हैंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला का बड़ा खुलासा, कोई भी मैच निष्पक्ष नहीं, हर मैच पहले से ही होता है फिक्स

साल 2000 में हैंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग मामले के आरोपी संजीव चावला ने पुलिस के सामने एक बड़ा खुलासा किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोई भी मैच निष्पक्ष नहीं खेला जाता है

By Sameer Oraon | May 30, 2020 2:55 PM
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साल 2000 में हैंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग मामले के आरोपी संजीव चावला ने पुलिस के सामने एक बड़ा खुलासा किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोई भी मैच निष्पक्ष नहीं खेला जाता है, हर मैच पहले से ही फिक्स होता है. उन्होंने कहा है कि इस फिक्सिंग में अन्डर वर्ल्ड के माफिया शामिल होते हैं जो कि पूरे खेल को प्रभावित करते हैं.

और फिक्सिंग की इस फिल्म को एक खास व्यक्ति द्वारा निर्देशित किया जाता है. अदालत को सौंपे गए बयान जो कि पूरक आरोप पत्र का हिस्सा है उसमें आरोपी के हस्ताक्षर नहीं हैं आरोपी चावला ने बताया है कि उस वक्त जी गोपाल नाइक को निशाना बनाया गया था.

लंदन स्थित कथित इस सट्टेबाज का जन्म नई दिल्ली में हुआ था. जो कि कई सालों से मैच फिक्सिंग में लिप्त था.

उन्होंने कहा है कि वह ज्यादा डिटेल्स इस बारे में नहीं दे सकता क्योंकि इसमें अंडर वर्ल्ड माफिया का हाथ है जो कि बेहद खतरनाक है. अगर मैं इस बारे में ज्यादा कुछ बताता हूं तो मेरी जान भी खतरे में पड़ सकती है. वो मुझे जान से मार डालेंगे. जबकि दूसरी तरफ पुलिस क्राइम स्पेशलिस्ट प्रावीर रंजन का कहना है कि पुलिस अभी भी इस मामले की छान बीन कर रही है. अभी हमलोग किसी भी तरह की महत्वपूर्ण जानकारी शेयर नहीं कर सकते हैं. आपको बता दें कि चावला के साथ इस केस में कृष्ण कुमार, राजेश कालरा और सुनील धारा भी आरोपी हैं जो कि फिलहाल बेल पर रिहा हैं.

क्या है मामला

साल 2000 में दक्षिण अफ्रीकी टीम भारत के दौरे पर आई थी. उस वक्त अफ्रीकी टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए थे. जिन्होंने इस फिक्सिंग में अहम भूमिका निभाई थी. उस दौरे से पहले संजीव चावला और हैंसी क्रोनिए के बीच में बात चीत और पैसों का लेन देन हुआ था. बाद में हैंसी क्रोनिए ने इस बात को स्वीकार किया था कि वो इस फिक्सिंग में शामिल थे.

बाद में हर्शल गिब्स ने भी खुलासा किया था कि क्रोनिए ने उन्हें नागपुर में भारत के खिलाफ 5वें वनडे मैच (19 मार्च 2000) में 20 से कम रन बनाने के लिए 15,000 डॉलर की पेशकश की थी. जिसे उन्होंने मना कर दिया था. अपन् अपराध को स्वीकार करते हुए क्रोनिए ने कहा था कि 1996 में कानपुर में तीसरे टेस्ट के दौरान मुकेश गुप्ता नाम के शख्स ने उन्हें 30,000 डॉलर दिए, ताकि आखिरी दिन उनकी टीम विकेट गंवाए और मैच हार जाए.

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