सेंचुरियन में करारी हार के बाद भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने का सपना फिलहाल चकनाचूर हो चुका है. हालांकि टीम के पास केपटाउन में होने वाले दूसरे टेस्ट को जीतकर सीरीज ड्रॉ कराने का मौका है. भारत ने दक्षिण अफ्रीका के साथ 1992 से टेस्ट सीरीज खेलना शुरू किया है. इन 31 वर्षों में भारतीय टीम ने न्यूलैंड्स स्टेडियम पर छह टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक में भी उसे जीत नसीब नहीं हुई है. टीम इंडिया केपटाउन में चार में उसे हार का सामना करना पड़ा है और दो टेस्ट ड्रॉ रहे हैं. ऐसे में उसे तीन जनवरी से इस मैदान पर शुरू हो रहे दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में चमत्कारिक प्रदर्शन की जरूरत होगी. खासतौर पर कप्तान रोहित और यशस्वी जायसवाल की ओपनिंग जोड़ी को ठोस शुरुआत देनी होगी. बीते 12 वर्षों में इस मैदान पर खेले गये तीन टेस्ट मैचों में भारतीय ओपनिंग जोड़ी ने एक भी शतकीय साझेदारी नहीं निभायी.
भारतीय बल्लेबाजों का 2018 और 2022 में यहां खेले गये टेस्ट मैच में प्रदर्शन दयनीय रहा है. इन दो टेस्ट मैचों में उसने चार पारियां खेलीं, लेकिन उसका सबसे बड़ा स्कोर सिर्फ 223 रन रहा है. 2018 में उसने 209 और 135, जबकि 2022 में उसने 223 और 198 रन बनाये थे. इसी से पता लगता है कि यहां बल्लेबाजों के लिए स्थितियां आसान नहीं होंगी. 2022 में विराट कोहली ने यहां 79 रन की पारी खेली थी और जसप्रीत बुमराह ने एक पारी में पांच विकेट लिये थे.
दक्षिण अफ्रीका में सफलता ओपनिंग जोड़ी पर काफी हद तक निर्भर करती है. सेंचुरियन में रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल इस पर खरे नहीं उतरे. दोनों ने सिर्फ 13 और पांच रन की साझेदारियां कीं. भारत यहां पारी और 32 रन से हारा. न्यूलैंड्स पर भी पिछले दो टेस्ट मैचों में भारतीय जोड़ियों का यहां प्रदर्शन दयनीय रहा है. 2018 में मुरली विजय और शिखर धवन ने 16 रन और 30 रन, 2022 में केएल राहुल और मयंक अग्रवाल ने 31 और 20 रन की साझेदारियां कीं. तीन जनवरी से शुरू होने वाले टेस्ट मैच में रोहित और यशस्वी पर बड़ा दारोमदार होगा.
भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नांद्रे बर्गर की शैली की गेंदबाजी का सामना करते हुए काफी आश्वस्त दिखे, जबकि सोमवार को यहां नेट्स पर शॉर्ट गेंद के खिलाफ श्रेयस अय्यर एक बार फिर मुश्किल में नजर आये. नये साल के दिन कोहली ने नेट सत्र के दौरान जमकर पसीना बहाया और लगभग एक घंटे तक अभ्यास किया. नेट पर गेंदबाजों का सामना करने के बाद कोहली ने लगभग 20 से 25 मिनट तक थ्रोडाउन का सामना किया. कोहली को नेट्स पर विशेष तरह का अभ्यास करने के उद्देश्य के साथ उतरने के लिए जाना जाता है और सोमवार को वह बाएं हाथ की तेज गेंदबाजी के खिलाफ बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे थे. भारतीय टीम में बाएं हाथ का कोई तेज गेंदबाज नहीं है, इसलिए एक नेट गेंदबाज को बुलाया गया और कोहली ने उसकी 25 से 30 गेंदों का सामना किया, जबकि बीच में उन्होंने जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, रविचंद्रन अश्विन और आवेश खान के खिलाफ भी अभ्यास किया. कोहली क्रीज पर लगातार पैर बाहर निकाल कर खेल रहे थे और बीच-बीच में उन्हें आगे बढ़ कर मिड विकेट पर शॉट भी लगाये. हालांकि यहां एकमात्र समस्या यह थी कि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने जो तेज गेंदबाज मुहैया कराया था, उसकी गति बर्गर की तुलना में कम से कम 15 किमी प्रति घंटा कम थी. बर्गर ने सेंचुरियन में शुरुआती टेस्ट में सात विकेट लिये थे.