एडीलेड : ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने गुलाबी गेंद से खेले जा रहे पहले डे-नाइट टेस्ट में जबर्दस्त वापसी करते हुए तीसरे ही दिन मेहमान टीम इंडिया को करारी शिकस्त दी है. भारत को ये हार सदियों तक याद रहेगा. ऐसा 1947 में हुआ था, जब लाला अमरनाथ (Lala Amarnath) की अगुवाई में टीम इंडिया, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहला टेस्ट मैच खेलने गयी थी. उस समय पूरी टीम एक पारी में 58 रन ही आउट हो गयी थी. लेकिन एडीलेड में तो विराट की सेना 36 रन के न्यूनतम स्कोर पर आउट हो गयी.
ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन भारत 93 रन बनाकर भारत की ओर से दिये गये 90 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया. ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 8 विकेट से जीत लिया. इससे पहले एक पारी में भारत ने सबसे कम 42 रन बनाये थे. 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत एक पारी में 42 रन पर ऑल आउट हो गयी थी. यह भारत का अबतक का सबसे कम स्कोर था.
वहीं 1947 में लाला अमरनाथ की टीम जब पहला टेस्ट मैच खेलने ऑस्ट्रेलिया गयी थी. तब ऑस्ट्रेलिया के टीम ने सर ब्रैडमैन की अगुवाई में 382 रन बनाये थे. बाद में भारत की पूरी टीम 58 के स्कोर पर आउट हो गयी. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को फॉलोऑन दिया और टीम सिर्फ 98 रनों पर सिमट गयी. लेकिन एक बार ये हुई की भारत के तीन बल्लेबाज दहाईं के आंकड़े को पार करने में सफल रहे. वह मैच भारत 226 रनों से मैच हार गया था.
एडीलेड टेस्ट की बार करें तो टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 244 रन बनाये. जवाब में उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारतीय गेंदबातों ने 191 रन पर ही रोक दिया. उसके बाद दूसरे ही दिन भारत ने अपनी दूसरी पारी की शुरूआत की. पहली पारी में शून्य पर आउट हुए पृथ्वी साव ने इस बार भी निराश किया. 4 रन के निजी स्कोर पर वे पवेलियन लौट गये. उसके बाद क्या, तीसरे दिन पतझड़ की तरह भारत के विकेट गिरने लगे. 36 रन के शर्मनाक न्यूनतम स्कोर पर भारत की पूरी टीम आउट हो गयी.
पहली बार 1924 में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम में से कोई भी बल्लेबाज 10 रन नहीं बना सका था. दक्षिण अफ्रीका का मुकाबला इंग्लैंड से था. अभी भारत के साथ भी यह हुआ. भारत का एक भी बल्लेबाज 10 रन नहीं बना पाया. यहां तक की कप्तान कोहली का बल्ला भी कोई कमाल नहीं दिखा पाया. तीन बल्लेबाज तो शून्य के स्कोर पर पवेलियन लौट गये. पैट कमिंस और जॉश हेजलवुड गेंदबाजी के आगे किसी की भी नहीं चली.
Posted By: Amlesh Nandan.