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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: बुमराह ने 10/10 की रेटिंग से लूटी महफिल, रोहित को मिले सिर्फ 0.5 अंक, जानें कोहली और पंत का कैसा रहा प्रदर्शन

Indian Cricket Team: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा है. इस सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा. इसी परफॉर्मेंस को ध्यान रखते हुए खिलाड़ियों की 10 अंक के आधार पर रेटिंग की गई है.

Indian Cricket Team: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अब समाप्त हो चुकी है. दोनों टीमों के बीच जबरदस्त प्रतियोगिता चली. पहला मैच भारत ने जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में खेला और शानदार प्रदर्शन करते हुए 295 रनों से जीता. लेकिन दूसरे मैच में भारतीय टेस्ट टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा की वापसी हुई और उसके बाद भारतीय टीम की गाड़ी अपने विनिंग ट्रैक से पूरी तरह डिरेल हो गई. ऑस्ट्रेलिया ने बाकी के बचे मैचों में से तीन मैच जीतकर एक दशक बाद सीरीज में अपने जीता का सूखा खत्म करते हुए 3-1 से जीत दर्ज की. लेकिन इस दौरे पर भारतीय टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सबकी नजर बनी रही. जसप्रीत बुमराह ने सीरीज में सबसे ज्यादा 32 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता. लेकिन टीम के अन्य खिलाड़ियों ने कैसा प्रदर्शन किया आइए इसको रेटिंग में देखते हैं.

भारतीय टीम ने इस दौरे पर शुरुआत में रिजर्व खिलाड़ियों सहित 22 सदस्यीय दल भेजा था. हालांकि बाद में रविचंद्रन अश्विन के संन्यास लेने और भारत में विजय हजारे ट्रॉफी शुरू होने पर रिजर्व खिलाड़ियों को वापस भेज दिया गया. इनमें से मुख्य रूप से 17 खिलाड़ियों को टेस्ट टीम में शामिल होने का मौका मिला. क्रिकेट पत्रिका विजडन ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रेटिंग जारी की है. जिसमें जसप्रीत बुमराह को शानदार प्रदर्शन के लिए सबसे ज्यादा 10/10, जबकि सबसे बुरा प्रदर्शन रोहित शर्मा का रहा, उन्हें 0.5/10 रेटिंंग दी गई. देखें पूरी सूची-

रोहित शर्मा: 0.5/10

3 टेस्ट | 6.20 की औसत से 31 रन, सर्वोच्च स्कोर: 10

यह एक भूलने वाली श्रृंखला थी जिसमें कप्तान और टीम दोनों के लिए निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा. इसका अंत इस बात पर हुआ कि कप्तान ने अंतिम टेस्ट मैच से बाहर होने का फैसला किया.

यशस्वी जायसवाल: 7/10

5 टेस्ट | 43.44 की औसत से 391 रन, 1 शतक, 2 अर्द्धशतक, सर्वोच्च स्कोर: 161

जायसवाल ने सीरीज की शुरुआत एक अजीबोगरीब रन (0, 161, 0) के साथ की. एमसीजी में उनके दो 80 रन सीरीज के सबसे चर्चित आउट में समाप्त हुए. हालांकि वह दौरे पर असाधारण नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों की तुलना में बल्ले से बेहतर प्रदर्शन किया. वे भारत के शीर्ष स्कोरर रहे.

केएल राहुल: 5/10

5 टेस्ट | 30.66 की औसत से 276 रन, 2 अर्द्धशतक, सर्वोच्च स्कोर: 84  

दो शानदार अर्द्धशतक. कम स्कोर पर पहली पारी में तीन बेहतरीन पारियां. बाकी सीरीज में कुछ नहीं. यह राहुल की सीरीज का सारांश है, लेकिन यह उनके टेस्ट करियर का भी सारांश हो सकता है.

विराट कोहली: 1.5/10

5 टेस्ट | 23.75 की औसत से 190 रन, 1 शतक, सर्वोच्च स्कोर: 100*

कोहली का औसत ऐसे 23.75 का नजर आता है, लेकिन अगर उनकी 100 रन की पारी को हटा दें तो यह 7 के नीचे आ जाती है. इससे भी बदतर बात यह है कि वे 9 पारियों में आठ बार आउटसाइड एज से आउट हुए.

शुभमन गिल: 2/10

3 टेस्ट | 18.60 की औसत से 93 रन, सर्वोच्च स्कोर: 31

सीरीज पर नजर डालने पर गिल को एहसास होगा कि वह पांच पारियों में चार बार दोहरे अंक तक पहुंचे थे, लेकिन कभी 35 रन से ज्यादा नहीं बना पाए. ऐसा नहीं था कि उन्हें संघर्ष करना पड़ा, उन्होंने बस अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदला.

ऋषभ पंत: 6/10

5 टेस्ट | 28.33 की औसत से 255 रन, 1 अर्धशतक, सर्वोच्च स्कोर: 61 

पंत ने अपनी नौ पारियों में से सात को बीस में बदला, लेकिन आखिरी टेस्ट तक चालीस तक नहीं पहुंचे. एक तरह से यह उनके पिछले दो ऑस्ट्रेलिया दौरों की तरह ही औसत रहा. हालांकि, अन्य दो दौरों के विपरीत इस बार वे कोई आकर्षक पारी नहीं खेल सके. 

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नीतीश कुमार रेड्डी: 6/10

5 टेस्ट | 37.25 की औसत से 298 रन, 1 शतक, सर्वोच्च स्कोर: 114 | 38.00 की औसत से 5 विकेट

यह रेड्डी की गलती नहीं है कि टीम प्रबंधन ने उन्हें चौथे तेज गेंदबाज के रूप में चुना जबकि वह किसी एक बल्लेबाज की जगह ले सकते थे. हालांकि वह उस भूमिका में कभी नहीं चल पाए, लेकिन उन्होंने बल्ले से सभी उम्मीदों को पार कर दिया, खासकर मेलबर्न में शतक के साथ. भारत को उनके लिए सही भूमिका खोजने में समय नहीं लगना चाहिए.

रवींद्र जडेजा: 4/10

3 टेस्ट | 27.00 की औसत से 135 रन, 1 अर्धशतक, सर्वोच्च स्कोर: 77 | 54.50 की औसत से 4 विकेट

ब्रिसबेन में उन्होंने एक शानदार अर्धशतक लगाया, जिससे फॉलो-ऑन टालने में मदद मिली. मेलबर्न में चार विकेट. जडेजा ने अपने तरीके से योगदान दिया, लेकिन उस हद तक नहीं जितना भारत चाहता था.

वाशिंगटन सुंदर: 3/10

3 टेस्ट | 22.80 की औसत से 114 रन, 1 अर्धशतक, सर्वोच्च स्कोर: 50 | 38.66 की औसत से 3 विकेट

सुंदर को तीन टेस्ट मैचों में सिर्फ 37 ओवर की ज़रूरत पड़ी और पर्थ के अलावा उन्होंने शीर्ष सात के बाहर बल्लेबाज़ी की. भारत की अजीबोगरीब चयन रणनीति का यह एक और संकेत था. उन्होंने मेलबर्न में भारत को फॉलो-ऑन से बचने में मदद करने के लिए अच्छी बल्लेबाज़ी की, लेकिन उनका प्रदर्शन बस इतना ही रहा.

आर अश्विन: 2/10

1 टेस्ट | 14.50 की औसत से 29 रन, सर्वोच्च स्कोर: 22 | 53.00 पर 1 विकेट

अगर मोहम्मद सिराज ने अश्विन की गेंद पर ट्रैविस हेड का कैच लपक लिया होता, तो भारत की सीरीज और अश्विन का करियर शायद अलग होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक शानदार करियर का बिना विदाई मैच के निराशाजनक अंत.

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आकाश दीप: 5/10

2 टेस्ट | 12.66 की औसत से 38 रन, सर्वोच्च स्कोर: 31 | 54.00 की औसत से 5 विकेट

आकाश ने अच्छी गेंदबाजी की. शानदार गेंदबाजी तो की लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला. आखिरी टेस्ट मैच में वह चोट के कारण नहीं खेल पाए.

हर्षित राणा: 3/10

2 टेस्ट | 50.75 की औसत से 4 विकेट, 

पहले दो टेस्ट मैचों में उन्हें मौका मिला, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई पिच पर राणा कोई विशेष कमाल नहीं कर सके. 

ध्रुव जुरेल: 0.5/10

1 टेस्ट | 6.00 की औसत से 12 रन, सर्वोच्च स्कोर: 11

पर्थ में सरफराज खान की जगह उन्हें मौका दिया गया. लेकिन उन्होंने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया.

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देवदत्त पडिक्कल: 1/10

1 टेस्ट | 12.50 की औसत से 25 रन, सर्वोच्च स्कोर: 25

जुरेल से लगभग दुगुने अंक प्राप्त किए. दुगुने अंक प्राप्त किए.

प्रसिद्ध कृष्णा: 6/10

1 टेस्ट | 17.83 की औसत से  6 विकेट

जब प्रसिद्ध को आखिरकार मौका मिला, तो उन्होंने पहली पारी में अपनी लंबाई में बदलाव करते हुए ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष चार स्कोररों में से तीन को आउट किया. बुमराह की अनुपस्थिति में दूसरी पारी में नई गेंद संभालते हुए, उन्होंने तीन विकेट लिए.

मोहम्मद सिराज: 7/10

5 टेस्ट | 31.15 की औसत से 20 विकेट

भारत के सिडनी पहुँचने तक सिराज की गति कम हो गई थी, लेकिन फिर भी वह लंबे स्पैल फेंकने में कामयाब रहे. भारतीय तेज गेंदबाजो ने इस दौरे पर सबसे ज्यादा गेंदं फेंकी. यह किसी भी भारतीय तेज गेंदबाज के द्वारा सबसे ज्यादा है. अपनी आक्रामकता से उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम पर काफी दबाव बनाने का प्रयास किया. उनका बेल्स बदलना और ट्रेविस हेड के साथ झड़प भी काफी रोचक रही. 

जसप्रीत बुमराह: 10/10

5 टेस्ट | 13.06 की औसत से 32 विकेट, बीबीआई: 6-76, 5 विकेट हॉल: 3

जसप्रीत बुमराह, ऐसा लगा कि सारी टीम का भार उनके कंधों पर है. सभी मैच में उन्होंने जबरदस्त गेंदबाजी की. एक सीरीज में 32 विकेट लेना अद्भुत रहा. हालांकि उनकी इस अधिक मेहनत की वजह से उन्हें अंतिम मैच में बाहर ही होना पड़ गया. 

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