IND vs AUS: सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन रविवार को भारतीय टीम ऐसी किट पहनकर उतरी जिस पर खिलाड़ियों के नाम, नंबर और कंधे की पट्टियां गुलाबी रंग की थी. फैंस के मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिरी टीम इंडिया पिंक किट में मैदान पर क्यों उतरी. इसका जवाब जानिए. ऐसा इसलिए क्योंकि सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन को पिंक डे कहा जाता है. नये साल में सिडनी में शुरू होने वाले किसी भी टेस्ट मैच का तीसरा दिन पिंक डे कहलाता है और इस दिन को जेन मैकग्राथ डे के रूप में मनाया जाता है जिसका नाम ऑस्ट्रेलियाई महान ग्लेन मैकग्राथ की दिवंगत पत्नी के सम्मान में रखा गया है.
सिडनी टेस्ट का नाम पिंक टेस्ट क्यों
इस दिन एससीजी में दर्शक भी गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं और स्टेडियम के लेडीज स्टैंड का नाम बदलकर उस दिन के लिए जेन मैकग्राथ स्टैंड कर दिया जाता है. ऐसा मैकग्राथ फाउंडेशन के लिए धन जुटाने के लिए किया जाता है जो स्तन कैंसर के लिए धन जुटाता है और जागरुकता बढ़ाता है. सिडनी में खेले जाने वाले साल के पहले टेस्ट को भी पिंक टेस्ट के नाम से जाना जाता है.
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ग्लेन मैकग्राथ की पत्नी की याद में पिंक टेस्ट पड़ा नाम
जेन मैकग्राथ को पहली बार स्तन कैंसर का पता 1997 में चला था, ग्लेन से शादी से दो साल पहले. उपचार के बाद उन्हें कैंसर मुक्त माना गया और वे दो बच्चों की मां बनीं. अपने पति के साथ मिलकर उन्होंने 2005 में मैकग्राथ फाउंडेशन की स्थापना की. 2006 में उनका कैंसर फिर से फैल गया और जून 2008 में उनकी मृत्यु हो गई. तब से उनका फाउंडेशन स्तन कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करता है और मरीजों की मदद भी करता है.
एक दशक बाद भारत ने गंवाई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी
मैच की बात करें तो तीसरे दिन भारत दूसरी पारी में 157 रन ही बना सका और ऑस्ट्रेलिया को 162 रनों का लक्ष्य मिला. ऑस्ट्रेलिया ने केवल 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया और करीब एक दशक बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया. भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को सीरीज में सबसे अधिक 32 विकेट चटकाने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया.