हार्दिक पांड्या टीम इंडिया की नंबर वन पसंद बनते जा रहे हैं. नियमित कप्तान रोहित शर्मा के रहते हुए भी उन्हें कई मौकों पर टी20 सीरीज के लिए टीम का कप्तान बनाकर भेजा जाता है. इतना ही नहीं उन्हें अगला टी20 का नये कप्तान के रूप में भी देखा जा रहा है. लेकिन टेस्ट मैचों में उनको ज्यादातर आराम दिया जाता है. टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने जून में भारत के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को लेकर एक दिलचस्प टिप्पणी की थी और कहा था कि यह ऑलराउंडर टेस्ट के लिए नहीं है. शास्त्री ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पंड्या का शरीर लंबे प्रारूप के लिए तैयार नहीं है.
शास्त्री ने द वीक को बताया, ‘हार्दिक पांड्या का शरीर टेस्ट क्रिकेट का सामना नहीं कर सकता. विश्व कप के बाद, यदि उनका शरीर पर्याप्त रूप से फिट है, तो उन्हें सफेद गेंद क्रिकेट में कप्तानी संभालनी चाहिए. वरिष्ठ खिलाड़ी चरणबद्ध तरीके से बाहर होने के लिए तैयार हैं और युवा भी तैयार हैं.’ हालांकि, भारत के 1983 विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव इससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा चोट लगना एक क्रिकेटर के जीवन का हिस्सा होता है. आपको यह जानना होगा कि इससे कैसे उबरना है.
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कपिल ने द वीक के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘क्यों? मैं उनके (शास्त्री के) बयान या सोच का सम्मान करता हूं, लेकिन क्यों? डेनिस लिली से ज्यादा किसी को भी चोट का सामना नहीं करना पड़ा है. इसलिए, मैं ऐसा नहीं मानता. मानव शरीर किसी भी कोने से वापस आ सकता है, और शीर्ष पर वापस आ सकता है. अगर आप कहें कि हार्दिक पंड्या, जो इतने महान एथलीट हैं, बहुत अच्छे दिखते हैं. अगर उन्हें अपने शरीर पर कड़ी मेहनत करनी है, तो उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी.’
हार्दिक पंड्या मध्य क्रम में बल्लेबाजी करने और अपनी टीम को तेज गेंदबाजी विकल्प प्रदान करने की क्षमता को देखते हुए भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे मूल्यवान ऑलराउंडर विकल्पों में से एक हैं. हालांकि, 2020 में लंबे समय तक चोटिल रहने के बाद अपने पूरे कोटा में गेंदबाजी करने की उनकी क्षमता पर सवाल उठे. पंड्या ने अपनी रिकवरी पूरी कर ली और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी अपनी क्षमता साबित की, जहां उन्होंने गुजरात का नेतृत्व करते हुए बल्ले और गेंद दोनों से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
गुजरात टाइटंस ने अपने पहले सीजन में पहली बार खिताब जीता. हरफनमौला खिलाड़ी ने अपने ठीक होने की राह के बारे में बताया कि जब उन्होंने आखिरकार राष्ट्रीय टीम में वापसी की तो एक गेंदबाज के रूप में वापसी करने के लिए कैसे दृढ़ संकल्पित थे. हार्दिक ने 2023 आईपीएल सीजन में भी अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाया और लगातार गेंदबाजी की. उनकी टीम फाइनल में एमएस धोनी की सीएसके से हार गयी.
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हार्दिक ने जियो सिनेमा पर कहा, ‘मैं वापस चला गया और मैं बस अपने साथ समय बिता रहा था. मुझे यह पता लगाना था कि मैं वास्तव में क्या बनना चाहता हूं. अपनी गेंदबाजी के लिए, मैंने भारतीय टीम के लोगों से कहा कि अगर मैं वापस आऊंगा, तो एक ऑलराउंडर के रूप में वापसी करूंगा, अन्यथा मैं नहीं खेलूंगा. और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि वह मेरे सामने आई चुनौती थी. सच कहूं तो, मैं इस बात से बहुत खुश था कि अगर मैं नहीं खेलता, तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.’
शनिवार को भारत को अपने वेस्टइंडीज दौरे पर दूसरे वनडे मुकाबले में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. नियमित कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिया गया था. हार्दिक पांड्या ने कप्तानी की. भारत टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरा. पूरी टीम 41वें ओवर में 181 के कुल स्कोर पर आउट हो गयी. केवल ईशान किशन ने 55 रनों की सबसे बड़ी पारी खेली. खुद हार्दिक भी बल्ले से नाकाम रहें और केवल 7 रन बनाये. उन्होंने करीब सात ओवर गेंदबाजी की और एक भी विकेट नहीं चटका पाये. हार के बाद कप्तानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अभी सीख रहा हूं.