वर्ल्ड कप 2023 में भारत और पाकिस्तान का महामुकाबला शनिवार को अहमदाबाद में खेला जाएगा. दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में इस मैच की सभी टिकटें काफी पहले ही बुक हो चुकी हैं. स्टेडियम की क्षमता 1,30,000 दर्शकों की है. वर्ल्ड कप इतिहास में भारत और पाकिस्तान का सामना सात बार हुआ है. भारत ने सभी सात मुकाबले जीते हैं. पाकिस्तान को वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ एक भी जीत नसीब नहीं हुई है. दोनों टीमों के मुकाबले में भारत का सर्वोच्च स्कोर 336 रन है. वहीं, पाकिस्तान का सर्वोच्च स्कोर 273 रन है. भारत का न्यूनतम स्कोर 216 रन और पाकिस्तान का सबसे छोटा स्कोर 173 रहा है. नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दोनों के मुकाबले से पहले हम विश्व कप में पाकिस्तान पर भारत की सात जीतों पर एक नजर डालते हैं…
सिडनी (1992) : भारत ने पाकिस्तान को 43 रनों से हराया
भारत ने पहली बार 1992 में विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था. इस मैच में दोनों ही टीमों ने अपना सबसे छोटा स्कोर दर्ज किया. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सचिन तेंदुलकर के नाबाद 54 रन की मदद से कुल 216/7 का स्कोर पोस्ट किया. जवाब में पाकिस्तान की टीम आमिर सोहेल की 62 रन की पारी के बावजूद 173 रन पर ढेर हो गई. इस मैच में हार के बावजूद पाकिस्तान ने इस साल अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था.
बेंगलुरु (1996) : भारत ने पाकिस्तान को 39 रनों से हराया
वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान की दूसरी भिड़ंत 1996 में हुई. यह मुकाबला कई वजहों से मशहूर है. इसमें से पहला अजय जडेजा की शानदार पारी है. जडेजा ने पाकिस्तान के स्टार वकार यूनुस के खिलाफ आखिरी ओवरों में 25 गेंदों पर 45 रनों की तूफानी पारी खेली और अंतिम कुछ ओवरों में चार चौके और दो छक्के लगाकर भारत का कुल स्कोर 287-8 कर दिया. दूसरा वाक्या, आमिर सोहेल और वेंकटेश प्रसाद का है. आमिर ने प्रसाद की गेंद पर चौका लगाने के बाद स्लेजिंग की. प्रसाद ने अगली ही गेंद पर उन्हें बोल्ड कर दिया. भारत के लिए सबसे अधिक 93 (115) रन नवजोत सिंह सिद्धू ने बनाए. पाकिस्तानी टीम 248/9 के स्कोर पर आउट हो गई.
मैनचेस्टर (1999) : भारत ने पाकिस्तान को 47 रनों से हराया
यह तीसरी बार था जब भारत और पाकिस्तान की टीमें वर्ल्ड कप में आमने-सामने थीं. यह मुकाबला इसलिए भी याद किया जाता है, क्योंकि 1999 में उसी समय भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के 77 गेंद पर 59 रनों की पारी के दम पर 50 ओवरों में 227/6 का स्कोर बनाया. दूसरी इनिंग में वेंकटेश प्रसाद ने पांच विकेट चटकाए और पाकिस्तान को केवल 180 रनों पर ढेर कर दिया.
सेंचुरियन (2003) : भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया
वर्ल्ड कप में चौथी बार जब भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत हुई को सचिन तेंदुलकर और शोएब अख्तर की रायवलरी देखने लायक थी. सचिन ने उस मुकाबले में 98 रनों की शानदार पारी खेली. उन्होंने दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की जमकर धुनाई की. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 274 रनों का लक्ष्य दिया. सईद अनवर ने शतकीय पारी खेली. भारत ने 45.4 ओवर में 274 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया. यह मैच भारत होली के दिन (1 मार्च, 2003) खेला गया था.
मोहाली (2011) : भारत ने पाकिस्तान को 29 रन से हराया
भारत 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बना. एमएस धोनी की अगुवाई में भारत ने पाकिस्तान को इस वर्ल्ड कप में बुरी तरह हराया. टॉस जीतकर भारत ने मोहाली के परिस्थितियों का अच्छा इस्तेमाल किया. सचिन तेंदुलकर ने एक और विशेष पारी (85 रन) खेलकर भारत को 260/9 का अच्छा स्कोर बनाने में मदद की. जवाब में, मिस्बाह-उल-हक ने 56 रनों की पारी खेलकर पाकिस्तान की उम्मीद को जिंदा रखा, लेकिन जहीर खान ने उन्हें पवेलियन भेजकर उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इस साल भारत 28 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया.
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एडिलेड (2015) : भारत ने पाकिस्तान को 76 रनों से हराया
पाकिस्तान के खिलाफ विराट कोहली के पहले विश्व कप शतक ने एडिलेड ओवल में टॉस जीतकर भारत को 300/7 पर पहुंचा दिया. जवाब में, मोहम्मद शमी ने चार विकेट चटकाए. इससे भारत ने पाकिस्तान को 224 रन पर आउट कर दिया. यह आखिरी बार था जब विराट कोहली ने विश्व कप में शतक बनाया था.
मैनचेस्टर (2019) : भारत ने पाकिस्तान को 47 रनों से हराया (डीएलएस से)
विश्व कप के इतिहास में दूसरी बार, मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड भारत बनाम पाकिस्तान ब्लॉकबस्टर का आयोजन स्थल था. हालांकि, यह पाकिस्तान के लिए दूसरी बार भाग्यशाली नहीं था क्योंकि रोहित शर्मा ने टीम इंडिया के लिए एक विशेष पारी खेली. उनके 140 रनों की मदद से भारत ने 50 ओवरों में 336/5 का स्कोर पोस्ट किया. बारिश के कारण दूसरी पारी की शुरुआत में देर होने से पाकिस्तान को 40 ओवर में 302 रन का संशोधित लक्ष्य दिया गया. लेकिन, वे 40 ओवरों में केवल 212/6 रन ही बना सके. भारत ने डीएलएस पद्धति से यह मुकाबला 89 रनों से जीत लिया.