इयान चैपल ने 45 साल बाद टीवी कमेंट्री से लिया संन्यास, कह दी दिल छू लेने वाली बात
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने क्रिकेट कमेंट्री को अलविदा कह दिया है. उन्होंने करीब 45 साल तक क्रिकेट कमेंट्री की और दर्शन उनकी आवाज के दिवाने थे. उनका आवाज और चीजों को बयां करने का उनका अंदाज दर्शकों को काफी पसंद आता था. लेकिन टीवी पर अब उनकी आवाज सुनायी नहीं देगी.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल, क्रिकेट में एक प्रभावशाली और दुर्लभ स्पष्ट आवाज ने टेलीविजन कमेंटेटर के रूप में चार दशक के लंबे करियर के बाद संन्यास की घोषणा की. 78 वर्षीय, जो 1971 से 1975 तक ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे, ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को बताया कि उन्होंने इस पर गंभीरता से विचार करने के बाद कमेंट्री छोड़ने का फैसला किया. रिची बेनो, बिल लॉरी और टोनी ग्रेग के साथ मिलकर चैपल ने कमेंट्री की मशहूर टीम बनायी थी.
इयान चैपल को 2019 में त्वचा कैंसर का पता चला था
चैपल को 2019 में त्वचा कैंसर का पता चला था और इस बीमारी से उबरने में उन्हें पांच महीने का समय लगा था. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार चैपल ने कहा, जब कमेंट्री की बात आती है तो मैं इस बारे में सोच रहा था. उन्होंने कहा, कुछ साल पहले मैं बीमार हुआ था लेकिन भाग्यशाली रहा कि उससे उबरने में सफल रहा. लेकिन अब चीजें मुश्किल होती जा रही हैं और मैंने सोचा इतनी यात्राएं और सीढ़ियां चढ़ने जैसी चीजें अब मेरे लिए मुश्किल होती जा रही हैं.
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चैपल ने बनाये है 5345 टेस्ट रन
चैपल ने कहा, फिर मैंने पढ़ा कि रैबिट्स (रग्बी लीग कमेंटेटर रे वारेन) ने संन्यास के बारे में क्या कहा और उनकी बात मुझे जंच गयी. उन्होंने कहा था कि आप गलती करने से केवल एक वाक्य दूर होते हैं. चैपल अभी 78 साल के हैं. उन्होंने 1964 से 1980 के बीच शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में टेस्ट क्रिकेट में 5345 रन बनाए थे. उन्होंने 30 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी भी की थी. उन्होंने 30 वनडे मैच भी खेले और क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कमेंटेटर बन गये थे.
चैपल की कमेंट्री शैली लाजवाब
चैपल के प्रशंसकों की संख्या उनकी कमेंट्री शैली को याद करेगी. 1980 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी के रूप में सेवानिवृत्त हुए चैपल, चैनल नाइन के चार मूल स्टार कमेंटेटरों में से अंतिम थे. स्टीव वॉ को 1999 में जब ऑस्ट्रेलिया का कप्तान नियुक्त किया गया, तो चैपल ने कहा, मुझे लगता है कि वह एक स्वार्थी क्रिकेटर रहा है. चैपल को इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि एक कमेंटेटर के रूप में उन्हें कैसे याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह तय करना दूसरे लोगों पर निर्भर है कि वे मेरे बारे में क्या सोचते हैं.
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