भारतीय महिला टीम की पूर्व विकेटकीपर करुणा जैन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से लिया संन्यास
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व विकेटकीपर करुणा जैन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है. जैन ने उस समय संन्यास की घोषणा की जब भारतीय महिला टीम कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार प्रदर्शन के लिए तैयार है. करुणा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया है.
बेंगलुरु : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व विकेटकीपर करुणा जैन ने रविवार को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की. करुणा ने बयान में कहा कि काफी खुशनुमा और संतुष्ट अहसास के साथ मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करती हूं और खेल को वापस कुछ योगदान देने को लेकर उत्सुक हूं. बेंगलुरू में जन्मी 36 साल की करुणा ने अपने करियर में भारत, कर्नाटक, पुडुचेरी और दक्षिण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.
2005 में किया था टेस्ट में पदार्पण
करुणा ने पांच टेस्ट मैच में 195 रन बनाए जबकि इस दौरान 40 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा. उन्होंने नवंबर 2005 में दिल्ली में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया. उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट अगस्त 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ वॉर्म्सले में खेला था. करुणा ने 44 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक शतक तथा नौ अर्धशतक की मदद से 987 रन बनाये. इस प्रारूप में 103 रन उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर रहा.
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2014 में खेला था आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला
उन्होंने 2004 में वेस्टइंडीज के खिलाफ इस प्रारूप में पदार्पण किया और 50 ओवर का अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मुकाबला इंग्लैंड के खिलाफ 2014 में खेला. उन्होंने अपने पदार्पण मैच में 64 रन बनाये थे. करुणा ने नौ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और इस प्रारूप में भी भारत के लिए अंतिम मैच 2014 में ही खेला. उन्होंने अपना टी-20 पदार्पण पाकिस्तान के खिलाफ किया.
टेस्ट में भी करुणा का शानदार प्रदर्शन
करुणा ने अपने टेस्ट करियर में 17 शिकार किये जो अंजू जैन के 23 शिकार के बाद भारत की किसी महिला विकेटकीपर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी-20 प्रारूप में क्रमश: 58 और 12 शिकार किए. करुणा ने अपने सभी कोच और टीम के साथियों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, मैं इस मौके पर उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जो शुरुआत से ही मेरे क्रिकेट सफर का हिस्सा रहे जिसमें मेरे कोच, सहयोगी स्टाफ और टीम के मेरे साथी शामिल हैं.
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सभी को दिया धन्यवाद
करुणा ने कहा, इनमें से प्रत्येक ने मुझे खेल और जीवन के बारे में कुछ अलग सिखाया और मैं वह खिलाड़ी तथा इंसान बनी जो आज हूं. करुणा ने सहयोग और बलिदान के लिए अपने परिवार का आभार जताने के अलावा भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई), एयर इंडिया, कर्नाटक और पुडुचेरी को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.