पीआर की आड़ में बच रहे हैं ‘पाखंडी’ गंभीर, मनोज तिवारी का आरोप कहा मेरे परिवार को गाली दी और गांगुली के बारे में…

Gautam Gambhir: मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर को पाखंडी बताते हुए उन पर गांगुली के बारे में बुरी बात कहने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कही कि गंभीर ने परिवार को गाली दी. वे पीआर कर रहे हैं.

By Anant Narayan Shukla | January 10, 2025 12:33 PM

Gautam Gambhir: भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1 के मुकाबले 3 मैचों से हार गई. इससे पहले वह न्यूजीलैंड के खिलाफ भी क्लीन स्वीप जैसे शर्मनाक हार झेल चुकी थी. इस बात पर पूर्व भारतीय खिलाड़ी और पश्चिम बंगाल के खेल राज्य मंत्री मनोज तिवारी पूरी तरह गंभीर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब से वे कोच बने हैं भारत तीन सीरीज हार चुका है. उन्हें टीम की कोचिंग का कोई अनुभव नहीं था, फिर भी उन्हें कोच बना दिया गया. लेकिन उनके ऐसा कहने पर हर्षित राणा ने गंभीर का समर्थन किया, जिस पर उन्होंने कहा कि ये पीआर गेम है. गंभीर ने मेरे परिवार और सौरव गांगुली को गाली दी थी.

मनोज तिवारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, “परिणाम देखने लायक हैं. जब आप अपने छोटे से कार्यकाल में तीन सीरीज हार जाते हैं, आप बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हार जाते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज हार गए. यह एक बड़ी हार थी, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. बहुत सी बातें खुद ही सब कुछ बयां कर देती हैं. न्यूजीलैंड से घरेलू सीरीज में हारना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. अपने छोटे से करियर में आप श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज भी हार गए.” उन्होंने कहा कि गंभीर के पास कोई विशेष अनुभव नहीं था, फिर भी उन्हें कोच बना दिया गया. द्रविड़ के बाद लक्ष्मण या बहुतुले को कोच बनाया जाना था, लेकिन गौतम को यह जिम्मेदारी दे दी गई. साथ ही उन्होंने कहा कि गंभीर ने केकेआर की आईपीएल जीत का सारा क्रेडिट ले लिया. जबकि अन्य खिलाड़ियों ने भी मेहनत की थी.

पाखंडी हैं गंभीर अपनी बात से पलट गए

तिवारी ने कहा कि गौतम गंभीर पाखंडी है. उन्होंने गंभीर के पुराने इंटरव्यू का हवाला दिया जिसमें उन्होंने चर्चा की थी कि भारत को विदेशी कोच नियुक्त करने पर विचार क्यों नहीं करना चाहिए. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि गंभीर के कार्य उनके शब्दों से मेल नहीं खाते, क्योंकि उन्होंने खुद रयान टेन डोशेट सहायक कोच और मोर्ने मोर्कल को गेंदबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया है. तिवारी ने कहा कि अगर आपको याद हो तो एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘ये सभी विदेशी कोच, सभी लोग जो विदेश से आते हैं, उनके पास कोई भावना नहीं होती, उनके पास कोई भावना नहीं होती. वे पैसा कमाते हैं और मौज-मस्ती करते हैं.’ जब उनके पास सभी भारतीय कोच और सभी भारतीय मूल के सहयोगी स्टाफ को चुनने का समय था, तो उन्होंने रयान टेन डोशेट और मोर्ने मोर्केल के नाम क्यों आगे बढ़ाए? उन्हें वह सब कुछ मिला जो वे चाहते थे, लेकिन वे परिणाम नहीं दे पा रहे हैं. उनके काम उनके शब्दों से मेल नहीं खाते, इसलिए मैंने उन्हें पाखंडी कहा.”

गांगुली और मेरे परिवार को गाली दी

तिवारी ने 2015 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान गंभीर के साथ हुए अपने बहुचर्चित विवाद के बारे में भी बात की और आरोप लगाया कि गंभीर ने उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया और यहां तक ​​कि सौरव गांगुली के बारे में भी बुरी बातें कहीं. तिवारी ने कहा, “जब दिल्ली में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान उन्होंने मुझसे झगड़ा किया था, तो गौतम गंभीर के मुंह से निकले हर शब्द को सभी ने सुना था. चाहे वह सौरव गांगुली के बारे में बुरा बोल रहे थे या मेरे परिवार को गाली दे रहे थे, उन्हें कुछ लोगों ने बचाया था. यह वह पीआर है जिसकी मैं बात कर रहा हूं. खिलाड़ियों को चुनने और उन्हें प्लेइंग इलेवन में चुनने की प्रक्रिया ठीक से नहीं हो रही है. हर्षित राणा के पक्ष में आकाश दीप को बाहर कर दिया गया. अगर आपको लगता है कि हर्षित इतना अच्छा है, तो आपने उसे बाकी सीरीज के लिए क्यों नहीं जारी रखा? आकाश दीप के पास कोई आवाज नहीं है.”

Harshit rana instagram post

पीआर के सहारे चल रहे हैं गंभीर

हाल ही में नीतीश राणा और हर्षित राणा ने सोशल मीडिया पर गंभीर का समर्थन किया. हालांकि, तिवारी का मानना ​​है कि यह एक “पीआर गेम” है, उन्होंने कहा कि वे दोनों केकेआर के लिए गंभीर के नेतृत्व में खेले हैं, और इसलिए, यह स्पष्ट है कि वे उस व्यक्ति के पक्ष में होंगे जिसने कप्तान के रूप में केकेआर को दो आईपीएल खिताब दिलाए.तिवारी ने हर्षित राणा के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में खेलने पर भी सवाल उठाए, खासकर तब जब आकाश दीप ने घरेलू मैदान पर बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला में टेस्ट गेंदबाज के रूप में शानदार प्रदर्शन किया.

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तिवारी ने कहा, “उदाहरण के लिए, नीतीश राणा और हर्षित राणा गौतम गंभीर का समर्थन क्यों नहीं करेंगे? हर्षित राणा पर्थ में आकाश दीप की जगह खेले थे. यह कैसे संभव था? आकाश दीप ने क्या गलत किया? उन्होंने बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की. एक तेज गेंदबाज के रूप में, आप अनुकूल परिस्थितियों में गेंदबाजी करने का सपना देखते हैं, लेकिन आपने उन्हें बाहर कर दिया और हर्षित को शामिल कर लिया, जिनके पास प्रथम श्रेणी का उतना अनुभव नहीं है. आकाश दीप के पास शानदार रिकॉर्ड हैं. यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण चयन है. यही कारण है कि खिलाड़ी आगे आकर उनका बचाव करेंगे.”

अभिमन्यु ईश्वरन को मौका क्यों नहीं दिया गया

तिवारी ने टीम चयन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “देवदत्त पडिक्कल को टेस्ट टीम में कैसे शामिल किया गया, वह तो टीम से बाहर थे. जब अभिमन्यु ईश्वरन टीम में थे और लगातार इतने रन बना रहे थे, तो वह टीम में कैसे आए? उन्होंने इतने रन बनाए हैं. उन्हें क्यों नहीं चुना गया और नंबर 3 पर क्यों नहीं खिलाया गया. इस तरह की चीजें हो रही हैं और परिणाम सभी के सामने हैं.” देवदत्त पडिक्कल को पहले मैच में शुभमन गिल के चोटिल रहने पर खेलने का मौका मिला था, जबकि अभिमन्यु ईश्वरन को कोई मौका नहीं मिला, उनकी जगह ध्रुव जुरेल को टीम में शामिल किया गया था.

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