कोच गंभीर का ऐसा आगाज, मैच हार रहा भारत, रोहित-विराट पर सारा दारोमदार: आकाश चोपड़ा
भारतीय टीम के नए-नवेले कोच गौतम गंभीर जब से कोच बने हैं, टीम इंडिया के सितारे गर्दिश में हैं. लगातार मैच और सीरीज हार रही है. ऐसे में किसकी कितनी गलती है, किसके ऊपर इसका जिम्मा है, इन बातों को लेकर आकाश चोपड़ा ने अपनी बात रखी है.
गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के विश्वकप जीतने के बाद कोच नियुक्त किए गए. राहुल द्रविड़ ने मुख्य कोच का पद छोड़ दिया था. गंभीर 9 जुलाई 2024 को टीम के हेड कोच बने. इसके बाद उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने श्रीलंका का दौरा किया, बांग्लादेश के साथ सीरीज खेली और अब न्यूजीलैंड के साथ सीरीज चल रही है. न्यूजीलैंड के साथ पहले दो मैचों में हार के बाद रोहित की कप्तानी के बाद गंभीर पर भी उंगलियां उठ रही हैं. आकाश ने अपने निजी यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए गंभीर का बचाव किया है.
कुछ समय रुक कर मूल्यांकन करना चाहिए
आकाश ने कहा कि अभी-अभी टेन्योर शुरू हुआ है. आप कहेंगे इनकी गलती है. देखिए उनको एक टीम हैंडओवर की गई है, पिछली टीम ही चल रही है, जब पिछली टीम ही आपको मिले तो कोच की उतनी गलती नहीं होती है. आप उनको ब्लेम नहीं कर सकते. भारतीय टीम में ट्रांजिशन (बदलाव) शुरू हो चुका है. टी20 में भारतीय टीम अच्छा कर रही है. वनडे अभी ज्यादा खेले नहीं हैं. गौतम की कोचिंग में तीन मैच खेले हैं और तीनों ही हार गए, जो कि दुःखद है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट आपको झिंझोड़ रहा है, कि भैया सब कुछ ठीक ठाक तो है. व्यक्तिगत रूप से मैं कहूंगा कि इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
आकाश ने कहा कि चयन समिति के निर्णय भी समझ से बाहर हैं. श्रीलंका के खिलाफ भी रोहित, विराट को बुला लिया. दो मैच में के. एल. राहुल खेलते हैं और तीसरे मैच में पंत को बुला लिया जाता है. एक मैच में कुलदीप खेलते हैं, दूसरे मैच में राहुल के साथ कुलदीप भी बाहर. अचानक से आपको ज्यादा बदलाव दिखते हैं. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भी टीम चयन में काफी बदलाव नजर आ रहा है. ये किसी का व्यक्तिगत निर्णय तो नहीं हो सकता. आकाश यहां पर अप्रत्यक्ष रूप से चयन समिति के ऊपर निशाना साधते नजर आए. ऐसी परिस्थिति में आप गंभीर पर ठीकरा नहीं फोड़ सकते, क्योंकि ये वैसी टीम नहीं जो इस तरह का खेल खेलती हो.
रिकॉर्ड्स जो भारत की साख पर बट्टा लगाते हैं
27 साल बाद श्रीलंका के खिलाफ सीरीज हार गए.
36 साल बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ कोई मैच हारे.
19 साल बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोई मैच हारे.
12 साल बाद घर में कोई सीरीज हारे.
भारतीय धरती पर टीम पहली बार 50 रन से कम के स्कोर पर ऑल आउट हो गई.
भारत में पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ कोई टेस्ट सीरीज हारे.
इस वर्ष भारत एक भी एकदिवसीय मैच नहीं जीत पाया है, हालांकि तीन मैच ही खेले और उनमें से दो में हार मिली जबकि एक मैच टाई हो गया था.
कप्तान रोहित पर है सारा दारोमदार
भारतीय टीम 2011 के विश्वकप जीत के बाद लगातार हार रही थी, यह फेज भी वैसा ही लग रहा है. बिल्कुल इसी तरह 1 साल तक टीम इंडिया बुरा प्रदर्शन कर रही थी. तब हुआ था, कोई बड़ी बात नहीं अब भी हो जाए. ये मेरी फीलिंग है. खैर, भारत के दो प्रमुख खिलाड़ी रोहित और विराट का टेस्ट कैरियर डावाडोल चल रहा है. रोहित ने 5 साल में सिर्फ दो शतक लगाए हैं. पिछली 8 इनिंग्स में रोहित ने सिर्फ एक अर्द्धशतक लगाया है. रोहित ने अपनी कप्तानी में 20 मैचों में सिर्फ 4 शतक और 4 पचासे ही बना पाए हैं. रोहित का औसत भी मात्र 35 का रहा है. भारत के सफल कप्तानों की सूची में रोहित नीचे ही नजर आ रहे हैं. कप्तान के तौर पर रोहित का 35 का औसत मुझे बेहतर नहीं लग रहा. भारतीय बल्लेबाजों के घर पर रन बनाने के मामले में यशस्वी और पंत को छोड़कर किसी का औसत 50 से ऊपर नहीं है. ये इस कारण भी हो सकता है, कि आप लगातार टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं. वनडे आप त्याग ही चुके हैं, टी20 आप खेल रहे हैं. आप आगे भी लगातार टेस्ट खेलने वाले हैं.
आगे की ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में भी रोहित ही कप्तान रहने वाले हैं और हम उनको परफॉर्म करते देखना चाहते हैं. 2018 से अभी तक के जो नंबर हैं, वे अच्छे तो नहीं लग रहे. लेकिन उनका पूरा टेस्ट कैरियर देखें तो वो काफी बढ़िया हैं. 63 मैचों में 4242 रन बनाए हैं. जब गाबा का घमंड टूटा था तब भी रोहित ने रन बनाए थे. 8 पारियों में केवल एक पचासा यह रोहित के लिहाज से अच्छा नहीं लग रहा. भारतीय टीम अब हारना शुरू हुई है, तो सवालों के कठघरे में है. जिस मुकाम पर भारतीय टीम खड़ी है, यहां से विश्व चैंपियनशिप फाइनल में जाना है तो कप्तान को चलना होगा और दोबारा रनों के रथ पर सवार होना पड़ेगा.