IND vs ENG Test Series : चैपल ने बताया मोटेरा टेस्ट में कैसे हुई टीम इंडिया की जीत, इंग्लैंड की कमजोरी का किया खुलासा

IND vs ENG Test Series, ian Chappell, Team India won in Motera Test, England weakness ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज इयान चैपल ने कहा कि भारत ने चेन्नई में खेले गये दूसरे टेस्ट में स्पिन खेलने में इंग्लैंड की कमजोरी की पहचान कर तीसरे टेस्ट में इसे अपने फायदे की तरह इस्तेमाल किया जिससे ‘गुलाबी गेंद' से मेहमान टीम दो दिन के अंदर मैच गंवा बैठी.

By Agency | February 28, 2021 6:27 PM
  • इयान चैपल ने मोटेरा टेस्ट में टीम इंडिया की जीत का बताया कारण

  • इंग्लैंड की टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर

  • चैपल ने बताया, इंग्लैंड क्रिकेट टीम की मोटेरा में हार की बड़ी वजह

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज इयान चैपल ने कहा कि भारत ने चेन्नई में खेले गये दूसरे टेस्ट में स्पिन खेलने में इंग्लैंड की कमजोरी की पहचान कर तीसरे टेस्ट में इसे अपने फायदे की तरह इस्तेमाल किया जिससे ‘गुलाबी गेंद’ से मेहमान टीम दो दिन के अंदर मैच गंवा बैठी.

स्पिनरों अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन ने क्रमश: 11 और सात विकेट चटकाये जिससे इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 112 और दूसरी पारी में 81 रन पर ऑल आउट हो गयी और भारत ने 10 विकेट से मैच अपने नाम कर लिया. इससे पहले चेन्नई में दूसरे टेस्ट को भारतीय टीम ने 317 रन से जीता था. इस टेस्ट में इंग्लैंड की टीम दोनों पारियों में महज 134 और 164 रन ही बना सकी थी.

चैपल ने अपने कॉलम में लिखा, भारत ने टेस्ट में तीन स्पिनरों को खिलाने का फैसला क्योंकि चेन्नई की पिच पर जो रूट के अलावा कोई और बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका था. उन्होंने कहा, भारत ने इसका सही इस्तेमाल करते हुए उनकी मानसिकता को प्रभावित करते हुए इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया.

उन्होंने कहा कि चेन्नई में खेले गये दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की पारी सस्ते में इसलिए सिमटी क्योंकि उनके बल्लेबाजों को अपने रक्षात्मक खेल पर भरोसा नहीं था. इस पूर्व दिग्गज ने कहा, जब स्पिन की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा, तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अपनी रक्षात्मक खेल पर भरोसा नहीं था, जिसके कारण उन्होंने भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाने का प्रयास किया.

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वे क्रीज से बाहर निकल कर खेलने की जगह रिवर्स स्वीप का सहारा ले रहे थे जो इसका सटीक उदाहरण है. उन्होंने सवाल किया, पहले से मन बना कर खेले गये जोखिम भरे शॉट, अच्छे स्पिनरों को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल की जा रही विश्वसनीय तकनीक से बेहतर कैसे हो सकते हैं? उन्होंने कहा, कदमों के बेहतर इस्तेमाल से स्पिन के असर को कम करने के साथ बल्लेबाज के पास मन के मुताबिक जगह पर शॉट खेलने का विकल्प होता है. यह ऐसा कौशल है जिसे खेल के शुरुआती दिनों में सीखा जाता है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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