नयी दिल्ली : भारत को आखिरी बार 2012 में घरेलू सरजमीं पर शिकस्त देने वाली इंग्लैंड टीम का हिस्सा रहे बायें हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर ने कहा कि इंग्लैंड की टीम शुक्रवार से चेन्नई में शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच में बायें हाथ के स्पिनर जैक लीच के साथ अगर अनुभवी स्पिनर मोईन अली को अंतिम 11 में शामिल नहीं करती है तो वह गलती करेगी.
मोईन के कोविड-19 की चपेट में आने के कारण इंग्लैंड ने हाल ही में श्रीलंका दौरे पर लीच और ऑफ स्पिनर डोम बेस को मैदान पर उतारा था. इन दोनों स्पिनरों ने 12-12 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन उन्हें भारत में इस प्रारुप में खेलने का अनुभव नहीं है. मोईन को 60 टेस्ट मैचों का अनुभव है. पनेसर ने कहा कि जैक लीच के भारत के खिलाफ खेलने की संभावना है क्योंकि भारतीय टीम में दायें हाथ के कई बल्लेबाज हैं.
उन्होंने कहा कि मैं ऑफ स्पिनर के तौर पर डोम बेस की जगह मोईन अली को अंतिम 11 में शामिल करूंगा क्योंकि उन्होंने भारत में अच्छा प्रदर्शन किया है और उनके पास अनुभव भी है. वह बल्लेबाजी भी कर सकते है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका में नहीं खेलने के कारण मोईन तरोताजा महसूस कर रहे होंगे और सफलता के लिए भूखे होंगे. भारतीय टीम मोईन का सामना करना पसंद नहीं करेगी, वे लीच और बेस के खिलाफ खेलना चाहेंगे.
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मोईन ने भारत के खिलाफ 2014 घरेलू श्रृंखला में छह विकेट (पारी में) लिए थे, यह उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वह हालांकि अब टेस्ट टीम के नियमित सदस्य नहीं है. उन्होंने अपना पिछला मैच 18 महीने पहले एशेज में खेला था. इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों से एक बार फिर वैसी ही उम्मीदें होंगी जैसी 2012 में थी. उस समय हालांकि पनेसर और ग्रीम स्वान ने शानदार प्रदर्शन कर इंग्लैंड को भारत में ऐतिहासिक श्रृंखला जीत दिलायी थी.
भारतीय मूल के इस क्रिकेटर ने कहा कि वह चाहेंगे कि इंग्लैंड के स्पिनर गेंद को ‘फ्लैट’ फेंकने की जगह फ्लाइट कराये. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अच्छी लंबाई के साथ गेंदबाजी करना होना चाहिए, यह भी मायने रखता है कि वह कैसी नीति अपनाते है. सपाट गेंदबाजी करने से बल्लेबाज के लिए चीजें आसान हो जाती हैं, इसलिए मैं गेंद को फ्लाइट करना चाहूंगा. अगर आप गेंद को फ्लाइट कर एक अच्छी लंबाई पर डालने की कोशिश करते है तो गलती की भी संभावना बढ़ जाती है.
भारत के खिलाफ 2012 दौरे पर तीन टेस्ट में 17 विकेट लेने वाले पनेसर ने कहा कि गेंद को हवा में थोड़ा समय देने के साथ बल्लेबाजों को आगे निकल कर खेलने का मौका देना चाहिए. आप ‘आर्म बॉल्स’ और ‘क्रॉस सीम’ का मिश्रिण भी कर सकते हैं लेकिन गेंद की चमक खत्म होने के बाद इसे ज्यादा नहीं किया जाना चाहिए. पनेसर ने इस मौके पर सही जगह क्षेत्ररक्षण खड़ा करने पर भी जोर दिया जिससे टीम को 2012 में सफलता मिली थी.
उन्होंने कहा कि जो रूट को भारतीय बल्लेबाजों को बाहर निकल कर बड़े शॉट लगाने का मौका देना चाहिए. आप सीमा रेखा के पास और बल्लेबाज के समीप क्षेत्ररक्षकों को लगा सकते है. उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाज अधिक तेजी से रन बटोरने की कोशिश करेंगे तो बल्ले की गति भी बढ़ेगी और इससे किनारा लगने की संभावना भी अधिक होगी. ऐसा तभी होगा जब आप उन्हें बड़े शॉट लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे स्पिनरों को काफी कड़े ड्यूक गेंद से गेंदबाजी की आदत है ऐसे में यह देखना होगा कि वह एसजी गेंद से टेस्ट में कैसा करेंगे.
Posted By: Amlesh Nandan.