावे का जोश दिखाया. कोहली ने कहा कि उन्होंने इंग्लैंड दौरे के 10 साल बाद पहली बार एक महीने के लिये बल्ले को नहीं छुआ.
जब रोहित से भारत के पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच की पूर्व संध्या पर इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझने वाले हर व्यक्ति के लिये हमदर्दी दिखायी. रोहित ने शनिवार को मीडिया से कहा, ‘हम इन सब चीजों के बारे में काफी बात करते हैं. पिछले कुछ समय से जब से कोविड-19 आया है, यह सिर्फ विराट के लिये ही नहीं बल्कि काफी खिलाड़ियों के लिये मुश्किल रहा है.’
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कप्तान ने कहा, ‘काफी खिलाड़ी मानसिक रूप से बहुत मुश्किल दौर से गुजरे हैं, बायो-बबल में रहना, होटल से बाहर नहीं जा सकने के कारण ऐसा हुआ. इसमें कुछ गलत नहीं है.’ क्रिकेटरों को दुनिया भर में यात्रा करने को मिलती है लेकिन कोविड-19 के बाद पांच सितारा होटल भी अकसर ‘एलीट’ जेल की तरह महसूस होते जहां खिलाड़ी बाहर नहीं निकल सकते. इससे समस्या हुई.
रोहित ने कहा, ‘क्योंकि आपने पूरी तरह से अलग तरह की जिंदगी बितायी थी और फिर आपको बबल में रहना पड़ा. दो महीनों तक होटल के अंदर रहना, पृथकवास. प्रत्येक खिलाड़ियों का इस पर प्रतिक्रिया करने का अलग अलग तरीका होता है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.’ कप्तान ने कहा कि इसलिये ही खिलाड़ियों का कार्यभार संभालना अहम हो गया.
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उन्होंने कहा, ‘अगर खिलाड़ियों का मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचार हैं तो हम अपने ग्रुप में इसके बारे में बात करते हैं, इसमें वे मानसिक रूप से तरोताजा होने के बारे में बात करते हैं और हम उन्हें किस तरह तरोताजा रख सकते हैं. ताजगी महत्वपूर्ण है. मानसिक रूप से आपको तरोताजा होना चाहिए. इसलिए मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है.