India vs England : भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गये तीसरे मुकाबले में के बाद अब पिच पर विवाद बढ़ता जा रहा है. डे-नाइट टेस्ट के दो दिन के अंदर खत्म होने के बाद मोटेरा की पिच पर क्रिकेट के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने भी सवाल खड़े किया हैं. वहीं मोटेरा की पिच की आलोचनाओं के बीच इस बात की भी आंशका जाहिर की जा रही है कि इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से कुछ कड़े कदम उठा सकती है. हालांकि अब तक पिच को लेकर ICC की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
हालांकि अंतिम टेस्ट के बाद मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट के आधार पर ICC अपनी कार्रवाई को लेकर फैसला करेगा. इंग्लैंड की टीम ने भी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं करायी है. अगर एक ही स्थल पर एक अच्छी और एक खराब पिच होती है, तो ICC के कार्रवाई करने की संभावना नहीं है. फिलहाल भारत चार टेस्ट की सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा है और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वॉलिफाइ करने के लिए उसे 4 मार्च से अहमदाबाद में ही होने वाले अंतिम टेस्ट को सिर्फ ड्रॉ कराना होगा.
पिच पर धूल होने और स्पिनरों की मददगार की वजह से तीसरा टेस्ट मैच दो दिन में ही खत्म हो गया था. भारत टेस्ट सीरीज में 2-1 से आगे है और टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिए बस उसे ड्रॉ की जरूरत है. टीम को नतीजा देने वाली स्पिन की अनुकूल पिच की जरूरत नहीं है. 145 रन था सर्वोच्च स्कोर था नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गये पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में इंग्लैंड के खिलाफ भारत का. 30 विकेट गिरे थे मैच के दौरान, जिनमें से 27 विकेट स्पिनरों ने झटके थे. मैच का सर्वोच्च स्कोर 66 रन रोहित ने बनाया था.
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टेस्ट क्रिकेट के अनुकूल पिचें तैयार नहीं करने के लिए बीसीसीआइ की आलोचना करते हुए इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान ने कहा कि भारत को अपनी मनमर्जी चलाने के लिए जितनी अधिक छूट दी जायेगी, उतना ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) बेअसर नजर आयेगी. वान ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि भारत जैसी पिच तैयार करना चाहता है, खेल की संचालन संस्था उसे इसके लिए छूट देती है और इससे टेस्ट क्रिकेट को नुकसान पहुंचता है. उन्होंने लिखा कि शायद प्रसारक अपने नुकसान की भरपाई की मांग करें, तो ही हालात बदलेंगे. खिलाड़ियों के खराब खेलने पर वे मैच जल्दी खत्म होना स्वीकार कर सकते हैं.