भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने नये क्रिकेटरों को आईपीएल छोड़ कर किसी भी अन्य देशों में आयोजित क्रिकेट लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता है, लेकिन अब इसकी मांग उठने लगी है. गुरुवार को भारतीय क्रिकेट टीम की हार के बाद टीम के वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ ने इसकी वकालत की थी, अब पूर्व भारतीय कोच अनिल कुंबले ने इसकी मांग की है. मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने कहा कि ‘इंग्लैंड के खिलाड़ी जोस बटलर और एलेक्स हेल्स को ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग (बीबीएल) में खेलने का फायदा मिला, जिन्होंने गुरुवार को टी-20 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में भारत पर 10 विकेट की दबदबे भरी जीत दर्ज करने में मदद की.’
इंग्लैंड की टीम में एलेक्स हेल्स सबसे ज्यादा बीबीएल मुकाबले खेले हैं, वह इसमें मेलबर्न रेनेगेड्स और सिडनी थंडर्स के लिए खेल चुके हैं. द्रविड़ ने स्वीकार किया कि विजेता टीम को इसका फायदा मिला. उन्होंने कहा कि ‘काफी लोग भारतीय खिलाड़ियों को लीग में खिलाने की बात करते हैं. हां, मुझे लगता है कि हमारे काफी खिलाड़ियों को इस तरह की काफी लीग में खेलने के मौके की कमी खलती है, लेकिन अगर आपको खेलना है, तो इस पर फैसला करना बीसीसीआई का काम है.’ वहीं स्टार स्पीनर अनिल कुंबले ने कहा कि ‘BCCI युवा खिलाड़ियों को वेस्टइंडीज और अमेरिका में होनेवाले 2024 टी-20 विश्व कप से पहले अनुभव हासिल करने के लिए दुनिया भर में विभिन्न टी-20 लीग में भाग लेने की अनुमति दे. मुझे लगता है कि एक्सपोजर (वहां के हालात में खेलने का अनुभव) निश्चित रूप से मदद करता है.’
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क्रिकेट बोर्ड अपने-अपने देशों में वहां की परिस्थिति के अनुसार पिचे तैयार करती हैं. कहीं स्पिनरों को अधिक दर्न मिलते हैं, कहीं उछाल अधिक है, तो कही मौसम भी परेशान करते हैं. विभिन्न बोर्ड की ओर से टी-20 क्रिकेट लीग के आयोजन करीब एक से दो महीने के लिए किये जा रहे हैं. अलग-अलग देशों में होनेवाले क्रिकेट लीगों में भारतीय खिलाड़ियों को खेलने से वहां की परिस्थितियों से जूझने की क्षमता में मजबूति आयेगी.
इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की 2008 में शुरुआत के बाद कई देशों ने अपनी घरेलू टी-20 लीग शुरू की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग (बीबीएल), पाकिस्तान प्रीमियर लीग (पीएसएल), कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) जैसे टूर्नामेंट शामिल है.
टी-20 विश्व कप में भारतीय ओपनर फ्लॉप रहे. लोकेश राहुल और रोहित शर्मा की जोड़ी नहीं चले. आंकडों पर नजर डाले, तो हमारा रिकॉर्ड आयरलैंड और नीदरलैंड से भी खराब रहा. भारतीय ओपनर जोड़ी विश्व कप में 97 रनों की साझेदारी की, वह भी 5.01 रन की औसत से.
रन औसत देश
11.25 इंग्लैंड
9.26 न्यूजीलैंड
8.83 दक्षिण अफ्रीका
8.76 बांग्लादेश
7.87 आयरलैंड
7.05 श्रीलंका
6.65 जिंबाब्वे
6.42 पाकिस्तान
6.31 ऑस्ट्रेलिया
6.27 अफगानिस्तान
5.58 नीदरलैंड
5.01 की रन औसत से रन बनाये हैं भारतीय ओपनर्स ने