गलवान घाटी में 20 जवानों के शहीद होने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है, लोग इसके लिए चाइनीज कंपनियों के बहिष्कार का मुद्दा उठा रहे हैं. देश के कई हिस्सों में चीन की कंपनियों का विरोध जारी है. भारतीय खुफिया सुरक्षा ऐजेंसियों ने 52 मोबाइल ऐप की लिस्ट जारी की है जिसका कनेक्शन चीन से है. हालांकि ये लिस्ट पहले ही जारी की गई थी
लेकिन अब इस लिस्ट को सरकार को सौंप दिया गया है. जिसमें इन ऐप को बैन करने की मांग की गयी है. हालांकि सरकार चीनी कंपनियों को लेकर क्या स्टेप उठाएगी ये बाद का विषय है लेकिन जिस तरह सीमा पर हमारे जवान शहीद हुए हैं उससे देखते हुए बीसीसीआई हरकत में आ गयी है. उन्होंने आईपीएल के स्पॉन्सरशिप को लेकर के अगले 1 हफ्ते के अंदर मीटिंग करेगी.
आईपीएल ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अपने ट्वीट के जरिये ये जानकारी दी है कि वो इसकी समीक्षा करेगी. उन्होंने लिखा कि सरहद पर तनाव का माहौल और हमारे 20 जवानों के बलिदान को देखते हुए आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने अगले हफ्ते मीटिंग बुलाने का फैसला किया है. जिसमें आईपीएल डील की स्पॉन्सरशिप की समीक्षा की जाएगी.
बता दें कि इससे पहले बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा था कि वीवो के स्पॉन्सरशिप को हटाने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि इससे भारत को ही फायदा हो रहा है चीन को नहीं. इसलिए अभी वीवो के साथ करार खत्म करने का कोई इरादा नहीं है. बता दें कि आईपीएल का वीवो के साथ तकरीबन 440 करोड़ रुपये का करार है. जो कि साल 2022 में खत्म हो जाएगा.
वहीं टीम इंडिया की भी जर्सी में चीन की कंपनी बायजू का ही स्पॉन्सरशिप है. बायजू ने पिछले साल ही बीसीसीआई के साथ 5 साल का करार है. इसके तहत वह बोर्ड को 1079 रुपये देगा. इस बैठक में इन बातों की भी चर्चा होगी कि उनका स्पॉन्सर के साथ जारी रहेगा या फिर बीच में बंद हो जाएगा.
Posted By : Sameer Oraon