शुक्रवार से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना नागपुर वाला प्रदर्शन दुहराना चाहेगा. सभी भारतीय खिलाड़ियों ने प्रैक्टिस सेशन में जमकर पसीना बहाया. केएल राहुल का लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन भारत फिर भी जीत दर्ज करना चाहेगा.
सूर्यकुमार यादव के मामले में अय्यर की जगह शामिल करने से कहीं ज्यादा भारत उन्हें मध्य क्रम में पंत का रवैया अख्तियार करने के रूप में खिलाना चाहता है क्योंकि कोना भरत अच्छे विकेटकीपर हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. वहीं डेविड वॉर्नर को एक और मौका मिलेगा या नहीं, यह सवाल कायम है.
स्पिनरों का सामना करने में कोहली कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसलिये कोहली का फिर से नाथन लियोन और टॉड मर्फी का सामना करना दिलचस्प हो सकता है. केएल राहुल के लिए समय निकलता जा रहा है क्योंकि शुभमन गिल को बेहतरीन फॉर्म में होने के बावजूद इंतजार करना पड़ रहा है.
भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी कि हाल के दिनों में जडेजा, (अभी चोटिल) ऋषभ पंत और (फिट हो चुके) श्रेयस अय्यर की मध्यक्रम की तिकड़ी ने ज्यादातर मौकों पर टीम को संकट से बाहर निकाला है.
अय्यर ने पीठ के निचले हिस्से में चोट के बाद अपना रिहैब पूरा कर लिया है और मौजूदा टीम प्रबंधन के नियमों के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होने से पहले अच्छा प्रदर्शन कर रहा था तो उसे अंतिम एकादश में अपनी जगह वापस मिल जायेगी.
रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने नागपुर में पारी की जीत के दौरान आस्ट्रेलियाई टीम को काफी दबाव में ला दिया था लेकिन दिल्ली में एक और धीमी गति की टर्न लेने वाली पिच होगी या नहीं, इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. वहीं आस्ट्रेलियाई टीम जब तक अच्छी बल्लेबाजी नहीं करेगी तब तक इस टेस्ट को पांचवें दिन तक नहीं ले जा पायेगी.
पिच थोड़ी धीमी हो सकती है जिससे भारतीय बल्लेबाजों को अपने कप्तान की तरह की बल्लेबाजी का अनुकरण करना होगा जिसमें रक्षात्मक होने के साथ आक्रामकता भी हो. मैदान में एक तरफ छोटी बाउंड्री है तो आस्ट्रेलियाई कप्तान कप्तान पैट कमिंस ‘ओल्ड पवेलियन’ छोर से नाथन लियोन को गेंदबाजी कराने में सतर्क रहेंगे क्योंकि लेग साइड की बाउंड्री मुश्किल से 60 मीटर होगी.
केएल राहुल 46 टेस्ट करियर में मिले इतने सारे मौकों का फायदा नहीं उठा सके हैं और उनका औसत भी 34 से कम का रहा है. अंतिम दो टेस्ट के लिये टीम की घोषणा से पहले अगर कर्नाटक का यह 30 वर्षीय खिलाड़ी फिर असफल रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन क्या फैसला करता है.
यह मैच भारतीय क्रिकेट के कम सुर्खियों में रहने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के करियर का 100वां टेस्ट होगा, जहां तक पहुंचने में उन्हें 13 साल लगे. पुजारा 20वां टेस्ट शतक जड़कर इस व्यक्तिगत उपलब्धि का जश्न मनाना चाहेंगे. लेकिन भारत के शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार हैं.