भारत और इंग्लैंड के बीच हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मुकाबले में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा. मैच में भारतीय टीम बेहतरीन लय में नजर आ रही थी. मगर टेस्ट मैच के चौथे दिन इंग्लैंड के सभी बल्लेबाज के आउट होने के बाद भारत को जीत के लिए 231 रन की जरूरत थी. जिस लक्ष्य का पीछा भारतीय टीम ना कर सकी और इस मुकाबले को इंग्लैंड की टीम 28 रनों से जीत ली. बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड टीम ने भारतीय दौरे पर शानदार अंदाज में आगाज किया है. दोनों टीमों के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला हैदराबाद में 25 जनवरी से खेला गया. भारतीय टीम को मिली करारी हार के बाद, भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का बयान सामने आया, राहुल द्रविड़ का मानना है कि शुरुआती टेस्ट में इंग्लैंड से 28 रन की हार के दौरान भारत की गलती पहली पारी में मैदान पर रन छोड़ना और अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठाया था.
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भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का मानना है कि भारतीय टीम के तीन बल्लेबाज मैदान पर बड़े समय तक खेलने के लिए तैयार दिख रहे थे, लेकिन अंततः वह चूक गए. द्रविड़ ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तथ्य पर जोर दिया और कहा, ‘मुझे लगा कि हमने पहली पारी में बोर्ड पर शायद 70 रन छोड़े थे. आप जानते हैं, मुझे लगता है कि हमारी पहली पारी में, जब हालात बल्लेबाजी के लिए काफी अच्छे थे दूसरे दिन, मैंने सोचा कि जिस तरह की परिस्थितियों में हम फंसे थे, कुछ अच्छी शुरुआत हुई और हम वास्तव में इसका फायदा नहीं उठा सके.’ द्रविड़ ने आगे कहा, ‘हमने शतक नहीं बनाया, आप जानते हैं, हमें ऐसा कोई नहीं मिला जिसने हमारे लिए वास्तव में बड़ी पारी खेली हो. इसलिए, कुछ मायनों में, भारत में, मुझे लगा कि हमने उन 70, 80 रनों को छोड़ दिया. हम सभी जानते हैं कि दूसरी पारी हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है. यह उन चीजों में से एक है, जिसे आप जानते हैं, यह कठिन है. 230 का पीछा करना आसान नहीं है या यह बहुत बार नहीं किया जाता है.’ द्रविड़ ने युवा बल्लेबाजों का बचाव करते हुए और उनकी स्किल पर बात करते हुए आगे कहा कि मौजूदा टेस्ट सेट-अप में कई युवा खिलाड़ी हैं, जो अभी भी लंबी पारी खेलने की कला सीख रहे हैं.
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अपनी बात को आगे रखते हुए द्रविड़ ने कहा, ‘बहुत से खिलाड़ी काफी युवा हैं, कई खिलाड़ी अभी सफेद गेंद से बहुत अधिक क्रिकेट खेलते हैं और शायद उन्हें बहुत अधिक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के लिए समय नहीं मिल पाता है. वे सीख रहे हैं और मुझे लगता है कि वे बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. सच कहें तो, पिछले कुछ वर्षों में उनके लिए चुनौतीपूर्ण विकेट भी रहे हैं. लेकिन उनके पास कौशल है और उनके पास क्षमता है, और वे यहां ऐसे ही नहीं आए हैं; वे घरेलू क्रिकेट में बहुत सारे रन बनाकर, ए-टीम क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके यहां आए हैं. आप जानते हैं, उन्हें योग्यता के आधार पर चुना जा रहा है.’
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