भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन फिर लड़ेंगे हैदराबाद क्रिकेट संघ का चुनाव, दूसरे कार्यकाल की तैयारी
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन एक और कार्यकाल के लिए हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने नामांकन कर दिया है. हैदराबाद क्रिकेट संघ भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है. अजहर ने इसे आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दुहराया है.
नयी दिल्ली : भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) में अध्यक्ष पद के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ इस क्रिकेट संघ में भ्रष्टाचार को खत्म करने का मंगलवार को वादा किया. एचसीए के उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एल नागेश्वर राव द्वारा हितों के टकराव के कारण 57 क्लबों को एचसीए चुनावों में चुनाव लड़ने या मतदान करने से रोक लगाने के एक दिन बाद अजहरुद्दीन ने एक और कार्यकाल के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की. अगले महीने चुनाव होने की संभावना है.
एचसीए है सबसे भ्रष्ट क्रिकेट संघ
एचसीए को देश के सबसे भ्रष्ट क्रिकेट संघों में से एक माना जाता है. अजहरुद्दीन को 2019 में एचसीए अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल इस साल की शुरुआत में राव की नियुक्ति के साथ समाप्त हुआ था. एचसीए का शीर्ष परिषद का कामकाज भी अंदरूनी कलह और अदालती मामलों से प्रभावित हुआ. अजहरुद्दीन ने वादा किया कि अगर वह पद पर दोबारा काबिज होते हैं तो एचसीए को भ्रष्टाचार की छाया से बाहर निकालने की कोशिश करेंगे.
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दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ेंगे अजहर
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मैं चुनाव लड़ूंगा जो 15 सितंबर तक होने की उम्मीद है. मुझे बहुत खुशी है कि ऐसा हुआ है (क्लबों पर रोक) क्योंकि पिछले 14 वर्षों से यही स्थिति बनी हुई थी. संघ को (क्लब सांठगांठ के कारण) काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी. अब इसमें काफी सुधार होगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं किसी क्लब का मालिक नहीं हूं. एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के तौर पर मुझे चुनाव लड़ने की अनुमति है.’ एचसीए को भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के तीन मैचों के अलावा दो अभ्यास मैचों की मेजबानी सौंपी गयी है.
एचसीए को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं अजहर
अजहरुद्दीन का मुख्य ध्यान एचसीए को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाना होगा, जिससे बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से फंडिंग पर अधिक निर्भर नहीं रहना होगा. उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ी चुनौती खेल को बेहतर बनाना, सुविधाओं में सुधार करना है. हमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. अन्य संघों के पास काफी फंड हैं. हैदराबाद को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा है और उसे बीसीसीआई पर निर्भर रहना पड़ा है.’
अजहर ने कही यह बात
इस 60 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘हम स्थानीय लीग मैचों के लिए मैदान किराए पर लेने पर लाखों रुपये खर्च करते हैं और कभी-कभी वे मैदान मानक के अनुरूप नहीं होते हैं. जब सुविधाएं अच्छी नहीं होंगी तो क्रिकेट का स्तर भी नीचे जायेगा.’ उन्होंने कहा कि एसचीए में भ्रष्टाचार केवल प्रशासनिक स्तर तक ही सीमित नहीं है, यह चयन के मामलों में भी व्याप्त है. उन्होंने कहा, ‘जब एचसीए खेल में सुधार के लिए काम करेगा तो यह सब खत्म हो जाएगा. मेरे पिछले कार्यकाल के दो साल कानूनी लड़ाई में बर्बाद हो गए. कई तरह की समस्याओं के बावजूद मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मैदान पर हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.’
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अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर
मोहम्मद अजहरुद्दीन एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं जो अपने समय के सबसे स्टाइलिश और शानदार बल्लेबाजों में से एक थे. अजहरुद्दीन मुख्य रूप से अपनी उल्लेखनीय कलाई की कला और मैदान के चारों ओर सुंदर स्ट्रोक खेलने की क्षमता के लिए जाने जाते थे. अजहरुद्दीन ने 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया और 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) डेब्यू किया. उनका 1980 के दशक के मध्य से 1990 के दशक के अंत तक एक शानदार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर रहा. उन्होंने टेस्ट मैचों और वनडे दोनों में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की 1990 के दशक के अंत में मैच फिक्सिंग घोटाले में शामिल होने तक अजहरुद्दीन भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक थे. लेकिन इस विवाद के कारण उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया और क्रिकेट से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड बनाए, जिसमें एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे तेज शतक (62 गेंद) का रिकॉर्ड भी शामिल है, जिसे बाद में अन्य खिलाड़ियों ने तोड़ा.