धौनी की कप्तानी पर पूर्व क्रिकेटर आरपी सिंह का बड़ा खुलासा, कहा- टीम चयन करते समय धौनी कभी पक्षपात नहीं करते
आरपी सिंह ने खुलासा किया कि वो कभी भी का टीम चयन करते समय पक्षपात नहीं करते हैं और दोस्ती को चयन के बीच में कभी आड़े नहीं आने देते हैं.
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी के बारे में कई दफा ये सवाल उठे कि धौनी टीम चयन में भेदभाव करते हैं और हमेशा उन्ही खिलाड़ियों को मौके देते हैं जिन्हें वो ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन कभी धौनी के साथी खिलाड़ी रहे आरपी सिंह ने इस बात का खुलासा किया है कि वो कभी भी का टीम चयन करते समय पक्षपात नहीं करते हैं और दोस्ती को चयन के बीच में कभी आड़े नहीं आने देते हैं.
2007 टी- 20 टीम का हिस्सा रहे आरपी सिंह ने ये बातें स्पोर्ट्स तक नामक यू ट्यूब चैनल के माध्यम से कही. जब खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने ये सवाल पूछा कि 2008 में एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि आरपी सिंह और इरफान पठान के चयन को लेकर धौनी असहमत थे, उन्होंने आपके चयन को लेकर अपनी कप्तानी छोड़ने का भी ऑफर दिया था, इन बातों में कितनी सच्चाई है तो इस सवाल जवाब देते हुए आरपी सिंह ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि इन बातों में कोई सच्चाई है.
आपको बता दें कि धौनी ने भी उस रिपोर्ट को भी बकवास करार दिया था. उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता है कि उस रिपोर्ट का मुझ पर कोई असर पड़ा. आप जिस इंग्लैंड सीरीज की बात कर रहे हैं, मुझे लगता है कि इंदौर में मुझे कोई नहीं विकेट मिला था. हां, स्वाभाविक रूप से लोग सोचते हैं कि उन्हें दो-तीन मैच खेलने को मिलेंगें लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कुछ को पांच मौके भी मिलते हैं और कुछ किस्मत वालों को 10 मौके भी मिलते हैं.
धौनी के लिए दोस्ती एक अलग चीज और देश की कप्तानी करना अलग चीज है. उस वक्त धौनी ने उन्हीं लोगों का साथ दिया जो उनकी नजरों में बेहतर थे और मुझे लगता है कि धोनी ने उन लोगों को तरजीह दी जो उनके प्लान को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सकते थे. इसी वजह से आज एम एस धौनी, एम एस धौनी है. फैसले लेते समय वो बिल्कुल भी भेदभाव नहीं करते हैं. मैं इस वजह से ज्यादा नहीं खेल पाया क्योंकि मेरी रफ्तार और स्विंग कम पड़ गयी थी. शायद मैं उस जगह पर सुधार कर लेता तो मुझे और मौके मिलते लेकिन जितने भी मौके मुझे मिले मैं उसमें खुश हूं.