भारतीय मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को कहा कि लोकेश राहुल इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज में विकेटकीपर के रूप में नहीं खेलेंगे और विकेटकीपर की भूमिका के लिए केएस भरत और ध्रुव जुरेल के बीच प्रतिस्पर्धा है. राहुल ने हाल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैच की सीरीज में विकेटकीपर की भूमिका निभायी थी और विकेट के पीछे शानदार प्रदर्शन किया था. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज गुरुवार से शुरू होगी. द्रविड़ ने कहा कि राहुल इस सीरीज में विकेटकीपर के रूप में नहीं खेलेगा और हम अपने चयन को लेकर स्पष्ट हैं.
हमने दो अन्य विकेटकीपर को चुना है और बेशक राहुल ने दक्षिण अफ्रीका में हमारे लिए शानदार काम किया था और सीरीज ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि लेकिन पांच टेस्ट मैच को देखते हुए और इन परिस्थितियों में खेलने को लेकर चयन दो अन्य विकेटकीपर के बीच होगा. भारतीय पिचों पर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे स्पिनरों के खिलाफ विकेटकीपिंग करना किसी विशेषज्ञ के लिए भी आसान नहीं होता. बेंगलुरु के 31 साल के राहुल अपने करियर में 92 प्रथम श्रेणी मैच में से सिर्फ तीन में विकेटकीपर के रूप में खेले हैं, लेकिन उन्होंने भारत में एक बार भी ऐसा नहीं किया. इसे देखते हुए टीम प्रबंधन का इंग्लैंड के खिलाफ विकेटकीपर के रूप में राहुल को नहीं चुनने का फैसला सही नजर आता है.
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भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ इंग्लैंड खेमे को हल्की चेतावनी देते हुए कहा कि गुरुवार से यहां शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती मैच में जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा पिच से स्पिनरों को मदद मिलेगी. टेस्ट मैच से दो दिन पहले पिच काफी सूखी दिख रही थी खास कर दोनों छोर के गुड लेंथ क्षेत्र के आस-पास. द्रविड़ ने कहा कि पिच के बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है. पिच से हालांकि स्पिनरों को टर्न मिलेगा. कितनी जल्दी और कितनी तेजी इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता हूं.
हैदराबाद. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने मंगलवार को कहा कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को शॉर्ट पिच गेंदों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल से नियंत्रित करना उनकी और उनकी टीम की पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को हराने की योजना में प्रमुखता से शामिल होगा. पहला टेस्ट गुरुवार से यहां शुरू होगा और वुड ने कहा कि पिचों की प्रकृति धीमी होने के बावजूद उनकी रणनीति में मदद मिल सकती है. वुड ने कहा कि हां जब मैं वहां मैदान पर उतरूंगा, तो परिस्थितियों का आकलन किया जायेगा. यहां बाउंसर का कम ही इस्तेमाल होता है, लेकिन पिच कभी-कभी दोहरी गति वाली हो सकती है और यदि यह धीमी भी है, तो गेंदबाजों को मदद मिल सकती है, क्योंकि बल्लेबाज को शॉट खेलने में दिक्कत होगी. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि रोहित जैसा खिलाड़ी शॉर्ट गेंद के खिलाफ कितना अच्छा है.
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