India vs Pakistan: 2004 के बाद भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की बदल गई सूरत, इस एक मैच ने बढ़ा दी जीत की भूख
India vs Pakistan: 2004 में भारतीय टीम सौरव गांगुली की कप्तानी में पाकिस्तान का दौरा किया था. उस समय के तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय टीम से कहा था, सीरीज और दिल दोनों जीतकर लौटना. दोनों देशों के बीच सीरीज का पहला मुकाबला कराची में खेला गया था.
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आज वर्ल्ड कप 2023 (ICC Cricket World Cup 2023 ) का सबसे हाई वोल्टेज मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा. मुकाबला 2 बजे से खेला जाना है, लेकिन उससे पहले ही क्रिकेट प्रेमियों में इसका बुखार पूरी तरह से चढ़ चुका है. जब भी दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों में इमोशन और रोमांच उबाल पर होता है. दोनों देशों में क्रिकेट को अलग धर्म के रूप में पूजा जाता है. हर कोई यही चाहता है, उसकी टीम भले ही चैंपियन बने या न बने, एक-दूसरे के खिलाफ मैच कभी न हारे. आज के मुकाबले में भी यही स्थिति बन गई है. आपको बता दें वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पलड़ा हमेशा से भारी रहा है, लेकिन हेड-टू-हेड रिकॉर्ड की बात करें, तो पाकिस्तान का पलड़ा भारी रहा है भारत के खिलाफ. शुरुआती कुछ सालों में भारत के खिलाफ पाकिस्तान हावी रहा था, लेकिन इधर कुछ वर्षों से भारत का पलड़ा काफी भारी रहा है. तो आपको हम यहां बताने वाले हैं कि कब से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की भूख बढ़ गई है.
2004 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की बढ़ गई भूख
भारत और पाकिस्तान के बीच अबतक कुल 134 वनडे मुकाबले खेले गए हैं. जिसमें 73 मैचों में पाकिस्तान को जीत मिली है, तो 56 मैचों में भारत जीता. 56 मैच पाकिस्तान ने हारे, तो 73 में भारत को हार मिली. दोनों टीमों के बीच वनडे मुकाबले की शुरुआत एक अक्टूबर 1978 को हुई थी. जिसमें भारत को जीत मिली थी. लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया, वो 2004 तक जारी रहा. लेकिन 2004 के बाद से बाजी पलट गई और जीत का औसत भारत के पक्ष में आ गया. 13 मार्च 2004 से पहले भारत-पाकिस्तान के बीच कुल 86 मैच खेले गए थे, जिसमें 53 में पाक टीम को जीत मिली और भारत केवल 30 मैच जीत पाया. लेकिन उसके बाद आंकड़ा पलट गया. 2004 के बाद दोंनों देशों के बीच 47 मैच खेले गए, जिसमें भारत को 26 में और पाकिस्तान को 21 मैचों में जीत मिली.
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13 मार्च 2004 को कैसा था भारत-पाकिस्तान का मैच
2004 में भारतीय टीम सौरव गांगुली की कप्तानी में पाकिस्तान का दौरा किया था. उस समय के तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय टीम से कहा था, सीरीज और दिल दोनों जीतकर लौटना. दोनों देशों के बीच सीरीज का पहला मुकाबला कराची में खेला गया था. जिसमें मैच आखिरी गेंद तक गया था और रोमांचक मुकाबले को भारत ने 5 रन से जीत लिया था. वीरेंद्र सहवाग (79), सचिन तेंदुलकर (28), राहुल द्रविड़ (99), सौरव गांगुली (45) और मोहम्मद कैफ (46) की पारी के दम पर भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 349 रनों का विशाल स्कोर बनाया था. लेकिन पाकिस्तान की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 344 रन बना लिया था. आखिरी ओवर काफी रोमांचक था.
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सौरव गांगुली ने आखिरी ओवर आशीष नेहरा को सौंपा
उस समय के कप्तान सौरव गांगुली ने आखिरी ओवर के लिए आशीष नेहरा को गेंद सौंपा था. नेहरा ने भी कप्तान के भरोसे को कायम रखा और आखिरी ओवर में 3 रन देकर मोइन खान का विकेट चटकाया था. आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 9 रनों की दरकार थी. क्रीज पर शोएब मलिक और माईन खान जमे हुए थे. आखिरी ओवर में स्ट्राइक पर नावेद उल हसन थे. आशीष नेहरा ने पहली गेंद पर नावेद उल हसन को बीट कर दिया. फिर दूसरी गेंद पर हसन ने एक रन दिया और स्ट्रइक पर आए मोईन खान. तीसरी गेंद पर मोईन बीट हो गए फिर चौथी गेंद पर एक रन लेकर मोईन ने स्ट्राइक हसन को दिया. पांचवीं गेंद पर हसन ने एक रन देकर मोईन को स्ट्राइक पर भेजा. आखिरी गेंद पर पाकिस्तान को जीत के लिए 6 रनों की जरूरत थी. लेकिन आशीष नेहरा ने घातक गेंदबाजी करते हुए मोईन को जहीर खान के हाथों कैच कराया.
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