भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह कोरोनावायरस से संक्रमित पाये गये हैं. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हल्के लक्षण दिखने के बाद उन्होंने अपना टेस्ट करवाया, जिसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया. उन्होंने खुद को घर में ही क्वारेंटाइन कर लिया है. उन्होंने अपने संपर्क में आये लोगों से टेस्ट कराने का आग्रह किया है.
पिछले महीने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने वाले हरभजन सिंह ने कहा कि उनमें हल्के लक्षण थे और उन्होंने खुद को घर पर ही क्वारंटाइन कर लिया है और सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं. हरभजन सिंह ने ट्वीट किया कि मैं हल्के लक्षणों के साथ कोरोना पॉजिटिव हो गया हूं. मैंने खुद को घर में अलग-थलग कर लिया है और सभी आवश्यक सावधानी बरत रहा हूं. मैं उन लोगों से अनुरोध करूंगा जो मेरे संपर्क में आए थे, वे जल्द से जल्द अपना टेस्ट करवाएं. कृपया सुरक्षित रहें और ध्यान रखें.
Also Read: हरभजन सिंह ने राजनीति में कदम रखने के बारे में किया बड़ा खुलासा, कहा- क्रिकेट से जुड़ा रहना चाहता हूं
हरभजन ने पिछले साल दिसंबर में क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास की घोषणा कर दी. इंटरनेशनल क्रिकेट में हरभजन का 23 साल लंबा करियर रहा है. वह पिछले कई सालों से टीम से बाहर थे. ऑफ स्पिनर पहली बार 1998 में भारत के लिए खेले थे और सभी प्रारूपों में उनका करियर शानदार रहा है. वह वनडे इंटरनेशनल और टी-20 दोनों में विश्व कप विजेता हैं और टेस्ट क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट लेने वाले केवल चार भारतीय गेंदबाजों में से एक हैं. वह भारत के लिए टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय भी हैं.
हरभजन सिंह ने मार्च 1998 में बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट लिए और टेस्ट क्रिकेट में भारत के चौथे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने. हरभजन ने 236 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 269 विकेट लिए. उन्होंने भारत के लिए 28 टी-20 इंटरनेशनल में 25 विकेट भी लिए.
Also Read: अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा पर बहस के बीच हरभजन सिंह ने भारत के लिए एक और चिंता पर की बात
हरभजन सिंह उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, जिसने सौरव गांगुली की कप्तानी में घर के बाहर विदशी जमीन पर काफी सफलता हासिल की थी. वह उन कुछ चुनिंदा भारतीय क्रिकेटरों में से हैं जिन्होंने दो आईसीसी विश्व कप फाइनल खेले हैं. इन दो वर्ल्ड कप में टीम इंडिया 2003 में ऑस्ट्रेलिया से हार गयी थी और 2011 में श्रीलंका के खिलाफ जीत हासिल की थी. जब एम एस धोनी टीम के कप्तान थे.