India vs Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहा पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच में दूसरे दिन कुल 15 विकेट गिरे. भारतीय टीम के स्टैंड-इन कप्तान जसप्रीत बुमराह की चोट दिन का मुख्य चर्चित विषय रहा. बुमराह ने लंच के बाद सिर्फ एक ओवर फेंका. उनकी अनुपस्थिति में प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज ने तीन-तीन विकेट और नितीश कुमार रेड्डी ने दो विकेट चटकाकर टीम की मदद की. ऑस्ट्रेलिया को 181 के स्कोर पर रोकने के बाद भारत ने दूसरे दिन खेल समाप्त होने तक 145 रनों की बढ़त ले ली है. हालांकि, महान सुनील गावस्कर का मानना है 200 रनों का लक्ष्य मैच जीतने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.
तीसरे दिन बुमराह का गेंदबाजी करना संदिग्ध
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि बुमराह का चोटिल होना टीम के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि टीम के पास केवल चार विकेट बचे हैं. अगर 31 वर्षीय बुमराह तीसरे दिन गेंदबाजी नहीं करते हैं तो 200 रन की बढ़त भी सुरक्षित नहीं होगी. गावस्कर ने कहा, ‘एक बात जो मुझे अच्छी लगी, वह यह कि जब वह स्कैन के बाद वापस आया, तो इसमें काफी समय लगा क्योंकि अस्पताल थोड़ा दूर था, लेकिन वह अच्छी स्थिति में दिख रहा था और उसकी शारीरिक भाषा ऐसी थी कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को कोई संकेत नहीं मिला.’
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गावस्कर ने बताया कितना का लक्ष्य होगा सुरक्षित
लक्ष्य पर बात करते हुए गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘देखिए, अगर भारत 40 रन और जोड़कर 185 रन बनाते हैं तो उनके पास अच्छा मौका होगा. हालांकि, यह सब बुमराह की फिटनेस पर निर्भर करता है. अगर जसप्रीत बुमराह फिट हैं तो 145-150 रन काफी होंगे. लेकिन अगर जसप्रीत बुमराह फिट नहीं हैं तो 200 के आसपास का स्कोर भी काफी नहीं होगा.” गावस्कर ने कहा कि बुमराह की उपलब्धता को लेकर गोपनीयता बनाए रखने का भारत का फैसला सही था.
बुमराह को लेकर बीसीसीआई ने नहीं की कुछ भी पुष्टि
उन्होंने कहा, ‘सामरिक रूप से आप यह घोषणा नहीं करना चाहते कि बुमराह गेंदबाजी के लिए उपलब्ध होंगे या नहीं और भले ही वह उपलब्ध न हों, यह खबर विपक्षी ड्रेसिंग रूम में नहीं जानी चाहिए. अब तक ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को उनका मुकाबला करने का कोई तरीका नहीं मिला है, वे नहीं जानते कि उन्हें आक्रमण करना चाहिए, बचाव करना चाहिए या फ्रंट-फुट पर खेलना चाहिए. योजना को क्रियान्वित करने के लिए गोपनीयता बनाए रखना महत्वपूर्ण है. इसलिए बुमराह और भारतीय टीम प्रबंधन ने इसे काफी अच्छी तरह से प्रबंधित किया.’