Harmanpreet Kaur पर कड़े एक्शन के मूड में ICC, लग सकता है कुछ मैचों का बैन
हरमनप्रीत कौर ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में विवादित तरीके से आउट देने पर जमकर गुस्सा जाहिर किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार अब हरमनप्रीत पर आईसीसी कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में विवादित तरीके से आउट देने पर जमकर गुस्सा जाहिर किया था. हरमनप्रीत इस मुकाबले में गुस्से में आकर स्टंप पर बल्ला मारा था. हरमनप्रीत का गुस्सा यहीं नहीं रूका और उन्होंने मैच के बाद अंपायरिंग को लेकर विवादित बयान भी दे दिया था. अब हरमनप्रीत के इसी गुस्से पर आईसीसी बड़ी कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रही है. माना जा रहा है कि हरमनपीत पर कुछ मैचों का बैन लगाया जा सकता है.
हरमनप्रीत कौर पर लग सकता है बैन
ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार हरमनप्रीत कौर को आचार संहिता के लेवल-2 का उल्लघंन करने के लिए चार डिमेरिट अंक मिल सकते हैं. हरमनप्रीत को तीन डिमेरिट प्वाइंट स्टंप पर गुस्सा दिखाकर बल्ला मारने के लिए और 1 डिमेरिट अंक मैच ऑफिशियल्स की आलोचना करने के लिए दिया जा सकता है. इन चार डिमेरिट प्वाइंट्स के चलते भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर पर दो मैचों का बैन लग सकता है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि आईसीसी के द्वारा नहीं की गई है. फिलहाल हरमनप्रीत के इस मामले में बीसीसीआई और आईसीसी के बीच बातचीत जारी है.
आईसीसी के नियमों के अनुसार जब किसी खिलाड़ी को 24 महीने के अंदर चार डिमेरिट अंक मिलते हैं तो उन्हें निलंबन अंकों में बदल दिया जाता है और खिलाड़ी पर मैच से बैन लगाया जाता है. ऐसी स्थिति में प्लेयर को एक टेस्ट, दो वनडे या दो टी20 मुकाबले से बैन किा जाता है. एक टेस्ट या दो लिमिटेड ओवर्स मैचों से बैन के लिए दो डिमेरिट अंकों की जरूरत होती है. अगर भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर पर बैन लगता है तो यह सितंबर-अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज और तीन मैचों की टी20 सीरीज के दौरान लागू होगा. वहीं लेवल-2 के तहत हरमनप्रीत बैन झेलने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी होंगी.
कितने डिमेरिट अंक दिए जाए इस पर हो रही है चर्चा
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा,‘उन पर खेल के सामान को नुकसान पहुंचाने और मैच अधिकारियों की आलोचना करने के आरोप लगाए गए हैं और अभी इस पर चर्चा चल रही है कि उनके खाते में तीन डिमैरिट अंक जोड़े जाए या चार’ उन्होंने कहा,‘यदि 24 महीने के अंदर चार डिमैरिट अंक मिलते हैं तो फिर खिलाड़ी को एक टेस्ट या दो सीमित ओवरों के मैच से बाहर रहना पड़ सकता है. इस मामले में उन्हें एशियाई खेलों के दो मैचों से बाहर रहना पड़ सकता है’.
क्या है आईसीसी के लेवल-2 का नियम
इंटरनेशनल क्रिेकेट काउंसिल के लेवल-2 का नियम प्लेयर्स के मैदान पर करने वाले व्यवहार से संबंधित है. इसके तहत अंपायर के फैसले को लेकर गंभीर असहमति जताना, मैच से संबंधित घटना या मैच अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना करना, मैच उपकरणों को क्षति पहुंचाने की कोशिश करना. अंपायर या मैच अधिकारी की ओर आक्रमक होकर गेंद फेंकना. गलत भाषा का इस्तेमाल करना. यह सभी आईसीसी के लेवल-2 के तहत अपराध माने जाते हैं.
2017 में भी हरमन को मिला था डिमेरिट प्वाइंट
यह पहली बार नहीं होगा जब भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को डिमेरिट प्वाइंट मिलेगा. इससे पहले 2017 वर्ल्ड सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने आउट होकर अपना हेलमेट जमीन पर गिरा दिया था. उस वक्त इसे आईसीसी के लेवल-1 को अपराध माना गया था और हरमनप्रीत को एक डिमेरिट प्वाइंट मिला था. हरमनप्रीत से पहले भारतीय क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति इकलौती भारतीय महिला क्रिकेटर हैं जो दो बार आईसीसी के आचार संहिता के उल्लघंन करने की दोषी पाई गई हैं. ऐसे में अगर हरमन पर बैन लगता है तो वह वेदा के साथ इस लिस्ट में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बन जाएंगी.
मदन लाल ने की हरमनप्रीत की आलोचना
मदन लाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि बांग्लादेश महिला टीम के खिलाफ हरमनप्रीत का व्यवहार निंदनीय था. वह खेल से बड़ी नहीं है. इससे भारतीय क्रिकेट का नाम खराब हुआ है. बीसीसीआई को बहुत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए. हरमनप्रीत के व्यवहार के बारे में बात करते हुए निगार ने भारतीय कप्तान की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से उनकी (हरमनप्रीत कौर की) समस्या है. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. एक खिलाड़ी के रूप में, वह बेहतर शिष्टाचार दिखा सकती थीं. मैं आपको नहीं बता सकती कि क्या हुआ, लेकिन वहां (फोटोग्राफ के लिए) अपनी टीम के साथ रहना सही नहीं लगा. यह सही माहौल नहीं था. इसलिए हम वापस चले गए. क्रिकेट अनुशासन और सम्मान का खेल है.’
हरमनप्रीत ने स्टंप पर मारा था बल्ला
भारतीय महिला और बांग्लादेश महिला टीम के बीच हुई वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले के दौरान खूब विवाद हुआ. इस मुकाबले में हरमनप्रीत कौर 14 रन पर बांग्लादेशी गेंदबाज नाहिदा अख्तर की गेंद पर आउट हुई थी. हरमनप्रीत कौर को अंपायर ने स्निक आउट दिया था. हालांकि हरमनप्रीत ने अंपायर के फैसले को देखते ही काफी गुस्से में आ गई और उन्हें खुद के आउट होने पर विश्वास नहीं हुआ. हरमनप्रीत कौर ने अपने विकेट का गुस्सा स्टंप पर दिखाया और पवेलियन की ओर जाने से पहले स्टंप पर बल्ले से अटैक किया. हरमनप्रीत कौर पवेलियन जाते वक्त अंपायर्स को काफी गुस्से से कुछ बोलती हुई भी नजर आईं थी. हरमन के गुस्से से यह समझा जा सकता था कि उन्हें अंपायर के निर्णय का कितना बुरा लगा है.
ट्रॉफी शेयर करने के दौरान भी हरमन का दिखा गुस्सा
मैच के एक दिन बाद वायरल हुए एक वीडियो में, भारत के कप्तान को स्पष्ट रूप से ट्रॉफी शेयर करने के लिए अंपायरों को भी बुलाते हुए देखा जा सकता है. मतलब हरमनप्रीत ने अंपायरों को बांग्लादेश टीम का हिस्सा बताने का प्रयास किया. इसके बादअपमानित बांग्लादेश की कप्तान निगार सुल्तान ने अपने खिलाड़ियों से फोटो सेशन से चले जाने का आग्रह किया. 1983 विश्व कप विजेता खिलाड़ी मदन ने ट्विटर पर इस व्यवहार के लिए हरमनप्रीत की आलोचना की है और बीसीसीआई से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
उपकप्तान स्मृति मंधाना ने हरमनप्रीत का किया बचाव
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की उप-कप्तान स्मृति मंधाना से भी उक्त घटना के बारे में पूछा गया. मंधाना ने पुष्टि की कि हरमनप्रीत ने अंपायरों के खिलाफ कुछ शब्द कहे लेकिन बांग्लादेश के कप्तान या टीम पर कुछ भी नहीं कहा. मंधाना ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उन्होंने बांग्लादेश के कप्तान के बारे में कुछ कहा है. मैंने जो कुछ भी सुना है, उससे लगता है कि उन्होंने अंपायरिंग के बारे में कुछ कहा है. मुझे नहीं लगता कि उन्होंने उनके (बांग्लादेश के खिलाड़ियों) बारे में कुछ कहा है.’ मंधाना ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘हमें उन चीजों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए जो मैच के दौरान नहीं हुई थीं. मैच के बाद चीजें कैमरे पर नहीं थीं, यह कुछ ऐसा है जो मैच के बाद की प्रस्तुति के बाद हुआ, इसलिए आइए इसके बारे में बात न करें.’
भारत और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरीज रही थी टाई
आपको बता दें कि टी20 सीरीज के बाद टीम इंडिया औऱ बांग्लादेश के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज भी खेली गई थी. हालांकि टीम इंडिया यह सीरीज अपने नाम नहीं कर सकी और वनडे श्रृंखला 1-1 से बराबर रही थी. वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में बांग्लादेश ने बाजी मारी थी. पर इसके बाद दूसरे मैच में टीम इंडिया ने वापसी की और मैच अपने नाम किया. दोनों टीमों के बीच वनडे सीरीज का आखिरी मैच टाई रहा. हालांकि आखिरी वनडे में अंपायर्स ने कुछ गलत फैसले लिए जिसका खामियाजा भारतीय टीम को भुगतना पड़ा और मैच टाई रहा.
रोमांचक रहा था तीसरा वनडे मुकाबला
भारतीय महिला और बांग्लादेश के बीच खेला गया तीसरा वनडे मुकाबला काफी रोमांचक रहा. इस मुकाबले में बांग्लादेश की टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. बांग्लादेश की टीम को इस मुकाबले में शानदार शुरूआत मिली बांग्लादेश की सलामी बल्लेबाज शमिमा सुल्ताना और फरगाना हक ने पहले विकेट के लिए 93 रनों की साझेदारी की. भारत को पहली सफलता स्नेह राणा ने दिलाई और उन्होंने सुल्ताना को 52 रनों पर आउट किया. बांग्लादेश के लिए हालांकि दूसरी सलामी बल्लेबाज फरगाना हक ने मैच में कमाल की बैटिंग जारी रखी और उन्होंने इस मैच में अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाया हक ने इस मुकाबले में 160 गेंदों पर 7 चौके की मदद से शानदार 107 रनों की पारी खेली थी. उनकी पारी के दमपर बांग्लादेश ने 225 रन बनाए.
226 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की ओर से उपक्पतान और स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 59 रनों की पारी खेली. स्मृति की पारी के बाद टीम इंडिया के लिए जीत की राह काफी आसान लग रही थी. स्मृति के बाद मिडिल ऑर्डर में हरलीन देओल ने शानदार बैटिंग करते हुए 108 गेंदों पर 77 रन की अर्धशतकीय पारी खेली. हालांकि स्मृति और हरलीन की बेहतरीन पारियों के बावजूद भारतीय टीम लक्ष्य के पार नहीं पहुंच पाई और बांग्लादेश के स्कोर के बराबरी तक पहुंच आलआउट हो गई.