IND vs ENG: आकाश दीप ने सुनी गुरु की बात, बैटिंग छोड़ बन गए बॉलर
IND vs ENG: रांची के जेएससीए से अपना नाम रौसन करने वाले आकाश दीप को उनके गुरु ने सही राह दिखाते हुए बल्लेबाज से एक सटीक गेंदबाज बनाया.
IND vs ENG: झारखंड के रांची के रहने वाले क्रिकेटर व पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तरह ही क्रिकेट में आए हाल ही में टीम इंडिया की जर्सी पहने आकाशदीप ने शाही मूड में अपना टेस्ट डेब्यू किया है. आकाशदीप ने कैप्टन कूल के होम ग्राउंड रांची के जेएससीए स्टेडियम में इंग्लिश बल्लेबाजों को अपनी बोलिंग के मार्फत समझा दिया है. हालांकि धोनी और आकाश दीप दोनों में दो समानताएं हैं. दोनों के उत्थान में टेनिस बॉल से खेला जाने वाला खेल रहा है. ये दोनों आसनसोल और कोलकाता में अलग-अलग जगहों पर टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे और पुराने और नए दोनों के उत्थान में एक और ‘सामान्य’ योगदान है. वह एकमात्र सौरभ गांगुली हैं. चलिए जानते हैं उनकी कहानी, उनके बचपन के गुरु और मित्रों की जुबानी.
ऐसे शुरू हुआ करियर
2015 में पिता की मौत व छह महीने बाद बड़े भाई के निधन के बाद आकाश दीप बिल्कुल ठहर गए. उनके आगे परिवार चलाने का बोझ और दूसरी तरफ था क्रिकेट का जुनून. इसी ओह पोह में कई साल गुजर गए. अंतत: मां लड्डूमा देवी का साथ मिला और गुरु राकेश सिंह उर्फ बुच्चा सिंह का हाथ. क्रिकेट गुरु ने आकाश दीप को सही राह दिखाई. बैटिंग की तरफ रूझान रखने वाले आकाशदीप को बॉलिंग की तरफ ध्यान दिलाने लगे. आकाश दीप बचपन से ही काफी अच्छे खिलाड़ी तो थे ही. अब जब गुरु ने उन्हें बॉलिंग में बेहतर करियर बनने की बात बतायी तो वह उसी राह पर चल पड़े. अपनी बॉलिंग को धीरे-धीरे धार देने लगे, जिसका नतीजा यह रहा कि अपने घरेलू मैचों में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. घरेलू स्तर पर आकाशदीप ने 25 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उन्होंने 90 विकेट चटकाए. इस दौरान उन्होंने चार बार पांच विकेट लेने का कमाल किया, जबकि उन्होंने पांच बार चार विकेट लिया. वहीं फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक पारी में उनका बेस्ट प्रदर्शन 60 रन देकर छह विकेट रहा. एक मैच में उनका बेस्ट प्रदर्शन 112 रन देकर 10 विकेट का था. आकाश दीप एक बार 10 विकेट लेने का भी कमाल घरेलू स्तर पर क चुके हैं. घरेलू स्तर पर लिस्ट ए मैचों में आकाश दीप ने 28 मैचों की 28 पारियों में 48 विकेट लिए और उनका बेस्ट प्रदर्शन छह रन देकर तीन विकेट रहा. इन मैचों में उनका इकोनॉमी रेट 482 का रहा. टी20 क्रिकेट में उन्होंने 41 मैचों में 48 विकेट लिए और इस प्रारूप में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 35 रन देकर चार विकेट रहा. 25 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 375 रन बनाए और बेस्ट स्कोर नाबाद 53 रन रहा. वह इतने पर नहीं रुके और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में धमाल मचाना शुरू कर दिया. बंगाल के लिए विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट 2023 में अपनी टीम बंगाल के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया. देखते ही देखते आकाश दीप भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह बनानी शुरू कर दी. अपने प्रदर्शन के बदौलत उन्हें आईपीएल में आरसीबी के तरफ से खेलने का मौका मिला. इसके बाद वर्ष 2023 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज में तेज गेंदबाज दीपक चाहर की जगह आकाश दीप को खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने काफी बेहतर प्रदर्शन किया. और अब साल 2024 में रांची में हुए चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ बुमराह की जगह लेते ही आकाश दीप ने इंग्लैंड के शीर्ष तीन बल्लेबाज को ढेर कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.
शेरशाह सूरी स्कूल मैदान से की खेल की शुरुआत
उनके क्रिकेट के साथी बताते हैं कि आकाशदीप ने अपने खेल की शुरुआत हाईस्कूल मैदान यानी शेरशाह सूरी स्कूल मैदान से की. यहां उन्होंने खुद को तराशना शुरू किया. यही वही मैदान था, जिसमें कभी भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाथ आजमाया था. हाईस्कूल मैदान से आकाशदीप ने न्यू स्टेडियम फजलगंज का रुख किया. जहां उन्हें काफी सहयोग मिला.
दोस्तों को है आकाश दीप पर गर्व
करीब दस वर्ष पूर्व हमलोगों ने एक साथ शिवसागर स्टेडियम में कई क्रिकेट मैच खेले हैं. इस बीच भी आकाशदीप का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और अब भारतीय क्रिकेट टीम में पहुंच कर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. यह हम दोस्तों के लिए गर्व की बात है. मेराज आलम ने कहा, ‘आकाश दीप और हम लोगों ने कई क्रिकेट मैचों में एक साथ मैच खेला है. लगभग हर मैच शानदार रहा. आकाश दीप हमेशा से ही बेहतर खिलाड़ी रहे थे. आज उनका देश के लिए खेलना बहुत ही सुखद है. इसको लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता है.
बचपन के कोच बिट्टू राइन ने कही ये बात
आकाशदीप का रुझान बैटिंग की ओर था. ऐसा नहीं था कि वह बैटिंग में अच्छा नहीं था. वह काफी शानदार प्लेयर था. लेकिन, मुझे उसमें एक बेहतरीन बॉलर की झलक दिखती थी. मेरी कोशिश रही थी, कि वह बॉलिंग ही करे. आज उसकी गेंदबाजी को देख दिल बहुत खुश है.