टीम इंडिया के पूर्व चयनकर्ता ने धौनी के डेब्यू को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा- गांगुली को मनाने में लगे थे 10 दिन
भारतीय टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने बताया कि महेंद्र सिंह धौनी (MS Dhoni) को विकेटकीपिंग कराने के लिए मनाने के लिए उन्हें सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को 10 दिन तक मनाना पड़ा.
महेंद्र सिंह धौनी (MS Dhoni) ने साल 2004 में भारत के लिए अपना डेब्यू करने का बाद पिछले साल इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया. करीब 15 साल तक उन्होंने भारत के लिए क्रिकेट खेला और अपनी शानदार कप्तानी व बल्लेबाजी से भारतीय टीम का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया. धौनी जितने कामयाब कप्तान थें उतने ही फुर्तीले विकेटकीपर भी. बल्लेबाजों की गिल्लियां बिखरने में धौनी को जरा भी समय नहीं लगता था. इसी बीच भारतीय टीम में चयन को लेकर पूर्व चयनकर्ता किरण मोरे (Kiran More) ने धौनी की विकेटकीपिंग को लेकर एक शानदार किस्सा सुनाया है.
भारतीय टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी को विकेटकीपिंग कराने के लिए मनाने के लिए उन्हें सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को 10 दिन तक मनाना पड़ा. मोरे ने वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज कर्टली एम्ब्रोस के शो में कहा कि हम एक विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश में थे. उस समय खेल का प्रारूप बदल रहा था और हम एक पावर-हिटर की तलाश में थे, जो नंबर 6 या 7 पर आ सके और हमें तेजी से 40-50 रन दिला सके.
टीम राहुल द्रविड़ के विकल्प की तलाश में थी, जो टीम में उचित विकेटकीपर बल्लेबाज की कमी के कारण विकेट कीपिंग कर रहे थे. उन्होंने कहा, “मेरे साथी की महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) पर पहले नजर पड़ी. इसके बाद मैं उनके खेल को देखने के लिए गया. केवल उनके खेल को देखने के लिए मैंने फ्लाइट पकड़ी. पूरी टीम ने 170 रन बनाए थे जिसमें 130 रन धोनी के थे. उसने सभी गेंदबाजों की धुनाई की. हम चाहते थे कि फाइनल मैच में धोनी ही विकेटकीपर के तौर पर टीम में खेले.
किरण मोरे ने बताया कि उस समय ईस्ट जोन के लिए दीपदास गुप्ता विकेटकीपर थे, जो भारत के लिए भी अपना डेब्यू कर चुके थे. उनकी जगह फाइनल में धोनी को विकेटकीपिंग करने देने के लिए गांगुली को मनाने के लिए उन्हें दस दिन का समय लगा था. इसके बाद धोनी को इंडिया ए के साथ केन्या भेजा, जहां उन्होंने जमकर रन बनाए और भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की थी.