Greg Chappell: पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल और ने इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज हैरी ब्रुक की ढेर सारी तारीफ की है. उन्होंने यहां तक कि ब्रुक के प्रदर्शन और खेलने की तकनीक की तुलना महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से की. ब्रुक (Harry Brook) विश्व क्रिकेट के सबसे नए चेहरों में से एक हैं, जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में कुछ शानदार पारियों के साथ अपना नाम बनाया है. टेस्ट क्रिकेट ब्रुक का अब तक का सबसे अच्छा प्रारूप है. उन्होंने 24 टेस्ट मैचों की 40 पारियों में 58.48 की औसत से 2,281 रन बनाए हैं, जिसमें आठ शतक और 10 अर्द्धशतक शामिल हैं. दाएं हाथ के बल्लेबाज की तारीफ करते हुए चैपल ने कहा कि इंग्लैंड का यह बल्लेबाज सरल लेकिन “बेहद प्रभावी बल्लेबाजी पद्धति” वाला बैट्समैन है.
चैपल ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में अपने कॉलम में लिखा, “हैरी ब्रुक, एक सनसनीखेज बल्लेबाजी खिलाड़ी, जिसके प्रदर्शन और दृष्टिकोण की मैं महान सचिन तेंदुलकर से तुलना करता हूं. उल्लेखनीय रूप से, ब्रुक के शुरुआती करियर के आंकड़े बताते हैं कि वह उसी स्तर पर प्रभाव के मामले में भारतीय दिग्गज से भी आगे निकल सकते थे.” उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ़ 25 साल की उम्र में ब्रुक दुनिया के सबसे चर्चित क्रिकेटरों में से एक बन गए हैं. उनकी बल्लेबाजी का तरीका सरल लेकिन बेहद प्रभावी है. अपने शुरुआती सालों में तेंदुलकर की तरह ब्रुक भी गेंद फेंके जाने से पहले क्रीज में बहुत ज़्यादा नहीं घूमते.”
सचिन और हैरी ब्रुक के शुरुआती मैचों में आंकड़ों की तुलना
उन्होंने कहा, “उनके पहले 15 टेस्ट मैचों की तुलना करने पर एक चौंकाने वाली कहानी सामने आती है. तेंदुलकर ने 40 से कुछ कम की औसत से 837 रन बनाए, जिसमें दो शतक शामिल हैं. इसके विपरीत, ब्रूक ने लगभग 60 की औसत से 1378 रन बनाए थे, जिसमें पांच शतक शामिल हैं. सच कहें तो सचिन तब भी किशोर थे, जबकि ब्रूक 20 के दशक के मध्य में हैं. ब्रुक की आक्रामकता और निरंतरता को एक साथ लाने की क्षमता उन्हें गेंदबाजों के लिए एक बुरा सपना बनाती है, क्योंकि तेंदुलकर की तरह ही उन्हें रोकना बेहद मुश्किल है. इंग्लैंड के लिए, वह न केवल एक उज्ज्वल संभावना है, बल्कि वह एक ऐसा खिलाड़ी है जिसके इर्द-गिर्द उनका भविष्य बनाया जा सकता है.”
सचिन और ब्रुक का बल्लेबाजी क्रम अलग अलग रहा
चैपल ने भले ही हैरी ब्रुक और सचिन तेंदुलकर के करियर के शुरुआती आंकड़ों की तुलना की हो. लेकिन एक तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में सचिन ने नंबर 6 और 7 पर बल्लेबाजी की थी, जबकि ब्रुक ने शीर्ष और मध्य क्रम में बल्लेबाजी की है. 317 रन के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ ब्रुक ने इंग्लैंड से बाहर जबरदस्त खेल दिखाया है. 11 टेस्ट मैचों में उन्होंने 80.00 की औसत से 1,520 रन बनाए हैं, जिसमें सात शतक और चार अर्द्धशतक शामिल हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 317 है. अपने छोटे से करियर में ब्रूक ने 8 शतक और 10 अर्धशतक लगाए हैं. हाल ही में इंग्लैंड द्वारा न्यूजीलैंड को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में हराने के बाद उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था. दूसरी ओर सचिन ने 1989 में अपना टेस्ट करियर शुरू करने के बाद जनवरी 1992 तक 6वें और 7वें नंबर पर बल्लेबाजी की. अपने पहले 14 टेस्ट मैचों में सचिन ने निचले-मध्य क्रम में बल्लेबाजी की. उसके बाद नंबर 4 पर उतरने लगे.
ब्रुक बड़ा और अधिक शक्तिशाली खिलाड़ी
ग्रेग चैपल ने कहा, “तेंदुलकर की शुरुआती प्रतिभा गजब की थी. वे गेंदबाज की गति का अपने फायदे के लिए उपयोग करते थे, जो विकेट के दोनों ओर भारी रन बनाते थे. ब्रूक, हालांकि शारीरिक रूप से एक बड़े और अधिक शक्तिशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन उनके पास कलाई के फ्लिक, क्रंचिंग ड्राइव और दंडात्मक बैक-फुट शॉट्स के साथ क्षेत्र में हेरफेर करने की आश्चर्यजनक रूप से समान क्षमता है. चैपल ने कहा कि यह एक सरल विधि है, लेकिन सरलता अक्सर महानता को जन्म देती है.
चैपल का यह भी मानना है कि हैरी ब्रुक और तेंदुलकर कलाई से फ्लिक, क्रंचिंग ड्राइव और बैकफुट शॉट के साथ क्षेत्ररक्षण में हेरफेर करने में समान हैं. हालांकि, यह कहना जरूरी है कि हैरी ब्रुक के शतक सपाट ट्रैक पर आए हैं और टर्निंग ट्रैक और उछाल भरी पिचों पर उनके खेल का परीक्षण अभी बाकी है. ब्रुक की असली परीक्षा 2025 के अंत में होगी जब इंग्लैंड एशेज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगा.
2025 के आखिर में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया भिड़ेंगे
पांच मैचों की एशेज श्रृंखला 21 नवंबर 2025 को पर्थ में शुरू होगी, जबकि शेष चार टेस्ट मैच ब्रिस्बेन (दिन-रात्रि टेस्ट), एडिलेड, मेलबर्न और सिडनी में खेले जाएंगे. इंग्लैंड ने 2010/11 के बाद से ऑस्ट्रेलिया में कोई श्रृंखला नहीं जीती है. दोनों टीमों के बीच अंतिम शृंखला पिछले वर्ष इंग्लैंड में खेली गई, जिसमें यह 2-2 से बराबर रही थी. यह शृंखला अगले आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप अवधि (2025-27) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी.इंग्लैंड ने 2015 में पूर्व सलामी बल्लेबाज एलिस्टर कुक की कप्तानी में घरेलू धरती पर जीत हासिल करने के बाद से एशेज नहीं जीती है.
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