वीवीएस लक्ष्मण को क्यों बनाया गया नेशनल क्रिकेट एकेडमी का प्रमुख, BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने दिया जवाब
गांगुली ने पीटीआई से कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मुख्य कोच और एनसीए प्रमुख के पद पर उनकी नियुक्ति हुई है. भारतीय क्रिकेट में ये दोनों काफी महत्वपूर्ण पद हैं. द्रविड़, गांगुली और लक्ष्मण 1996 से 2008 के दौरान साथ खेले और भारतीय मध्यक्रम की रीढ रहे.
नयी दिल्ली : अपने पूर्व साथी खिलाड़ियों राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की भारतीय क्रिकेट के दो प्रभावी पदों पर नियुक्ति के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है. द्रविड़ को भारतीय टीम का मुख्य कोच बनाया गया है, जबकि लक्ष्मण राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख होंगे. गांगुली ने बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान लक्ष्मण को प्रदेश ईकाई के प्रोजेक्ट ‘विजन 2020′ की जिम्मेदारी सौंपी थी.
गांगुली ने पीटीआई से कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मुख्य कोच और एनसीए प्रमुख के पद पर उनकी नियुक्ति हुई है. भारतीय क्रिकेट में ये दोनों काफी महत्वपूर्ण पद हैं. द्रविड़, गांगुली और लक्ष्मण 1996 से 2008 के दौरान साथ खेले और भारतीय मध्यक्रम की रीढ रहे.
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यह पूछने पर कि दोनों को राजी करना कितना मुश्किल था. गांगुली ने कहा कि उन्हें कहा गया कि यह महत्वपूर्ण है और वे तैयार हो गये. हमें दोनों की नियुक्ति की खुशी है और भारतीय क्रिकेट अब सुरक्षित हाथों में है. मुझे खुशी है कि दोनों तैयार हो गये और वे भारतीय क्रिकेट के लिये यह करना चाहते हैं. गांगुली ने कहा कि एनसीए प्रमुख के तौर पर लक्ष्मण के आने से बहुत फर्क पैदा होगा क्योंकि वह बेहतरीन इंसान है और भारतीय क्रिकेट में उनका कद बहुत ऊंचा है.
उन्होंने कहा कि लक्ष्मण की प्रतिबद्धता की वजह से उनका चयन होगा. उसके साथ काम करना हमेशा शानदार होता है. भारतीय क्रिकेट में उसका कद बहुत ऊंचा है. राहुल ने एनसीए में एक व्यवस्था बनायी है और लक्ष्मण उसे आगे जारी रखेंगे. गांगुली ने कहा कि लक्ष्मण ने इस पद के लिए सनराइजर्स हैदरबाद के लिए आईपीएल में मेंटर के तौर पर अनुबंध और कमेंट्री के करार के अलावा विभिन्न संगठनों के लिए कॉलम लिखना भी छोड़ दिया है.
उन्होंने कहा कि वह अगले तीन साल के लिए हैदराबाद से बेंगलुरू शिफ्ट हो रहा है ताकि भारतीय क्रिकेट की सेवा कर सके. यह उल्लेखनीय है. उसकी कमाई कम हो जायेगी लेकिन इसके बावजूद वह तैयार हुआ. उसकी पत्नी और बच्चे भी शिफ्ट करेंगे. उसके बच्चे अब बेंगलुरू में पढेंगे और परिवार के लिए नये माहौल में ढलना काफी बड़ा बदलाव होगा. जब तक आप भारतीय क्रिकेट के लिए समर्पित नहीं हो, यह करना आसान नहीं होता.