IND vs ENG: हार के बाद ब्रेंडन मैक्कुलम का आया बड़ा बयान कहा, ‘अंग्रेजों को ज्यादा…’
IND vs ENG: सीरीज हार के बाद इंग्लैंड टीम के कोच ब्रेंडन मैक्कुलम का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने माना है कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों को सीरीज से पहले अधिक नहीं बोलना चाहिया था.
IND vs ENG: भारतीय टीम मौजूदा समय में इंग्लैंड टीम के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही थी. भारत ने सीरीज को 4-1 से अपने नाम कर लिया है. भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा संभाल रहे थे. इस सीरीज में इंग्लैंड टीम अपने बैजबॉल गेम के दम पर उतरी थी. मगर इंग्लिश खिलाड़ियों का बड़बोलापन सीरीज से पहले ही शुरू हो गया था. इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने सीरीज खेलने से पहले ही बैजबॉल और बाकी चीजों को लेकर कई बड़े-बड़े बयान दिए थे. हालांकि इंग्लैंड को अपने बैजबॉल गेम के दम पर सीरीज के पहले मुकाबले में सफलता भी मिली थी. जिसके बाद भारत ने शानदार कमबैक करते हुए सीरीज को अपने नाम कर लिया. भारतीय टीम के बल्लेबाजों और गेंदबाजों के सामने इंग्लैंड की टीम बाकी सभी मुकाबलों में जूझती नजर आई. सीरीज हार के बाद इंग्लैंड टीम के कोच ब्रेंडन मैक्कुलम ने भी यह बात मानी, उन्होंने कहा कि सीरीज से पहले खिलाड़ियों को ज्यादा नहीं बोलना चाहिए था. साथ ही अपने बयान को लेकर स्मार्ट भी होना चाहिए था.
IND vs ENG: हमें अपने बयान पर कायम रहना चाहिए: मैक्कुलम
मैक्कुलम ने इंग्लिश मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘हमें अपने ग्रुप के अंदर विश्वास है. पिछले दो सप्ताह में इसे तगड़ी चोट पहुंची है. हमें उन बयानों को लेकर स्मार्ट होना चाहिए था. यह अच्छी बात है कि हम अंदर से मानें कि कुछ भी हासिल किया जा सकता है, लेकिन कभी कभार जब हम बोलते हैं तब स्मार्ट होना जरूरी है. लेकिन लोग इस तरह के माहौल में आगे बढ़ रहे हैं.’ अपनी बात आगे रखते हुए मैक्कलम ने कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाड़ियों की बात को उनके घमंड के रूप में नहीं लें. यह सिर्फ उनका आत्मविश्वास है. कोच ने कहा, ‘निश्चित रूप से उन्हें (इंग्लिश प्लेयर) मीडिया में पॉजीटिव बयान देने के लिए निशाने पर नहीं लेना चाहिए. उनके बयान को हो सकता है कि मीडिया में घमंड की तरह समझा गया. यह घमंड नहीं है बस ग्रुप का आत्मविश्वास है.’
IND vs ENG: केवल पहला मैच हारा भारत
केएल राहुल और रविंद्र जडेजा भी पहले टेस्ट मैच के बाद चोटिल हो गए थे. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने हालांकि धैर्य बनाए रखा और लगातार चार मैच जीते. भारत ने इस श्रृंखला में पांच खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया जिनमें से चार खिलाड़ियों सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, आकाशदीप और देवदत्त पडिक्कल ने दिखाया कि वे शीर्ष स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इन युवा खिलाड़ियों के बीच स्वयं कप्तान रोहित, उप कप्तान जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन ने अच्छा प्रदर्शन करके उदाहरण पेश किया.
IND vs ENG: यशस्वी जायसवाल नये रन मशीन
युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने खुद को रन मशीन साबित किया जबकि अनुभवी कुलदीप यादव ने अपनी कलाई का जादू बिखेरा. इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत की अगली पीढ़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है. भारत की यह घरेलू धरती पर लगातार 17वीं जीत है जिसे उल्लेखनीय उपलब्धि कहा जा सकता है. भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘सबसे खुशी की बात यह रही कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में अपना दबदबा बनाए रखा और इस बीच कोई श्रृंखला नहीं गंवाई जबकि इस बीच विदेशी खिलाड़ियों को आईपीएल के कारण भारतीय परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव मिला.’
IND vs ENG: जायसवाल ने दो दोहरा शतक जड़ा
जायसवाल इस श्रृंखला में भारत की नई रन मशीन बनकर उभरे. उन्होंने श्रृंखला में 712 रन बनाए और इस तरह से सुनील गावस्कर के बाद किसी एक श्रृंखला में 700 से अधिक रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने. उन्होंने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करके इंग्लैंड के गेंदबाजों को पस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस युवा सलामी बल्लेबाज ने इस बीच लगातार दो मैच में दोहरे शतक लगाए. उन्होंने श्रृंखला में 26 छक्के जड़े जिससे पता चलता है कि वह गेंदबाजों पर किस कदर हावी रहे.
IND vs ENG: रविचंद्रन अश्विन ने चटकाए 26 विकेट
अश्विन और जडेजा ने क्रमशः 26 और 19 विकेट लेकर फिर से साबित किया कि घरेलू परिस्थितियों में उनका कोई जवाब नहीं है. इन दोनों को कुलदीप यादव का भी अच्छा साथ मिला जिन्होंने अंतिम चार टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन करके टीम में तीसरे नंबर के स्पिनर के तौर पर अपनी जगह मजबूत की. भारत के लिए अच्छी बात यह रही कि जिन खिलाड़ियों को उसने इस श्रृंखला में पदार्पण का मौका दिया, वह अपेक्षाओं पर खरे उतरे. विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और सरफराज खान ने राजकोट में अपने पहले टेस्ट मैच में ही प्रभाव छोड़ा और फिर आगे भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा. तेज गेंदबाज आकाशदीप ने रांची में पहले दिन सुबह के सत्र में इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई जबकि देवदत्त पडिक्कल ने धर्मशाला में 65 रन की पारी खेल कर अपनी बल्लेबाजी शैली का शानदार नमूना पेश किया.