2011 के विश्व कप जीताने में सौरव गांगुली का भी था अहम रोल, इस दिग्गज खिलाड़ी ने खोले कई राज
2011 World Cup : एमएस धोनी के नेतृत्व में, भारत ने 28 साल के बाद श्रीलंका को हकाकर विश्व कप जीता था. विश्व कप जीतने वाले धौनी (MS Dhoni), कपिल देव (Kapil Dev) के बाद केवल दूसरे भारतीय कप्तान बने थें.
2011 World Cup : भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2011 सबसे खास सालों में से एक है, क्योंकि इसी साल भारत ने आज ही के दिन यानी दो अप्रैल को महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में वानखेड़े स्टेडियम में खेले गये फाइनल में श्रीलंका को छह विकेट से हराकर विश्व कप पर कब्जा किया था. भारत की 2011 विश्व कप जीत के लिए प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भी श्रेय दिया है, भले ही भारत के पूर्व कप्तान ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.
बता दें कि एमएस धोनी के नेतृत्व में, भारत ने 28 साल के बाद श्रीलंका को हकाकर विश्व कप जीता था. विश्व कप जीतने वाले धौनी (MS Dhoni), कपिल देव (Kapil Dev) के बाद केवल दूसरे भारतीय कप्तान बने थें. वहीं भारत के पूर्व स्पिनर ओझा ने कहा कि कुछ खिलाड़ियों के करियर को आकार देने के लिए गांगुली का बहुत बड़ा हाथ था, वहीं खिलाड़ी विश्व कप टीम का हिस्सा बने. प्रज्ञान ओझा ने स्पोर्ट्स टुडे ने बात करते हुए कहा कि सौरव गांगुली ऐसे आदमी थे जिन्होंने संन्यास लेने के बाद भी उनका टीम में योगदान रहा.
प्रज्ञान ओझा कहा कि 2011 विश्व कप टीम में कई खिलाड़ी थे जिन्होंने 2000 और 2005 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में गांगुली को अपना डेब्यू किया था, जिसमें वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, युवराज सिंह, आशीष नेहरा और धोनी शामिल थे, जिनके बिना विश्व कप की जीत होगी ‘संभव नहीं था . सहवाग ने अक्सर भारत को शीर्ष पर पहुंचाने की शुरुआत की, जबकि जहीर टूर्नामेंट के संयुक्त अग्रणी विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे. नेहरा ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की, जबकि युवराज ने मैन ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार अपने नाम किया.
Posted by : Rajat Kumar