IND vs AUS: आखिरी टेस्ट में ईशान किशन को मिल सकता है मौका, केएस भरत की होगी छुट्टी

India vs Australia Test- अहमदाबाद में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मैच में झारखंड के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन को मौका मिल सकता है. केएल भरत अब तक के तीन मैच में बल्ले से कोई खास कमाल नहीं दिखा पाये हैं. ऐसे में उन्हें आराम दिया जा सकता है. मोटेरा की पिच बल्लेबाजों के अनुकूल मानी जाती है.

By Agency | March 7, 2023 6:18 PM

नयी दिल्ली : कोना भरत के वर्तमान बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बल्लेबाजी में लचर प्रदर्शन को देखते हुए इशान किशन को आखिरी टेस्ट में मौका मिल सकता है. अहमदाबाद के मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जा रही पिच को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन को अंतिम एकादश में शामिल कर सकता है.

बल्ले से फ्लॉप रहे हैं भरत

भरत को पिछले एक साल से ऋषभ पंत के बैकअप के रूप में तैयार किया जा रहा था और वह भारत ए टीम के नियमित सदस्य रहे. वह हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में 8, 6, नाबाद 23, 17 और 3 का स्कोर ही बना पाए. धीमे और टर्न लेते विकेटों पर उनकी विकेटकीपिंग हालांकि प्रभावशाली रही. यह अलग बात है कि इंदौर में वह कुछ गेंदों पर गच्चा खा गये थे.

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5 पारियों में बनाये केवल 57 रन

पांच पारियों में केवल 57 रन बनाना भारतीय टीम के लिए फायदे का सौदा नहीं रहा है वह भी तब जबकि भारतीय बल्लेबाज टर्निंग पिचों पर रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं. मंगलवार को नेट पर अभ्यास के दौरान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने किशन के साथ काफी समय बिताया. भारतीय टीम का नेट सत्र हालांकि टीम प्रबंधन की सोच को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित नहीं करता तथा मंगलवार को वैकल्पिक अभ्यास सत्र में भरत को विश्राम दिया गया था.

ईशान किशन ने जमकर की प्रैक्टिस

उनका हालांकि बुधवार को अभ्यास सत्र में भाग लेने की संभावना है. मोटेरा का विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिखता है और यदि उसमें उछाल भी होती है तो वह किशन की आक्रामक शैली की बल्लेबाजी के अनुकूल ही होगा और ऐसे में टीम प्रबंधन उन्हें मौका दे सकता है. ऑस्ट्रेलिया की टीम में दो ऑफ स्पिनर का होना ही किशन के खिलाफ जाता है क्योंकि उन्हें बाहर की तरफ टर्न होती गेंदों को खेलने में परेशानी होती है. लेकिन ऐसा सीमित ओवरों के क्रिकेट में हुआ है जहां उन्हें शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाना पड़ता है.

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