भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर लगातार टीम में बदलाव करने की नीति अपना रहे हैं. हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई वनडे और टी20 सीरीज में भारत ने प्रत्येक मैच में अलग-अलग बल्लेबाजी क्रम अपनाया. टी20 में संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा की ओपनिंग जोड़ी को छोड़कर किसी भी बल्लेबाज की पोजीशन तय नहीं थी. वनडे सीरीज में भी यह इसी तरह जारी रही. गंभीर का यह दृष्टिकोण टी20 और वनडे में अब तक मिश्रित परिणाम दे रहा है. टेस्ट क्रिकेट में लगातार दो सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ सफेद गेंद की सीरीज जीती, लेकिन पूर्व क्रिकेटर जहीर खान का मानना है कि टीम में अस्थिरता और असुरक्षा पैदा होने की आशंका बन सकती है. जहीर खान ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लंबे समय में आपको ही नुकसान पहुंचाएगा.
भारत के पूर्व क्रिकेटर जहीर खान ने कहा है कि भारतीय टीम प्रबंधन बल्लेबाजी क्रम में लचीलापन लाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उचित संवाद के अभाव में इससे खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना भी पैदा हो सकती है. भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर के पूर्व साथी जहीर ने चेतावनी दी कि यह दृष्टिकोण भारतीय टीम को किसी समय नुकसान पहुंचा सकता है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में कप्तान सूर्यकुमार यादव ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी की थी. दूसरे मैच में तिलक वर्मा ने यह स्थान लिया. तीसरे मैच में सूर्यकुमार फिर से उसी स्थान पर आ गए, यह ‘लचीलापन’ था, जो जहीर को पसंद नहीं आया. पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि लचीलापन ठीक है, लेकिन यह नियमों के दायरे में होना चाहिए, अन्यथा इससे टीम के खिलाड़ियों में ‘असुरक्षा’ पैदा हो सकती है.
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने गंभीर की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि टीम में लचीलापन रखा जाता है, तो उसमें कुछ स्पष्ट नियम और दिशानिर्देश भी होने चाहिए. उन्होंने क्रिकबज से बातचीत में कहा, “आपने कहा है कि आपको लचीलापन रखना होगा. नंबर एक और दो तो फिक्स होंगे, लेकिन अन्य खिलाड़ियों को भी स्पष्टता मिलनी चाहिए. इस लचीलेपन के तहत कुछ प्रोटोकॉल होने चाहिए, ताकि खिलाड़ियों में असुरक्षा न पैदा हो. यदि ऐसा नहीं होता, तो यह आगे चलकर टीम के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.” ज़हीर ने आगे कहा, “आप असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं, जो किसी न किसी स्तर पर वापस आकर आपको नुकसान पहुंचाएगी. आप नहीं चाहेंगे कि ऐसा हो. इसलिए आपको उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा.”
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जहीर खान ने यह भी कहा कि राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग शैली में बड़ा अंतर है. उन्होंने कहा, “यदि आप राहुल द्रविड़ के दृष्टिकोण और गौतम गंभीर के दृष्टिकोण की तुलना करें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि स्थिति बहुत गतिशील हो गई है. कोई इसे अच्छा, बुरा या बदसूरत कह सकता है. हर व्यक्ति इस तंत्र का हिस्सा है, चाहे टीम मैनेजमेंट हो या खिलाड़ी. आपको इसका आंकलन करना होगा, इस पूरी तरह अनुकूलित करने का आवश्यकता है.”
पहले वनडे में रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल ने ओपनिंग की, जबकि दूसरे वनडे में रोहित शर्मा और शुभमन गिल पारी की शुरुआत करने उतरे. पहले मैच में श्रेयस अय्यर को जगह मिली, लेकिन उन्होंने खुद यह स्वीकार किया कि अगर विराट कोहली उपलब्ध होते तो वह शायद खेलते ही नहीं. गंभीर की इस रणनीति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. यदि कोहली नंबर 3 पर अपनी जगह बरकरार रखते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि शुभमन गिल को नंबर 4 पर खिलाने की योजना बनाई जा रही है! वनडे क्रिकेट में श्रेयस अय्यर का औसत लगभग 50 है, ऐसे में उन्हें टीम से बाहर रखना भी मुश्किल फैसला होगा.
इसके अलावा, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैचों में अक्षर पटेल को नंबर 5 पर भेजा गया, जबकि केएल राहुल और हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को नीचे के क्रम में रखा गया. एक और दिलचस्प पहलू यह है कि इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए वनडे मैचों में केएल राहुल को पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. अक्षर पटेल को उन पर प्राथमिकता दी गई और उन्होंने 52 और 41 रन की पारी खेली. यदि चैंपियंस ट्रॉफी में भी राहुल को नंबर 5 पर बल्लेबाजी करनी होगी, तो इस स्थान के लिए ऋषभ पंत उनसे बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं, क्योंकि वे मध्यक्रम में अधिक आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं.
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