18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महिला टीम को शिखर पर पहुंचाने वाली हरमनप्रीत कौर, 23 साल बाद भारतीय टीम इंग्लैंड में सीरीज जीत रचा इतिहास

बीते दिनों कैंटरबरी के सेंट लॉरेंस ग्राउंड पर भारत और इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के बीच खेले गये तीन मैचों की वनडे सीरीज जीतकर भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच डाला था. 23 साल बाद भारतीय टीम ने इंग्लैंड में सीरीज जीती थी. पेश है हरमनप्रीत कौर के संघर्ष, करियर व जीवन से जुड़े पहलुओं पर एक रिपोर्ट...

Harmanpreet Kaur: भारतीय समाज में आम धारणा है कि खेलखूद सिर्फ बच्चों का काम है. बेटियों का काम तो घर संभालना है. बदलते जमाने के साथ बेटियां इस भ्रम को तोड़ रही है. अब बेटियां चाहें हॉकी हो, बैडमिंटन हो, टैनिस हो, कुश्ती हो, निशानेबाजी हो और चाहें बॉक्सिंग हो, हर खेल में सफलता के झंडे गाढ़ रही है. दुनिया में भारत का नाम रौशन कर रही है. इस कड़ी में महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर का नाम जुड़ गया है. बीते दिनों उन्होंने कैंटरबरी के सेंट लॉरेंस ग्राउंड पर भारत व इंग्लैंड के बीच सेकेंड वनडे मैच में अपना पांचवा शतक जड़कर इतिहास बना दिया. पेश है हरमनप्रीत कौर के संघर्ष, करियर व जीवन से जुड़े पहलुओं पर एक रिपोर्ट…

क्रिकेट के प्रति जुनून व संघर्ष की बदौलत मिली कामयाबी

23 साल बाद भारतीय टीम ने इंग्लैंड में सीरीज जीती थी. टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट पर 333 रन का विशाल स्कोर बनाया था. इस बड़े स्कोर में सबसे बड़ा योगदान कप्तान हरमनप्रीत का रहा, जिन्होंने ताबड़तोड़ शतक जड़कर रनों की बौछार कर दी. अब तक यह माना जाता रहा है कि भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ही विश्व की नंबर एक टीम है, पर अब महिला क्रिकेट टीम भी अपने खेल का लोहा मनवा रही है. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपने नेतृत्व कौशल और अच्छी रणनीति के बूते महिला क्रिकेट टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नहीं पहचान दी है. मगर, आज जिस मुकाम पर वह पहुंची हैं, वहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. सालों की कड़ी मेहनत, क्रिकेट के प्रति जुनून व संघर्ष की बदौलत उन्हें यह कामयाबी मिली है.

बचपन से ही रहा हरमनप्रीत का खेलकूद से नाता

पंजाब के मोगा जिले में 8 मार्च, 1989 को जन्मीं हरमनप्रीत के पिता का नाम हरमंदर सिंह भुल्लर और मां का नाम सतविंदर सिंह है. हरमिंदर सिंह एक वकील के पास क्लर्क थे. उनको शुरू से ही बास्केटबॉल खेलने का शौक था. बचपन में स्कूल टीम में खेले भी, लेकिन खेल को करियर बनाने की तमन्ना अधूरी ही रह गयी. मोगा की रहने वाली सतविंदर से उनकी शादी हो गयी, तो जिम्मेदारियों के बीच बास्केटबॉल की खुमारी कहीं खो-सी गयी. इसके बाद हरमनप्रीत कौर का जन्म हुआ, तो उन्हें लगा कि बेटी सपनों को पूरा करेगी. इस तरह बचपन से ही हरमनप्रीत का खेलकूद से नाता जुड़ गया.

Also Read: धौनी के शहर में क्रिकेट प्रेमियों के सिर चढ़कर बोला मैच का खुमार, देखें तस्वीरें
आर्थिक तंगी से लड़कर पाया मुकाम

अपने छुटपन में हरमनप्रीत टीवी पर अपने पिता के साथ क्रिकेट मैच देखती थीं. यहीं से उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक लग गया. उस दौरान उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, बावजूद पिता हरमिंदर ने अपनी बेटी के अरमानों को पंख लगाने के लिए वक्त निकालकर साथ खेलना शुरू कर दिया. थोड़ी और बड़ी हुईं, तो पड़ोस के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने लगीं. फिर उनके पिता ने मोगा के ही ज्ञान ज्योति स्कूल अकादमी में दािखला दिला दिया.

उनका स्कूल घर से 30 किलोमीटर की दूरी पर था. रोजाना 30 किलोमीटर दूर हरमनप्रीत को भेजना उनके पिता के लिए आसान नहीं था. इसी बीच अकादमी के कोच कमलदीश सिंह सोढ़ी की नजर उन पर पड़ी. उन्होंने हरमनप्रीत की नि:शुल्क कोचिंग और ठहरने की व्यवस्था की. क्रिकेट की शुरुआती बारीकियां हरमनप्रीत ने कमलदीश सिंह से ही सीखीं. खेल के दौरान कई पुरुष खिलाड़ी एक-दूसरे से गाली-गलौज करते, तो हरमन को काफी बुरा लगता था.

वर्ष 2009 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू

हरमनप्रीत क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के खेल को सबसे ज्यादा पसंद करती थीं. उन्हें देख-देख कर वह भी सीखने की कोशिश करती थीं. उन्हें 20 साल की उम्र में पहली बार जून, 2009 में टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला और अपनी खास जगह बना ली. इसके बाद वर्ष 2012 में उन्होंने महिला टी-20 एशिया कप के फाइनल मैच में भारतीय क्रिकेट महिला टीम की कप्तानी भी की. उनकी कप्तानी में ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप का खिताब जीता. इसके बाद वर्ष 2013 में इन्हें बांग्लादेश टूर के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया. यही नहीं वर्ष 2014 में जिन महिला क्रिकेटरों का टेस्ट डेब्यू हुआ था, उनमें हरमनप्रीत का नाम भी शामिल था. हालांकि, टेस्ट मैच में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और सिर्फ 9 रन ही बना पायीं. वर्ष 2015 के दौरान उनका खेल ठीक रहा और धीरे-धीरे उनका आगे बढ़ने का सफर यूं ही जारी रहा.

2016 : ऑस्ट्रेलिया सीरीज ने दिलायी पहचान

जनवरी, 2016 के दौरान हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज खेला और टीम के लिए 46 रन का योगदान दिया. उनके धुंआधार बल्लेबाजी के बूते ही भारतीय क्रिकेट टीम को जीत िमली. इस कामयाबी के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसी साल हुए महिला टी-20 क्रिकेट विश्व कप में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा. उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी को देख एक टी-20 फ्रैंचाइजी ने बिग बैश लीग के लिए साइन कर लिया और ऐसा करने वाली वह पहली महिला क्रिकेटर बनीं.

विश्व कप के सेमीफाइनल में 115 गेंद में 171 रन बनाये

साल 2017 में विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 115 गेंद में 171 रन बनाये. महिला विश्वकप में फाइनल तक जाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी का दर्जा भी उन्हें मिला. उसी साल भारत सरकार ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया. साथ ही वह ऐसी भारतीय कैप्टन हैं, जो टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम की जिम्मेदारी संभालने वाली हैं. इस सूची में पहले स्थान पर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम दर्ज है. अक्तूबर 2019 में भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत 100 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलनेवाली भारत की पहली क्रिकेटर बनीं

रिकॉर्ड और उपलब्धियां

  • जुलाई 2017 में मिताली राज के बाद आइसीसी महिला ओडीआइ खिलाड़ी रैंकिंग के शीर्ष -10 में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय बल्लेबाज

  • मिताली राज के बाद टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाली दूसरी खिलाड़ी

  • टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक बनाने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी

  • 100 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों को पार करने वाली पहली भारतीय क्रिकेटर

  • वर्ष 2016 में ऑस्ट्रेलियाइ टी-20 असाधारण महिला बिग बैश लीग के लिए साइन अप करने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर

एक नजर 

  • जन्म : 8 मार्च, 1989, मोगा, पंजाब, भारत

  • माता-पिता : सतविंदर कौर और हरमिंदर सिंह भुल्लर

  • स्कूल: ज्ञान ज्योति स्कूल अकादमी, मोंगा

  • कॉलेज : हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर

कौन-कौन से मिले अवार्ड

  • वर्ष 2017 महिला क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता

  • आइसीसी महिला टी-20 टीम ऑफ द इयर

  • वर्ष 2017 में अर्जुन पुरस्कार

  • वर्ष 2017 में बीसीसीआइ की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर का खिताब

सोशल मीडिया पर रहती हैं सक्रिय

हरमनप्रीत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं. उनके फेसबुक व ट्विटर अकाउंट पर मौजूद तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं कि वह फुल ऑफ फन लाइफ जीती हैं. इंस्टाग्राम व ट्विटर पर उनकी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है. उनके इंस्टाग्राम पर करीब 11 लाख और ट्विटर पर 422317 फॉलोअर हैं. वह आये दिन डांस के वीडियो साझा करती नजर आती हैं.

अब हरमनप्रीत का भी जर्सी नंबर 7

  • टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जर्सी का नंबर भी 7 था, अब हरमनप्रीत का भी जर्सी नंबर 7 ही है.

  • हरमनप्रीत भारत की ओर से सबसे ज्यादा टी-20 मैच खेलने वाली खिलाड़ी है. धौनी और रोहित शर्मा भी उनसे पीछे है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें