ढाका में तीसरे टी20 मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों का स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ जूझना जारी रहा जिससे बांग्लादेश की महिला क्रिकेट टीम गुरुवार को यहां अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में चार विकेट की सांत्वना भरी जीत दर्ज करने में सफल रही. भारत ने हालांकि तीन मैचों की यह सीरीज 2-1 से अपने नाम की लेकिन उन्हें प्रदर्शन में सुधार करने के लिए काफी कुछ करना होगा. अब 16 जुलाई से दोनों टीम तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए आमने सामने होंगी. दूसरे मुकाबले में भी भारत ने 20 ओवरों में महज 95 रन बनाये थे. वह तो गेंदबाजों का कमाल था कि भारत ने आठ रन से वह मुकाबला जीत लिया था.
भारत का बल्लेबाजी में निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा जिसने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट गंवाकर 102 रन बनाये. पिछले मैच में जो बांग्लादेश की टीम 96 रन के लक्ष्य का पीछा भी नहीं कर पायी थी, वह 18.1 ओवर में इस लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रही. मेजबान के लिए लिये सलामी बल्लेबाज शमिमा सुल्ताना (46 गेंद में 42 रन) ने पारी संभाली और टीम इस मैच में सांत्वना भरी जीत हासिल कर पायी. भारत के पास क्लीन स्वीप करने का मौका था जो उसने गंवा दिया.
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भारतीय बल्लेबाजों के लिए स्पिन के लिए मददगार विकेट पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं रहा और खिलाड़ियों में धीमी गेंदबाजों को दबाव में लाने के लिए जरूरी आक्रामकता की कमी दिखी. कप्तान हरमनप्रीत कौर के अलावा कोई भी बल्लेबाज तीन मैचों में बाउंड्री नहीं लगा सकीं. ऑफ स्पिनर मीनू मणि (28 रन देकर दो विकेट) का प्रदर्शन हालांकि भारत के लिए सकारात्मक चीज रही. हालांकि जब नया मुख्य कोच टीम की जिम्मेदारी संभालेगा तो उन्हें अगले साल टीम के टी20 विश्व कप के लिए बांग्लादेश लौटने के लिए काफी काम करना होगा.
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Congratulations #TeamIndia on winning the T20I series 2️⃣-1️⃣ 👏👏#BANvIND pic.twitter.com/MTQqGSLKO2
— BCCI Women (@BCCIWomen) July 13, 2023
इससे पहले हरमनप्रीत ने 41 गेंद में 40 रन बनाये जिसके बाद अंतिम ओवरों में बल्लेबाजी क्रम चरमराने से भारत ने 11 रन के अंदर छह विकेट गंवा दिये. लेग स्पिनर राबिया खान ने बांग्लादेश के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, उन्होंने चार ओवर में 16 रन देकर तीन विकेट झटके. ऑफ स्पिनर सुल्ताना खातून ने पावरप्ले में प्रभावित किया, उन्होंने शेफाली वर्मा (11 रन) और स्मृति मंधाना (01) की सलामी जोड़ी को आउट किया. मारूफा अख्तर ने भी दो विकेट हासिल किये.
इस कम स्कोर वाली पूरी सीरीज के दौरान पिच काफी पेचीदा रही है जिसे देखते हुए हरमनप्रीत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. शेफाली और मंधाना की सलामी जोड़ी एक बार फिर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाने में विफल रही जिससे छह ओवर में टीम का स्कोर दो विकेट पर 27 रन हो गया. जेमिमा रोड्रिग्स (26 गेंद में 28 रन) और हरमनप्रीत ने तीसरे विकेट के लिए 45 रन की साझेदारी निभाकर पारी आगे बढ़ायी. लेकिन लेग स्पिनर शोर्ना अख्तर ने रोड्रिग्स की पारी खत्म कर इस भागीदारी को तोड़ा. रोड्रिग्स ने अपनी पारी के दौरान सकारात्मक जज्बा दिखाया और स्पिनरों के खिलाफ अपने पैरों का अच्छा इस्तेमाल किया.
हरमनप्रीत के 17वें ओवर में स्टंप आउट होने के बाद लगातार विकेट गिरते रहे जिससे भारतीय बल्लेबाज बाउंड्री नहीं लगा सकीं. बल्लेबाजी की बात करें तो छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाये. से सभी एक, दो और चार जैसे स्कोर पर आउट हो गये. पूरे सीरीज में एक मात्र छक्का कप्तान हरमनप्रीत के बल्ले से निकला. इस मुकाबले में बांग्लादेश के गेंदबाजों को दाद देनी होगी कि उन्होंने एक भी एक्स्ट्रा रन नहीं दिये. भारतीय गेंदबाजों ने एक्स्ट्रा के रूप में पांच रन लुटाये. देखा जाए तो भारतीय स्पिनरों के आगे बांग्लादेशी बल्लेबाज भी बेबस नजर आये और सुल्ताना के अलावा कोई भी बल्लेबाज 15 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया.