India tour of South Africa: टीम के प्रदर्शन पर भारी पड़ा विराट कोहली-बीसीसीआई विवाद?
विराट कोहली बतौर क्रिकेटर अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. तीन में से दो प्रारूपों में कप्तानी उन्होंने छोड़ी और एक से उन्हें हटा दिया गया.
भारत का दक्षिण अफ्रीका दौरा अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है. पहले टेस्ट में शानदार जीत के बाद टीम इंडिया का प्रदर्शन लगातार गिरता चला गया. विराट कोहली (virat kohli) का कप्तानी छोड़ना और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का टीम में न होना भारत को भारी पड़ा. कप्तान के रूप में केएल राहुल (kl rahul) बुरी तरह से फेल हुए, तो अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का करियर खतरे पर है.
टीम के प्रदर्शन पर भारी पड़ा विराट कोहली-बीसीसीआई विवाद
टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले ही संकेत मिल गए थे कि सब कुछ ठीक ठाक नहीं रहने वाला है जब तत्कालीन टेस्ट कप्तान विराट कोहली की बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से ठन गई थी. पूरा प्रकरण टीम की रवानगी से पहले सही नहीं था लेकिन पहले टेस्ट में मिली जीत के बाद यह हाशिये पर चला गया. लेकिन बाद में टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद विराट कोहली का कप्तानी छोड़ना टीम इंडिया के प्रदर्शन को काफी हद तक प्रभावित किया. विराट कोहली और बीसीसीआई विवाद का टीम को प्रभाव पड़ा, जो सीरीज में दिखाई भी पड़ा.
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विराट कोहली गुजर रहे करियर के सबसे कठिन दौर से
विराट कोहली बतौर क्रिकेटर अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. तीन में से दो प्रारूपों में कप्तानी उन्होंने छोड़ी और एक से उन्हें हटा दिया गया. लेकिन वह कोहली हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में यूं ही शुमार नहीं होते. अपने इर्द गिर्द तमाम सुर्खियों के बावजूद उन्होंने तीसरे टेस्ट में 79 रन बनाये. वनडे में भी उन्होंने दो अर्धशतक जड़े लेकिन वह अपनी चिर परिचित लय में नही थे. केपटाउन टेस्ट में डीआरएस का एक फैसला अनुकूल नहीं आने पर प्रसारकों पर भड़ास निकालने से उनकी ख्याति को ठेस पहुंची और भारत की मैच में वापसी की संभावना को भी. टेस्ट श्रृंखला हारने के बाद कोहली ने कप्तानी छोड़ दी लेकिन उनके वारिस के रूप में देखे जा रहे राहुल प्रभावित नहीं कर सके.
केएल राहुल बतौर कप्तान फेल
दक्षिण अफ्रीका दौरा केएल राहुल के लिए बतौर कप्तान बेहद खराब रहा. पहले तीन वनडे हारने वाले राहुल पहले भारतीय कप्तान बन गये हैं. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, क्या केएल राहुल किसी भी नजरिये से कप्तान लग रहा था. लेकिन कोच राहुल द्रविड़ केएल राहुल को दीर्घकालिन विकल्प के रूप में देखते है और यही वजह है कि उन्होंने उसकी कप्तानी का बचाव किया.
पुजारा-रहाणे का करियर ढलान पर
चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में चमके लेकिन इसके अलावा सकारात्मक क्रिकेट नहीं खेल सके. दोनों छह पारियों में 200 रन भी नहीं बना सके और अब उनका करियर निस्संदेह ढलान की ओर दिख रहा है. हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ी लंबे समय से इंतजार में है.
गेंदबाजों ने भी किया निराश
गेंदबाजी की बात करें तो इशांत शर्मा को बाहर रखना इस बात का परिचायक है कि टीम प्रबंधन को अब उन पर भरोसा नहीं रहा. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी पर निर्भरता बढ़ती जा रही है. आर अश्विन और भुवनेश्वर कुमार ने निराश किया.