Loading election data...

शोएब अख्तर का दावा, कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने के लिए ठुकरा दिया था करोड़ों का ऑफर

लाहौर : पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब एख्तर (Shoaib Akhtar) ने दावा किया है कि उन्होंने 1999 मे कारगिल युद्ध (Kargil War) में शामिल होने के लिए इंग्लिश काउंटी के नॉटिंघमशायर के करोड़ों रुपये के ऑफर को ठुकरा दिया था. अख्तर ने कहा कि 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में वह पाकिस्तान की ओर से जंग लड़ना चाहते थे. हालांकि उन्हें मौका नहीं मिला.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2020 7:50 PM
an image

लाहौर : पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब एख्तर (Shoaib Akhtar) ने दावा किया है कि उन्होंने 1999 मे कारगिल युद्ध (Kargil War) में शामिल होने के लिए इंग्लिश काउंटी के नॉटिंघमशायर के करोड़ों रुपये के ऑफर को ठुकरा दिया था. अख्तर ने कहा कि 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में वह पाकिस्तान की ओर से जंग लड़ना चाहते थे. हालांकि उन्हें मौका नहीं मिला.

पूर्व पाकिस्तानी पेसर ने कहा कि उस समय उन्हें इंग्लिश काउंटी नॉटिंघमशायर से 175,000 पाउंड का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने उस ऑफर को ठुकरा दिया. यहां बता दें कि कारगिल युद्ध 16 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था. इस लड़ाई में 1,042 पाकिस्तानी सैनिक मारे गये थे और 527 भारतीय जवान भी शहीद हुए थे. भारत ने यह जंग जीती थी.

शोएब अख्तर ने पाकिस्तान के समाचार चैनल एआरवाई न्यूज को दिये एक इंटरव्यू में कहा, ‘लोग शायद ही इस कहानी को जानते हों. मेरे पास नॉटिंघम का 175,000 पाउंड के कांट्रैक्ट का प्रस्ताव था. फिर 2002 में मेरे पास एक और बड़ा अनुबंध था. जब कारगिल हुआ तो मैंने दोनों प्रस्ताव ठुकरा दिये थे. मैं जंग में शामिल होना चाहता था’

Also Read: IPL 2020: सस्पेंस खत्म, चाइनीज कंपनियां प्रायोजकों में शामिल, 10 नवंबर को UAE में होगा फाइनल

अख्तर ने आगे कहा, ‘मैं लाहौर की बाहरी सीमा पर था. एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं यहां क्या कर रहा हूं. मैंने कहा कि युद्ध शुरू होने वाला है और हम लोग एक साथ मरेंगे. मैंने काउंटी क्रिकेट को दो बार छोड़ा और काउंटी इससे हैरान थी. मैं इससे चिंतित नहीं था. मैंने कश्मीर में अपने दोस्तों को फोन किया और कहा कि मैं लड़ाई के लिए तैयार हूं.’

यहां बता दें कि अख्तर बार-बार यह कहते सुने गये हैं कि खेल और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहिए. उन्होंने भारी तनाव के बीच भी कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की वकालत की है. उन्होंने कई बार यह भी कहा है कि मैदान के अंदर दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच चाहे जितनी कड़ी टक्कर होती हो. मैदान के बाहर सभी दोस्त बनकर रहते हैं.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

Exit mobile version