भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गये पहले टी-20 मुकाबले के हीरो ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या रहे. सफलता और विफलता का अब भारत के स्टार हरफनमौला पर असर नहीं पड़ता और उन्होंने स्पष्ट सोच के साथ ‘तटस्थ जीने’ का हुनर सीख लिया है. अपने कैरियर में चोटों से परेशान रहे पंड्या के लिए वापसी आसान नहीं थी लेकिन उन्होंने शानदार वापसी करते हुए गुजरात टाइटंस को पहले ही सत्र में आईपीएल खिताब दिलाया.
हार्दिक पांड्या ने आयरलैंड के खिलाफ दो मैचों की टी-20 सीरीज में कप्तानी करते हुए भारत को क्लीन स्वीप करने में मदद की. वहीं, अब इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल करके भारत की जीत के सूत्रधार रहे. पंड्या ने 33 गेंद में 51 रन बनाने के बाद 33 रन देकर चार विकेट लिये. उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है. मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अच्छे इरादे से की गयी मेहनत बेकार नहीं जाती.
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उन्होंने कहा कि मैं खुद को हमेशा तैयार रखना चाहता हूं. कई बार नतीजे मेरे पक्ष में होंगे तो कई बार नहीं. मैं कामयाबी और नाकामी को लेकर ज्यादा नहीं सोचता. मैंने तटस्थ जीना सीख लिया है. आज अच्छा दिन था तो कल बुरा भी हो सकता है. जिंदगी चलती रहती है लिहाजा हंसते रहो और मेहनत करते रहो. पंड्या ने कहा कि अपने जीवन को लेकर उनकी सोच हमेशा स्पष्ट रही है और ढर्रे से उतरने पर भी उनके आसपास ऐसे लोग हैं जो उन्हें फिर पटरी पर ले आते हैं.
पांड्या ने कहा कि मेरी सोच हमेशा स्पष्ट रही है. जब भी मुझे लगता है कि साफ सोच नहीं पा रहा हूं तो समय लेकर सुधार करता हूं. मैं हड़बड़ी में कुछ नहीं करता. गेंदबाजी या बल्लेबाजी को तो छोड़ दो, आम जीवन में भी यह स्पष्टता जरूरी है. उन्होंने कहा कि मेरी मदद के लिए काफी लोग हैं. परिवार मेरे लिये बहुत अहम है जो मेरी सोच में स्पष्टता लाता है. जब भी मैं कन्फ्यूज होता हूं तो कृणाल है, मेरी पत्नी है, मेरी भाभी हैं. हमारा तालमेल बहुत मजबूत है और पथ से भटकने पर वे मुझे रास्ते पर ले आते हैं.
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टेस्ट क्रिकेट हर क्रिकेटर के लिये सर्वोपरि चुनौती है लेकिन पंड्या ने कहा कि वह अभी इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे. उन्होंने कहा कि फिलहाल सीमित ओवरों का सत्र है और पूरा फोकस सफेद गेंद के क्रिकेट पर है. टेस्ट खेलने का मौका भी मिलेगा. मेरा फलसफा साफ है कि जो भी खेलो, उसमें अपना शत प्रतिशत दो.