अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज में जीत को अब भी क्रिकेट की बड़ी उपलब्धियां में नहीं गिना जायेगा, लेकिन भारत के कुछ खिलाड़ी रविवार को यहां होने वाले दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इसे हासिल करने के लिए बेताब होंगे, ताकि वह टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए दावा मजबूत कर सकें. भारत ने मोहाली में खेले गये पहले मैच में छह विकेट से जीत दर्ज करके तीन मैच की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनायी. ऐसे में जितेश शर्मा, वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ियों के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वह अफगानिस्तान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं की नजर में बने रहें, जिनका लक्ष्य टी-20 विश्व कप के लिए अदद टीम का चयन करना है. भारतीय टीम ने जून में होने वाले विश्व कप से पहले कोई अन्य टी-20 सीरीज नहीं खेली है.
जितेश ने ईशान को पीछे छोड़ कर विकेटकीपर बल्लेबाज की दौड़ में खुद को आगे कर दिया है. उन्होंने निचले मध्यक्रम में कुछ उपयोगी पारियां खेली हैं और वह अपना दावा पक्का करने के लिए बड़ी पारियां खेलने की कोशिश करेंगे. तिलक वर्मा का मामला भी ऐसा ही है. उन्होंने पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैच की सीरीज में 39, 51 और नाबाद 49 रन बनाये.
चोटिल होने के कारण वनडे विश्व कप में नहीं खेल पाने वाले अक्षर अब सीमित ओवरों ही नहीं बल्कि टेस्ट मैचों में खेलने के लिए भी तैयार है. बाएं हाथ के इस स्पिनर के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है. उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ मोहाली में पहले टी-20 मैच में 23 रन दे कर दो विकेट लिये थे. वह अगले मैच में भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. वाशिंगटन ने भी टीम में वापसी की है.
विश्व कप विजेता नायक युवराज सिंह ने शनिवार को संकेत दिया कि वह भारतीय क्रिकेट टीम को आने वाली चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए भविष्य में ‘मेंटोर’ की भूमिका निभाना पसंद करेंगे. भारत पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2023 विश्व कप फाइनल में हार गया, जिससे आइसीसी ट्राफी का उसका इंतजार और बढ़ गया. भारत ने 2013 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तान में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, जबकि पिछली विश्व कप जीत 2011 में मिली थी. युवराज ने यहां ‘युवराज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के उद्घाटन के दौरान कहा कि मुझे लगता है कि हमने काफी फाइनल खेले, लेकिन एक भी नहीं जीता. 2017 में मैं एक फाइनल का हिस्सा रहा, जिसमें हम पाकिस्तान से हार गये थे. उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में हमें निश्चित रूप से इस पर काम करना होगा. बतौर देश और भारतीय टीम के तौर पर दबाव में बेहतर प्रदर्शन करना होगा. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ चीज की कमी है, जब कोई बड़ा मैच होता है, तो हम शारीरिक रूप से तैयार होते हैं, लेकिन मानसिक रूप से हमें मजबूत होने की जरूरत है.