कोविड-19 महामारी के कारण अधर में लटकी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के मैच पूरे करवाने के लिए इसे चार महीने आगे खिसकाने और इसके कार्यक्रम में बदलाव करने पर विचार कर रही है लेकिन इससे भारत पर असर नहीं पड़ेगा और वह आगे भी इसमें अपनी मजबूत स्थिति बरकरार रख सकता है. भारत ने डब्ल्यूटीसी में अभी तक सर्वाधिक चार श्रृंखलाएं खेली हैं जिसमें से तीन में उसने जीत दर्ज की. इससे उसके 360 अंक हैं और वह शीर्ष पर काबिज है.
ऑस्ट्रेलिया तीन श्रृंखलाओं में 296 अंक लेकर दूसरे स्थान पर है जबकि न्यूजीलैंड (तीन श्रृंखलाओं में 180) तीसरे, इंग्लैंड (दो श्रृंखलाओं में 146) चौथे और पाकिस्तान (दो श्रृंखलाओं में 140) पांचवें स्थान पर है. अंकतालिका में इनके बाद श्रीलंका (दो श्रृंखलाओं में 80) और दक्षिण अफ्रीका (दो श्रृंखलाओं में 24) का नंबर आता है. वेस्टइंडीज और बांग्लादेश ने डब्ल्यूटीसी के तहत एक-एक श्रृंखला खेली है और वे अभी तक खाता नहीं खोल पाए हैं. आईसीसी के अनुसार डब्ल्यूटीसी के अंतर्गत किसी एक देश को छह श्रृंखलाएं (तीन स्वदेश, तीन विदेश) खेलनी होती हैं. भारत दो श्रृंखलाएं विदेश और दो स्वदेश में खेल चुका है. ये सभी श्रृंखलाएं दो या तीन टेस्ट मैचों की थी जिनमें जीतने पर भारतीय टीम को पूरे अंक मिल गए.
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक श्रृंखला में अधिकतम 120 अंक हासिल किए जा सकते हैं. इस तरह से दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में एक मैच जीतने पर 60 अंक और तीन मैचों की श्रृंखला में एक मैच जीतने पर 40 अंक मिलते हैं. इसी तरह से चार और पांच मैचों की श्रृंखला में एक मैच जीतने पर अंकों की संख्या घटकर 30 और 24 हो जाती है. मैच टाई होने पर दोनों टीमों में आधे आधे अंक बंट जाते हैं जबकि ड्रॉ होने पर दो से लेकर पांच मैचों की श्रृंखला में क्रमश: 20, 13, 10 और आठ अंक मिलते हैं.
भारत ने डब्ल्यूटीसी के तहत अपनी पहली श्रृंखला वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली और उसने दोनों मैच जीतकर 120 अंक हासिल किए. विराट कोहली की टीम ने इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को अपनी सरजमीं पर तीनों मैच में हराकर 120 अंक जुटाये और फिर बांग्लादेश की टीम जब भारत आयी तो श्रृंखला के दोनों मैच जीते. इस तरह से भारत के सात जीत से 360 अंक हो गये थे. भारतीय टीम ने इस साल के शुरू में न्यूजीलैंड का दौरा किया लेकिन वहां उसने दोनों टेस्ट मैच गंवा दिए. इससे वह 360 अंक पर ही अटका रहा.
कोहली की टीम को अभी डब्ल्यूटीसी के तहत दो श्रृंखलाएं खेलनी हैं. उसे इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया दौरे में चार टेस्ट मैच खेलने हैं. अगर भारत 2018-19 का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखता है तो वह अपने अंकों में इजाफा कर सकता है. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में श्रृंखला 2-1 से जीती थी. भारतीय टीम अगले साल जनवरी में पांच टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड की मेजबानी करेगी. यह उसकी डब्ल्यूटीसी के तहत अंतिम श्रृंखला भी होगी. इंग्लैंड के लिए भारतीय सरजमीं पर खेलना आसान नहीं रहा है. इससे पहले उसकी टीम 2016 के आखिर में भारत दौरे पर आयी थी तब भारतीय टीम ने उसे पांच मैचों की श्रृंखला में 4-0 करारी शिकस्त दी थी.