IND vs ENG Test: 3 साल तक टीम से बाहर रहने पर कैसा लगा, तीसरे टेस्ट के हीरो अक्षर पटेल ने खोला राज
India vs England Test अहमदाबाद : अक्षर पटेल (Axar Patel) के लिए इंतजार काफी लंबा था और पिछले तीन साल से हर व्यक्ति उनसे बस एक ही सवाल पूछता था, ‘तुम भारतीय टीम में क्यो नहीं हो?' पटेल को हालांकि पता था कि उनका समय आयेगा और वह कभी इससे विचलित नहीं हुए. उन्होंने कहा, ‘यह सब आत्मविश्वास की बात है.' गुजरात के आणंद के रहने वाले पटेल मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते थे लेकिन स्कूल के एक दोस्त के कहने पर क्रिकेट खेलने लगे.
-
तीन साल तक हर कोई यही अक्षर से पूछता था कि तुम टीम में क्यों नहीं हो.
-
तीन साल के अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करते रहे अक्षर.
-
अक्षर ने 15 साल की उम्र में खेलने शुरू किया क्रिकेट, इंजीनियर बनना चाहता थे.
India vs England Test अहमदाबाद : अक्षर पटेल (Axar Patel) के लिए इंतजार काफी लंबा था और पिछले तीन साल से हर व्यक्ति उनसे बस एक ही सवाल पूछता था, ‘तुम भारतीय टीम में क्यो नहीं हो?’ पटेल को हालांकि पता था कि उनका समय आयेगा और वह कभी इससे विचलित नहीं हुए. उन्होंने कहा, ‘यह सब आत्मविश्वास की बात है.’ गुजरात के आणंद के रहने वाले पटेल मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते थे लेकिन स्कूल के एक दोस्त के कहने पर क्रिकेट खेलने लगे.
इंग्लैंड के खिलाफ दिन रात के तीसरे टेस्ट में रिकॉर्ड 11 विकेट लेकर बायें हाथ के इस स्पिनर को वह बड़ा ब्रेक मिल गया जिसकी उन्हें सात साल से तलाश थी. उन्होंने सात साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया था. उस दिन के बाद से टीम में वह स्थायी जगह नहीं बना सके क्योंकि स्पिन हरफनमौला के रूप में रविंद्र जडेजा की जगह पक्की थी. इस श्रृंखला में भी जडेजा के चोटिल होने के कारण उन्हें मौका मिला.
वह 2018 से राष्ट्रीय टीम से बाहर हैं और इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में दूसरे टेस्ट में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. अक्षर ने हार्दिक पंड्या को बीसीसीआई टीवी के लिए इंटरव्यू में बताया, ‘मैं तीन साल से टीम से बाहर हूं और अपने खेल के पहलुओं पर मेहनत करता रहा. मैने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी पर काफी मेहनत की.’ उन्होंने कहा, ‘जब आप टीम से बाहर होते हैं तो दोस्त और दूसरे लोग बार-बार पूछते हैं कि अच्छा प्रदर्शन करने पर भी टीम में क्यों नहीं हो. ये चीजें दिमाग में आती रहती हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं खुद से यही कहता था कि मौके का इंतजार करो और जब भी मौका मिलेगा, मैं अपना शत प्रतिशत दूंगा.’ अक्षर 15 वर्ष की उम्र में स्कूल के एक दोस्त के कहने पर क्रिकेट में आये. उनकी दादी ने उनका पूरा साथ दिया लेकिन उनके भारतीय टीम में आने से पहले ही दादी का देहांत हो गया. उन्होंने कहा, ‘मैं पूरा श्रेय अपने परिवार, दोस्तों और साथी खिलाड़ियों को दूंगा जिन्होंने कठिन समय में मेरा साथ दिया.’
यह पूछने पर कि क्या उन्हें टेस्ट क्रिकेट आसान लगा, अक्षर ने कहा, ‘मुझसे हर कोई यह सवाल पूछ रहा है. जब चीजें अनुकूल हो तो आसान लगता है लेकिन जब आप फुलटॉस चूक जाये तो पता चलता है कि यह कितना आसान है.’ इंटरव्यू के आखिर में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी अक्षर के प्रदर्शन की गुजराती में तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘ऐ बापू तारी बोलिंग कमाल छे (बापू तुम्हारी गेंदबाजी शानदार है).’