India vs Australia: टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर इस समय सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि राहुल द्रविड़ की जगह लेने के बाद से वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं. उनके नेतृत्व में भारत ने बांग्लादेश को टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराया जरूर, लेकिन घर में न्यूजीलैंड से 3-0 से हार गया. गंभीर के लिए काम और मुश्किल तब हो गया, जब रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर काफी खराब प्रदर्शन कर रही है. भारत सीरीज मे 2-1 से पिछड़ गया है. भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए अपना पांचवां और अंतिम मैच जीतना होगा. आखिरी मैच के लिए कप्तान रोहित को आराम दिया गया है. ऐसा टीम इंडिया में पहली बार नहीं हुआ है कि खराब फॉर्म की वजह से एक कप्तान टीम से बाहर हुआ हो.
आईपीएल में बाहर हो गए थे कप्तान गौतम गंभीर
टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी एक समय कप्तान रहते हुए खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा था, जब उनका फॉर्म खराब चल रहा था. उन्होंने अपनी सैलरी भी नहीं ली थी. यह घटना आईपीएल 2018 के दौरान हुई थी, जब दिल्ली डेयरडेविल्स के तत्कालीन कप्तान गंभीर अपनी कप्तानी के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल दिखाने में नाकाम रहे थे. गंभीर ने पहले 6 मैचों में केवल 85 रन बनाए थे.
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श्रेयस अय्यर को सौंपी गई थी दिल्ली की कप्तानी
गंभीर के खराब प्रदर्शन की वजह से डीडी (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने उनमें से 5 मैच गंवा दिए थे. श्रेयस अय्यर को डीसी की कप्तानी सौंपी गई. अपने पहले मैच में ककेआर को हराने के बाद, अय्यर ने खुलासा किया कि खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने का फैसला गंभीर का था. केकेआर के खिलाफ मैच में गंभीर की जगह कॉलिन मुनरो को शामिल किया गया था. उन्होंने 18 गेंदों में 33 रन बनाकर दिल्ली को शानदार शुरुआत दिलाई.
गंभीर ने छोड़ दी थी 2.8 करोड़ रुपये की सैलरी
अय्यर ने मैच के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैंने कोई फैसला नहीं किया था. गंभीर को बाहर करने का फैसला मेरा नहीं था. उन्होंने खुद बाहर बैठने का फैसला किया, जो पिछले मैचों में कप्तान होने के नाते वास्तव में साहसी फैसला था. उनके प्रति सम्मान बहुत बढ़ गया है. यह देखना वाकई अच्छा है कि जब कोई कप्तान अच्छा नहीं खेल रहा होता है तो वह पीछे हट जाता है.” मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गंभीर ने खराब प्रदर्शन के कारण डीसी से मिलने वाली 2.8 करोड़ रुपये की सैलरी भी नहीं लेने का फैसला किया था.