Ind vs Nz: भारत और न्यूजीलैंड के बीच जारी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम भारतीय टीम पहले दो मैच हार चुकी है. भारत ने पहला मैच 7 विकेट से तो दूसरा मैच 113 रनों से हार गया. भारतीय टीम की इस हार में उसके बल्लेबाजों ने तो निराश किया ही साथ ही गेंदबाजों ने भी विकेट निकालने में देरी की है. भारत की इन हार के बाद कई पूर्व खिलाड़ियों ने वक्तव्य जारी किए हैं. इसी सिलसिले में भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने भी कमेंट किया है.
पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि भारत के स्टार बल्लेबाजों ने पिछले कुछ वर्षों में टर्निंग स्पिनरों की मददगार पिचों पर खेलने से अपना आत्मविश्वास खो दिया है जिससे उनके घरेलू औसत में गिरावट आई है और उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. हरभजन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, कि आपका घरेलू मैदान पर इतने लंबे समय तक शानदार रिकॉर्ड रहा है और अगर आप हार जाते हैं तो जाहिर है कि चर्चा होगी. न्यूजीलैंड जिस तरह से खेला है उसे उसका श्रेय जाता है. उनके लिए ये विदेशी परिस्थितियां थीं और पिच भी ऐसी नहीं थी, जिसमें ज्यादा दरार हो.
भारत 12 वर्षों बाद अपने घर में कोई टेस्ट श्रृंखला हारा है. इससे पहले 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज गंवाई थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे की टर्निंग पिच पर भारत ने महत्वपूर्ण टॉस गंवा दिया और इसके बाद टीम पहली पारी में महज 156 और दूसरी पारी मे 245 रन ही बना सकी. मैन ऑफ द मैच न्यूजीलैंड के स्पिनर मिशेल सैंटनर ने 13 विकेट लिए. पहली पारी में उन्होंने 7 विकेट लेकर भारतीय पारी को जमने का मौका ही नहीं दिया था. न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद भारत में कोई पहला मैच जीता था, जब उसने भारत को पहले मैच में 7 विकेट से हराया था. पहले मैच की पहली पारी में तो भारतीय टीम 46 रन के शर्मनाक स्कोर पर ही ऑलआउट हो गई थी.
हरभजन ने भारतीय गेंदबाजों के लिए कहा कि यहां स्पिनरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां थीं, जहां गेंद को पहले घंटे से ही टर्न लेना चाहिए था. हरभजन ने भारतीय टीम की सोचने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा, कि अगर पिछले दशकों के दौरान के चलन को देखें तो हम पिछले दशक में ज्यादातर टर्निंग पिच पर इस उम्मीद के साथ खेल रहे हैं कि हम टॉस जीतेंगे और 300 रन बनाएंगे और मैच पर नियंत्रत करेंगे. लेकिन हम नहीं जानते कि पासा उलटा पड़ जायेगा और टर्निंग पिच पर हमारे बल्लेबाजी चलेगी या नहीं. हमारे बल्लेबाजों ने इन पिचों पर खेलते हुए आत्मविश्वास खो दिया है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण अजिंक्य रहाणे हैं जो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. इस तरह की पिचों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ. हालांकि रहाणे ने मुंबई के लिए ईरानी ट्रॉफी में लीड करते हुए 27 साल बाद उसे फाइनल में जीत दिलाई है. वे वापसी का भरपूर प्रयास कर रहे हैं. लेकिन 2021 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कंगारू टीम के गाबा के घमंड को चूर करने वाले अजिंक्य को भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया है.
सीरीज का अंतिम मुकाबला 1 नवंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा. इस मैच के बाद भारतीय टीम सूर्य कुमार यादव के नेतृत्व में द. अफ्रीका को दौरा करेगी जहां उसे तीन टी20 मैच खेलने हैं. पहला मैच 8 नवंबर को होगा. भारत का ऑस्ट्रेलियन समर का सफर 22 नवंबर से शुरू होगा जहां मेन इन ब्लू 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है. कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम का ऐलान हो चुका है.
ऑस्ट्रेलिया सीरीज के मैचों का शेड्यूल
पहला टेस्ट- 22- 26 नवंबर 2024 पर्थ
दूसरा टेस्ट- 06- 10 दिसंबर 2024 एडिलेड
तीसरा टेस्ट- 14- 18 दिसंबर 2024 ब्रिसबेन
चौथा टेस्ट- 26- 30 दिसंबर 2024 मेलबर्न
पांचवां टेस्ट- 03- 07 जनवरी 2025 सिडनी
ऑस्ट्रेलिया दौरे के भारतीय टीम की स्क्वाड:
रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शुभमन गिल, यशस्वी जयसवाल, अभिमन्यु ईश्वरन, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, हर्षित राणा, नितीश कुमार रेड्डी.
रिजर्व खिलाड़ी: मुकेश कुमार, नवदीप सैनी और खलील अहमद.