भारत और पाकिस्तान के मुकाबले में हार्दिक पांड्या ने महेंद्र सिंह धोनी के स्टाइल में आखिरी ओवर में छक्का मारकर भारत को जीत दिलायी. हार्दिक मैच की पहली पारी में तीन विकेट लेकर एक सफल गेंदबाज भी रहे. उन्होंने बल्ले से 17 गेंद पर 33 रनों की पारी खेली. मैच के बाद बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैच के दौरान अपने अंदर के एम एस धोनी को देखा, लेकिन उनसे ज्यादा बात नहीं कर पाये.
हार्दिक पांड्या को उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. भारत ने हार्दिक के साथ एक आदर्श लक्ष्य का पीछा करते हुए थ्रिलर जीत हासिल की. मैच में एमएस धोनी की रणनीति होती थी, गेंदबाजों और परिस्थितियों का आकलन करना, खेल को गहराई तक ले जाना और पाकिस्तान द्वारा की गयी एक गलती का अधिकतम लाभ उठाना. और रविवार को हार्दिक ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने अपने भीतर के धोनी को पीछा करने में लगाया था.
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खेल के बाद स्टार स्पोर्ट्स पर गौतम गंभीर और संजय बांगर से बात करते हुए हार्दिक ने खुलासा किया कि उन्होंने धोनी को कई बार ऐसी चीजों को करते देखा है और केवल कोशिश की है उसी का अनुकरण करना. हार्दिक ने आगे बताया कि 15वें ओवर के बाद उनके लिए वास्तव में पीछा करना शुरू हुआ, उन्होंने कहा कि उन्हें ओवर रेट फैक्टर के बारे में भी पता था. ICC के नवीनतम नियम के पास पाकिस्तान के पास एक अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक को घेरे के अंदर लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.
उन्होंने कहा कि जितना मैं सिंगल ले सकूं, कोशिश करता हूं. जाहिर है माही भाई के साथ भी मैंने खेला है और उनको देखा है कि वे क्या करते थे. उनकी सारी बातें कोई क्रिकेटर अपने अंदर नहीं ले सकता, लेकिन जो जो चीज मुझे ले सकता हूं मैंने लिया. मुझे लगता है कि अगर कोई निर्णय जीवन में भी लेना हो और अगर आप शांत हैं और स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम हैं तो बेहतर निर्णय ले सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि बैटिंग में भी मैं सेम चीज यूज करने की कोशिश करता हूं और सोचता हूं कि मेरे पास क्या ऑप्शन है. ये गेम रियली मेरे लिए 15वां ओवर से स्टार्ट हुआ था. मुझे पता था कि डेथ बॉलर आज पदार्पण कर रहा है, मुझे पता था कि मुझे थोड़ा ऊपर गेंद फेंकेगा. तो अगर यहां पे भी डॉट बॉल्स हुई तो प्रॉब्लम नहीं क्योंकी एक लेफ्ट-आर्म स्पिनर है और अनलोगों का ओवर-रेट भी कम था. तो ये सब चीज फैक्टर करके सोचा की आखिरी तक रहे और बेहतर विकल्प लिया.