आईसीसी अंडर19 वर्ल्ड कप 2022 के तीसरे ग्रुप लीग मुकाबले में भारत ने युगांडा को 326 रनों से हरा दिया है. इस मैच के हीरो हैं राज अंगद बावा. राज बावा ने 162 रनों की नाबाद पारी खेली. उन्होंने अपनी पारी में 14 चौके और 8 छक्के जड़े. 108 गेंद पर उनकी इस शानदार पारी ने कई स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भी टीम को शानदार जीत दर्ज करने में मदद की.
आपको बता दें कि राज बावा, ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट तरलोचन बावा के पोते हैं. राज अंगद बावा उस समय केवल पांच साल के थे जब उन्होंने अपने दादा तरलोचन बावा को खो दिया. तरलोचन बावा उस भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे, जिसने यूनाइटेड किंगडम में 1948 के ओलंपिक गोल्ड जीता था. 19 साल के राज अंगद को अपने दिवंगत दादा के साथ बिताए कुछ लम्हें धुंधसे से याद हैं.
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इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए राज बावा ने कहा कि मेरे पास अपने दादाजी की बहुत सारी यादें नहीं हैं क्योंकि मैं उस समय काफी छोटा था. लेकिन मैंने अपनी दादी और अपने पिता से उनकी कहानियां सुनी हैं, जो हमेशा मेरे साथ रहेंगी. 1948 के ओलिंपिक में तरलोचन बावा ने दो गोल किए. फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन पर 4-0 की जीत स्वतंत्र भारत की पहली जीत और ओलिंपिक में पहला गोल्ड था.
राज ने कहा कि जब भी मैं उस स्वर्ण पदक को देखता हूं, तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, मैं केवल कल्पना कर सकता हूं कि यह कितनी महत्वपूर्ण उपलब्धि रही होगी. भले ही राज के पास अपने दादाजी की बहुत कम यादें हैं, लेकिन उन्होंने अपने पिता सुखविंदर बावा को कई क्रिकेटरों के कौशल को निखारते देखा है, जिसमें भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह और तेज गेंदबाज वीआरवी सिंह शामिल हैं.
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राज ने कहा कि मुझे बावा होने पर गर्व है. इतनी समृद्ध विरासत को आगे ले जाने में भूमिका निभाना एक सम्मान की बात है. लेकिन साथ ही, मुझे हमेशा से पता था कि मेरे पास भरने के काफी जगह है. मुझे उम्मीद है कि मैं अपने परिवार के नाम के साथ न्याय करूंगा. तेज गेंदबाजी करने वाले हरफनमौला खिलाड़ी राज ने अंडर-19 विश्व कप में एक भी पांव गलत नहीं रखा है.
उन्होंने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार विकेट लिए और इसके बाद आयरलैंड के खिलाफ 42 रनों की पारी खेली. राज ने युगांडा के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 108 गेंदों में 162 रनों की पारी खेली, जिसमें 14 चौके और आठ छक्के शामिल थे. इस पारी के दौरान, वह 2004 के अंडर-19 विश्व कप में ढाका में स्कॉटलैंड के खिलाफ शिखर धवन के 155 रन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
दिलचस्प बात यह है कि राज दाहिने हाथ से गेंदबाजी करते हैं लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. युवराज सिंह को करीब से देखने के बाद उन्होंने अपना बल्लेबाजी रुख बदल लिया. उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता के कोचिंग सेंटर में युवराज को अभ्यास करते देखता था. जब मैंने पहली बार बल्ला उठाया तो शायद मैं उसकी नकल करने की कोशिश कर रहा था, और यह मेरी आदत बन गयी. राज युवराज सिंह के फैन हैं और वही 12 नंबर की जर्सी पहनते हैं.