आइपीएल 2020 में आज दिल्ली कैपिटल का मुकाबला राजस्थान रॉयल्स से होगा. राजस्थान की टीम दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पिछली हार का बदला चुकता करने की कोशिश करेगी. दिल्ली ने पिछले सप्ताह रॉयल्स को 46 रन से हराया था. बेन स्टोक्स की वापसी से राजस्थान रॉयल्स की टीम मजबूत हुई है. अब शीर्ष क्रम की नाकामी से उबरकर आज होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) मैच में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पिछली हार का बदला चुकता करने की कोशिश करेगी. दिल्ली ने पिछले सप्ताह रॉयल्स को 46 रन से हराया था.
स्टीव स्मिथ की अगुवाई वाली रॉयल्स की टीम उससे सबक लेकर इस मैच में कड़ी चुनौती पेश करेगी. जब दोनों टीमें पिछली बार एक दूसरे से भिड़ी थी तो रॉयल्स की टीम में स्टोक्स नहीं थे. इंग्लैंड का यह आॅलराउंडर भले ही पहले मैच में अपना जलवा नहीं दिखा सका, लेकिन उनकी उपस्थिति में यह पूर्व चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पांच विकेट से जीत दर्ज करके चार मैच के हार के क्रम को तोड़ने में सफल रहा. स्मिथ ने कहा : स्टोक्स की वापसी से हमारी टीम में अच्छा संतुलन पैदा हो गया है.
उसने केवल एक ओवर किया क्योंकि वह अभी लॉकडाउन से बाहर निकला हैं और लय में लौटने की कोशिश कर रहा है. स्टोक्स जहां रॉयल्स के लिये बेहद महत्वपूर्ण है वहीं टीम शीर्ष क्रम की असफलता से भी पार पानी चाहेगी. शीर्ष क्रम की नाकामी के कारण निचले क्रम के बल्लेबाजों पर दबाव बन रहा है. कप्तान स्मिथ और संजू सैमसन ने पहले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन इसके बाद उनका बल्ला कुंद पड़ा है. जोस बटलर ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 44 गेंदों पर 70 रन बनाये लेकिन वह पिछले दो मैचों में अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाये.
पर्पल, ऑरेंज कैप नहीं, जीत में योगदान अहम : इधर, दिल्ली कैपिटल्स के सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि ‘पर्पल’ या ‘ऑरेंज’ कैप जीतना तब तक बेमानी है, जब तक कि खिलाड़ी टीम के लिए अपनी भूमिका को सही तरह से अंजाम नहीं देता. इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में सर्वाधिक रन बनाने वाले को ‘ऑरेंज कैप’ और सबसे अधिक विकेट चटकाने वाले को ‘पर्पल कैप’ दी जाती है, लेकिन अश्विन का मानना है कि अगर टीम मैच नहीं जीतती है, तो फिर इस तरह के इनाम बेकार हैं.
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अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक प्रशंसक के स्ट्राइक रेट से जुड़े सवाल के जवाब में कहा : इस तरह की संख्या कोई मायने नहीं रखती. पर्पल और ऑरेंज कैप आंखों में धूल झोंकने की तरह है. यह टीम की जीत में योगदान निभाने से जुड़ा है, अपनी भूमिका निभाना (जीत में). ‘हेलो दुबइया’ नाम का अश्विन का यह शो तमिल में है, जिसमें अंग्रेजी में सब टाइटल हैं. अश्विन ने इसके बाद उदाहरण दिया कि किस तरह निश्चित परिस्थितियों में रक्षात्मक शॉट खेलना जरूरी होता है.
Posted by : Pritish Sahay