17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘Gautam Gambhir अभी भी बच्चा है, हारने के बाद रोता था’: बचपन के कोच Sanjay Bharadwaj का बड़ा खुलासा

Gautam Gambhir के बचपन के कोच संजय भारद्वाज का कहना है कि लोग अक्सर उनके 'जीतने वाले व्यक्तित्व' को 'अहंकार' समझ लेते हैं.

भारत के मुख्य कोच Gautam Gambhir को गंभीर रहने और कम हंसने के लिए जाना जाता है. लेकिन उनके कोच द्वारा वर्णित उनका ‘असली व्यक्तित्व’ कुछ और ही है. गंभीर उन बहुत कम क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने भारत के लिए वनडे और टी20 दोनों विश्व कप जीते हैं, और जब वे भारत की प्लेइंग इलेवन में नियमित रूप से शामिल थे, तो उन्होंने बहुत उतार-चढ़ाव देखे.

‘हारने के बाद रोता था’: Sanjay Bharadwaj

गंभीर के बचपन के कोच संजय भारद्वाज कहते हैं कि यह गंभीर के सर्वश्रेष्ठ बनने और जीतने की मानसिकता को बढ़ावा देने की निरंतर कोशिशों की वजह से है कि लोग उनके ‘जीतने के रवैये’ को अहंकार समझ लेते हैं.

भारद्वाज दिल्ली क्रिकेट सर्किट में एक प्रसिद्ध कोच हैं, जिन्होंने अमित मिश्रा और जोगिंदर शर्मा सहित कई क्रिकेटरों के भविष्य को आकार देने में मदद की है. लेकिन गंभीर के साथ उनका जुड़ाव सबसे लंबे समय से है, जो तीन दशकों से भी पुराना है. 2019 में भारत में खेल कोचिंग सम्मान गुरु द्रोणाचार्य पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, भारद्वाज ने गंभीर के शुरुआती दिनों को याद किया और बताया कि कैसे 12-13 साल की उम्र में भी, हारने का ख्याल ही उनके लिए कुछ ऐसा नहीं था जिससे वे जी सकें.

Image 76
Gautam gambhir

भारद्वाज ने भारत के पूर्व अंडर-19 विश्व कप विजेता मनजोत कालरा से उनके यूट्यूब शो पर कहा, ‘गौतम गंभीर एक बच्चा है. आज भी वह एक मासूम बच्चे की तरह है. उसके मन में कोई दुर्भावना नहीं है. वह 12 साल के बच्चे की तरह है. लोग उसे घमंडी समझते हैं, लेकिन जीत के प्रति उसका यही रवैया है. मैं उसे मैच खेलने के लिए कहता था और वह मैच हारने के बाद रोता था. उसे तब भी हारना पसंद नहीं था.’

Gautam Gambhir दिल के साफ हैं: Sanjay Bharadwaj

‘इसलिए, उनके जैसे सच्चे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति निश्चित रूप से गंभीर रहेगा. अगर आप अपने कम्फर्ट जोन में रहते हैं, अगर आप हर समय मुस्कुराते रहते हैं, तो आप जीतेंगे. जो व्यक्ति जीतना जानता है, उसे हार से बचना भी आना चाहिए. लोग सोचते हैं कि उनमें यह रवैया है. नहीं, गंभीर दिल से साफ हैं. वह विनम्र हैं; उन्होंने कई युवाओं का करियर बनाया है.’

Also Read: Olympics 2024: आखिर क्या कहता है Lakshya Sen की गर्दन पर बना टैटू ?

कोच ने कहा, ‘गौतम गंभीर तकनीकी पहलुओं पर ध्यान नहीं देंगे. क्योंकि उस स्तर पर तकनीकी सुधार की जरूरत नहीं होती. आप वहां इसलिए हैं क्योंकि आप तकनीकी रूप से काफी अच्छे हैं. गंभीर सामरिक पहलुओं पर काम करेंगे. गंभीर का काम मनोबल बढ़ाना और ऐसे खिलाड़ी में आत्मविश्वास भरना होगा जो खुद के बारे में बहुत आश्वस्त नहीं हो.’

Image 77
Gautam gambhir

‘गंभीर ने तीन महीने पहले सुनील नरेन से कहा था कि वह उनसे गेंदबाजी नहीं चाहते और उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर काम करना चाहिए. अगर गंभीर को लगता है कि कोई खिलाड़ी मैच जिता सकता है, तो वह उसका पूरा समर्थन करेंगे. यह उनकी सबसे बड़ी खूबी है. उनमें वह रवैया है जो एक कोच में होना चाहिए – निडरता और जीतने की आदत.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें